उत्तरकाशी: नगर के मणिकर्णिका घाट पर नमामि गंगे परियोजना के तहत हवाघर बनाए गए हैं. प्रशासन ने स्थानीय उत्पादों के नाम पर हवाघर को दुकान में तब्दील कर दिया और अब कैफे स्टाइल के नाम पर गंगा घाट पर प्लास्टिक में पैकेट का सामान बिक्री किया जा रहा है. जिससे गंगा की सफाई अभियान पर सवाल उठने लगे हैं.
जिले के मुख्य गंगा स्नान घाट मणिकर्णिका पर नमामि गंगे परियोजना के तहत घाटों और हवाघर का निर्माण किया गया. हवाघरों में यात्री गंगा जल भरने या आरती करने के लिए जाते हैं. लेकिन हवाघर को जिला प्रशासन द्वारा आजीविका स्वायत्त सहकारिता समूह को देकर बाजारीकरण किया जा रहा है.
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जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि घाटों के निर्माण और हवाघरों के बनने पर निर्देशित किया गया कि वहां पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री की जाए. देश-विदेश से आने वाले यात्री स्थानीय किसानों के उत्पादों और अन्य हस्तकला के सामान को खरीद सकें, जिससे पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति की पहचान हो सके.