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गंगोत्री धाम में भागीरथी का एक किनारा हुआ 'चकाचक', दूसरे किनारे को भी सुरक्षित करने की मांग - गंगोत्री धाम के भागीरथी नदी दूसरे किनारे को भी सुरक्षित करने की मांग

चारधाम में शुमार प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी का एक किनारा पुनर्निर्माण के बाद काफी सुंदर नजर आ रहा है, लेकिन दूसरा किनारा आपदा के बाद जस का तस है. ऐसे में तीर्थ पुरोहितों ने दूसरे किनारे को भी सुरक्षित करने की मांग की है.

gangotri ghat construction
गंगोत्री धाम में घाट निर्माण की मांग
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Published : Nov 19, 2021, 3:36 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 3:51 PM IST

उत्तरकाशीः गंगोत्री धाम में भागीरथी (गंगा) नदी के एक किनारे पर गंगोत्री मंदिर (Gangotri temple) की ओर से घाटों और सुरक्षा के कार्य पूरे हो चुके हैं. वहीं, अब गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गंगोत्री के दूसरे किनारे पर भी इसी तरह की सुरक्षात्मक कार्य और घाट निर्माण की मांग की है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि अगर गंगोत्री धाम में नदी की दूसरे किनारे की उपेक्षा की जाती है तो यह साल 2012-13 की आपदा की तरह भविष्य में बड़ा खतरा हो सकता है. क्योंकि, दूसरे किनारे पर कई आश्रम और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं.

गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के पूर्व अध्यक्ष संजीव सेमवाल, सतेंद्र सेमवाल, रमेश सेमवाल ने का कहना है कि जिला प्रशासन और सरकार की ओर से गंगोत्री मंदिर की ओर से स्नान घाटों और सुरक्षा के कार्य किए गए हैं. जो कि स्वागत योग्य हैं, लेकिन गंगोत्री में भागीरथी नदी (Bhagirathi River) के दूसरे किनारे की अभी भी उपेक्षा हो रही है. दूसरी ओर कई बड़े-बड़े आश्रम हैं. साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सरकारी भवन भी हैं. ऐसे में इसे नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

गंगोत्री धाम में बहने वाली भागीरथी नदी के दूसरे किनारे को सुरक्षित करने की मांग.

ये भी पढ़ेंः यमुनोत्री और गंगोत्री धाम को मिलेगा कायाकल्प का 'प्रसाद', 45 करोड़ की है योजना

गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि साल 2012-13 की आपदा (uttarakhand disaster) के दौरान नदी के दूसरी ओर करीब 10 से 12 भवन बह गए थे तो वहीं एक तरफ सुरक्षा के कार्य होने के कारण नदी का सर्पाकार का रुख दूसरी ओर बह रहा है. इसलिए तीर्थ पुरोहितों ने जिलाधिकारी और शासन से मांग की है कि गंगोत्री के दूसरे किनारे पर भी सुरक्षा निर्माण कार्य किए जाएं. जिससे गंगोत्री पूरी तरह से सुरक्षित हो सके.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी: हाईटेक हुआ गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, 13 CCTV कैमरे किये इंस्टॉल

उत्तरकाशीः गंगोत्री धाम में भागीरथी (गंगा) नदी के एक किनारे पर गंगोत्री मंदिर (Gangotri temple) की ओर से घाटों और सुरक्षा के कार्य पूरे हो चुके हैं. वहीं, अब गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गंगोत्री के दूसरे किनारे पर भी इसी तरह की सुरक्षात्मक कार्य और घाट निर्माण की मांग की है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि अगर गंगोत्री धाम में नदी की दूसरे किनारे की उपेक्षा की जाती है तो यह साल 2012-13 की आपदा की तरह भविष्य में बड़ा खतरा हो सकता है. क्योंकि, दूसरे किनारे पर कई आश्रम और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं.

गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के पूर्व अध्यक्ष संजीव सेमवाल, सतेंद्र सेमवाल, रमेश सेमवाल ने का कहना है कि जिला प्रशासन और सरकार की ओर से गंगोत्री मंदिर की ओर से स्नान घाटों और सुरक्षा के कार्य किए गए हैं. जो कि स्वागत योग्य हैं, लेकिन गंगोत्री में भागीरथी नदी (Bhagirathi River) के दूसरे किनारे की अभी भी उपेक्षा हो रही है. दूसरी ओर कई बड़े-बड़े आश्रम हैं. साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सरकारी भवन भी हैं. ऐसे में इसे नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

गंगोत्री धाम में बहने वाली भागीरथी नदी के दूसरे किनारे को सुरक्षित करने की मांग.

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गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि साल 2012-13 की आपदा (uttarakhand disaster) के दौरान नदी के दूसरी ओर करीब 10 से 12 भवन बह गए थे तो वहीं एक तरफ सुरक्षा के कार्य होने के कारण नदी का सर्पाकार का रुख दूसरी ओर बह रहा है. इसलिए तीर्थ पुरोहितों ने जिलाधिकारी और शासन से मांग की है कि गंगोत्री के दूसरे किनारे पर भी सुरक्षा निर्माण कार्य किए जाएं. जिससे गंगोत्री पूरी तरह से सुरक्षित हो सके.

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Last Updated : Nov 19, 2021, 3:51 PM IST
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