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गोमुख ट्रैक का निरीक्षण कर लौटी गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम, इस बार आवाजाही करना जोखिम भरा रहेगा

भूस्खलन व हिमस्खलन के कारण गोमुख ट्रैक को काफी नुकसान पहुंचा है. गोमुख ट्रैक पर आवाजाही करना खतरे के कम नहीं होगा. एक अप्रैल से गंगोत्री नेशनल पार्क का गेट भी खुलने जा रहा है, लेकिन ट्रैक सही होने की वजह से पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं. हालांकि गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों का कहना है कि आगामी 10 अप्रैल तक ट्रैक की मरमम्त करा दी जाएगी.

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Published : Mar 31, 2023, 6:54 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए है. चारधाम के साथ-साथ पर्यटक उत्तराखंड के अन्य पर्यटन स्थलों का भी रूख करते है, जिसमें एक गोमुख ट्रैक भी है. गंगोत्री धाम के कपाट खुलने से पहले गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम ने गोमुख ट्रैक का निरीक्षण किया, जो गोमुख ट्रैक का जायजा लेकर लौट चुकी हैं. टीम का मानना है कि इस बार गोमुख ट्रैक पर आवाजाही करना जोखिम भरा रहेगा.

निरीक्षण टीम ने बताया कि कच्ची ढांग के साथ आगे ट्रैक भूस्खलन व हिमस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त है. हालांकि गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम ने ट्रैक की मरम्मत की तैयारियां तेज कर दी हैं. पार्क के अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक की मरम्मत का काम शुरू करवाया जा रहा है, ताकि ट्रैकर्स और तीर्थयात्रियों को आवाजाही में परेशानी न हो.
पढ़ें- उत्तराखंड के रामनगर में बरसाती नाले में फंसी पैसेंजर से भरी बस, हलक में अटकी 27 यात्रियों की जान

बता दें कि एक अप्रैल से ग्रीष्मकाल के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने जा रहे है. पार्क क्षेत्र में गंगा (भागीरथी) का उद्गम स्थल गोमुख अवस्थित है. इसकी धार्मिक यात्रा से जुड़ा गोमुख तपोवन ट्रैक के साथ यहां केदारताल, जनकताल और कालिंदीखाल ट्रैक आदि भी हैं, जो देश-विदेश के पर्यटकों को ट्रैकिंग के लिए आकर्षित करते हैं.

चारधाम यात्रा के दौरान गोमुख के धार्मिक महत्व के कारण कई श्रद्धालु गौमुख यात्रा पर भी जाते हैं, लेकिन इस बार इस यात्रा में जोखिम रह सकता है. शीतकाल में भूस्खलन व हिमस्खलन के कारण यह ट्रैक कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है. हाल में पार्क प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम गोमुख ट्रैक का मुआयना कर लौटी.

पार्क की गंगोत्री रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रताप पंवार ने बताया कि बीते बुधवार रात को ही टीम वापस लौटी. उन्होंने बताया ट्रैक कच्ची ढांग में पूरी तरह खराब है. इसके आगे भी रास्ता खराब मिला है. दस अप्रैल तक रास्ते की मरम्मत कर श्रद्धालुओं की आवाजाही कराई जाएगी. गंगोत्री नेशनल पार्क के आरएन पांडे, उपनिदेशक ने बताया कि मौसम अनुकूल नहीं मिलने से इस बार ट्रैक की मरम्मत में समय लगा है. सुरक्षित आवाजाही के लिए ट्रैक की मरम्मत करवाई जा रही है.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए है. चारधाम के साथ-साथ पर्यटक उत्तराखंड के अन्य पर्यटन स्थलों का भी रूख करते है, जिसमें एक गोमुख ट्रैक भी है. गंगोत्री धाम के कपाट खुलने से पहले गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम ने गोमुख ट्रैक का निरीक्षण किया, जो गोमुख ट्रैक का जायजा लेकर लौट चुकी हैं. टीम का मानना है कि इस बार गोमुख ट्रैक पर आवाजाही करना जोखिम भरा रहेगा.

निरीक्षण टीम ने बताया कि कच्ची ढांग के साथ आगे ट्रैक भूस्खलन व हिमस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त है. हालांकि गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम ने ट्रैक की मरम्मत की तैयारियां तेज कर दी हैं. पार्क के अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक की मरम्मत का काम शुरू करवाया जा रहा है, ताकि ट्रैकर्स और तीर्थयात्रियों को आवाजाही में परेशानी न हो.
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बता दें कि एक अप्रैल से ग्रीष्मकाल के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने जा रहे है. पार्क क्षेत्र में गंगा (भागीरथी) का उद्गम स्थल गोमुख अवस्थित है. इसकी धार्मिक यात्रा से जुड़ा गोमुख तपोवन ट्रैक के साथ यहां केदारताल, जनकताल और कालिंदीखाल ट्रैक आदि भी हैं, जो देश-विदेश के पर्यटकों को ट्रैकिंग के लिए आकर्षित करते हैं.

चारधाम यात्रा के दौरान गोमुख के धार्मिक महत्व के कारण कई श्रद्धालु गौमुख यात्रा पर भी जाते हैं, लेकिन इस बार इस यात्रा में जोखिम रह सकता है. शीतकाल में भूस्खलन व हिमस्खलन के कारण यह ट्रैक कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है. हाल में पार्क प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम गोमुख ट्रैक का मुआयना कर लौटी.

पार्क की गंगोत्री रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रताप पंवार ने बताया कि बीते बुधवार रात को ही टीम वापस लौटी. उन्होंने बताया ट्रैक कच्ची ढांग में पूरी तरह खराब है. इसके आगे भी रास्ता खराब मिला है. दस अप्रैल तक रास्ते की मरम्मत कर श्रद्धालुओं की आवाजाही कराई जाएगी. गंगोत्री नेशनल पार्क के आरएन पांडे, उपनिदेशक ने बताया कि मौसम अनुकूल नहीं मिलने से इस बार ट्रैक की मरम्मत में समय लगा है. सुरक्षित आवाजाही के लिए ट्रैक की मरम्मत करवाई जा रही है.

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