उत्तरकाशी: जनपद में अब तक फायर सीजन के आसपास ही जंगलों में आग दिखाई देती थी, लेकिन अब सर्दियों में भी जंगल में आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं. दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के पास राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई. जिससे अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल धधकते नजर आ रहे हैं. इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं. हालांकि बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी.
आंखों में जलन की हो सकती है समस्या: जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ.प्रेम पोखरियाल ने बताया कि वन अग्नि के चलते फैली धुंध से श्वास और दमा रोगियों को घुटन हो सकती है. साथ ही आंखों में जलन और खांसी की समस्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि धुंध से बचाव के लिए मास्क का प्रयोग करें और घरों की खिड़कियां बंद रखें. इसके अलावा दोपहिया वाहन चालक चश्मे का जरूर प्रयोग करें.
क्या कहते हैं अधिकारी: उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगाने से यह समस्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि वन अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है. जिससे आग पर काबू पाया जा सके.
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वन क्षेत्र में आग लगने पर पास के गांवों पर होगी एफआईआर : एडीएम रजा अब्बास ने डीएम के निर्देश पर इस संबंध में वन विभाग को आदेश जारी किए हैं कि जिस वन क्षेत्रों में आग लगी मिलती है, तो उससे लगे गांवों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. डीएफओ डीपी बलूनी ने इस आदेश की पुष्टि की है. हालांकि उन्होंने अभी किसी गांव के खिलाफ एफआईआर से इंकार किया है.
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