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उत्तराखंड के इस जिले में न के बराबर है लड़कियों का बर्थ रेट, 'ऑपरेशन' आशा शुरू

उत्तरकाशी से एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. डीएम ने बताया है कि जिले के 6 ब्लॉक में लड़कियों के जन्म लेने की दर बेहद कम है. कई स्थानों पर नहीं के बराबर है. ऐसी स्थिति देख रेड जोन आशा नाम से एक अभियान शुरू किया गया है.

उत्तरकाशी में घट रहा बालिका प्रजनन दर.
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Published : Jul 18, 2019, 8:36 PM IST

Updated : Jul 19, 2019, 5:30 PM IST

उत्तरकाशी: सीमांत जनपद उत्तरकाशी में एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. जनपद के 6 ब्लॉक- भटवाड़ी, डुंडा, चिन्यालीसौड़, नौगांव, पुरोला और मोरी में बालिका प्रजनन दर बेहद कम है. इतना ही नहीं बल्कि कई स्थानों पर ये नहीं के बराबर है. प्रत्येक ब्लॉक के हर गांव की आशाओं की बीते 6 माह की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. रिपोर्ट सामने आने के बाद डीएम डॉ आशीष चौहान ने रेड जोन आशा नाम से एक अभियान शुरू किया है.

उत्तरकाशी में घट रहा बालिका प्रजनन दर.

दरअसल, डीएम ने आशा कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक ली, जिसमें ये चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया. डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि स्वास्थ विभाग से प्रत्येक ब्लॉक के हर गांव के आशाओं की विगत 6 माह की रिपोर्ट मांगी गई थी, जिससे पता चला कि जनपद के 6 ब्लॉक भटवाड़ी, डुंडा, चिन्यालीसौड़, नौगांव, पुरोला और मोरी में बालिका प्रजनन दर बहुत कम है. इतना ही नहीं, कई स्थानों पर ये नगण्य है.

पढ़ें- उत्तराखंडः गंगोत्री में क्या है थोक ब्रहमणों का रहस्य, जानें

एक गांव में बीते 6 माह में 11 बच्चों ने जन्म लिया है, जिनमें बात अगर बालिकाओं की करें तो 9 लड़कों पर मात्र 2 लड़कियां का ही जन्म हुआ है. साथ ही कई गांवों में पिछले 6 महीने में 5 बच्चों का जन्म हुआ है जिनमें एक भी लड़की नहीं है.

ये आंकड़ा देख जिलाधिकारी ने रेड जोन आशा नाम से एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत बालिका प्रजनन दर बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. प्रत्येक ब्लॉक में बालिका प्रजनन दर की हर 6 माह की रिपोर्ट ली जाएगी. साथ ही प्रजनन दर कम होने पर गांव की आशा पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

मामले पर चिंता जताते हुए डीएम ने बताया कि रेड जोन आशा अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी उन गांवों का निरीक्षण करेंगे जहां बालिका प्रजनन दर कम है. साथ ही अधिकारी हर 6 माह में इसकी एक रिपोर्ट विभागीय अधिकारी को देंगे. गांवों में बालिका प्रजनन दर बढ़ाने के लिए जन जागरुकता बढ़ाने के लिये अभियान भी चलाए जाएंगे.

उत्तरकाशी: सीमांत जनपद उत्तरकाशी में एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. जनपद के 6 ब्लॉक- भटवाड़ी, डुंडा, चिन्यालीसौड़, नौगांव, पुरोला और मोरी में बालिका प्रजनन दर बेहद कम है. इतना ही नहीं बल्कि कई स्थानों पर ये नहीं के बराबर है. प्रत्येक ब्लॉक के हर गांव की आशाओं की बीते 6 माह की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. रिपोर्ट सामने आने के बाद डीएम डॉ आशीष चौहान ने रेड जोन आशा नाम से एक अभियान शुरू किया है.

उत्तरकाशी में घट रहा बालिका प्रजनन दर.

दरअसल, डीएम ने आशा कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक ली, जिसमें ये चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया. डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि स्वास्थ विभाग से प्रत्येक ब्लॉक के हर गांव के आशाओं की विगत 6 माह की रिपोर्ट मांगी गई थी, जिससे पता चला कि जनपद के 6 ब्लॉक भटवाड़ी, डुंडा, चिन्यालीसौड़, नौगांव, पुरोला और मोरी में बालिका प्रजनन दर बहुत कम है. इतना ही नहीं, कई स्थानों पर ये नगण्य है.

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एक गांव में बीते 6 माह में 11 बच्चों ने जन्म लिया है, जिनमें बात अगर बालिकाओं की करें तो 9 लड़कों पर मात्र 2 लड़कियां का ही जन्म हुआ है. साथ ही कई गांवों में पिछले 6 महीने में 5 बच्चों का जन्म हुआ है जिनमें एक भी लड़की नहीं है.

ये आंकड़ा देख जिलाधिकारी ने रेड जोन आशा नाम से एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत बालिका प्रजनन दर बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. प्रत्येक ब्लॉक में बालिका प्रजनन दर की हर 6 माह की रिपोर्ट ली जाएगी. साथ ही प्रजनन दर कम होने पर गांव की आशा पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

मामले पर चिंता जताते हुए डीएम ने बताया कि रेड जोन आशा अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी उन गांवों का निरीक्षण करेंगे जहां बालिका प्रजनन दर कम है. साथ ही अधिकारी हर 6 माह में इसकी एक रिपोर्ट विभागीय अधिकारी को देंगे. गांवों में बालिका प्रजनन दर बढ़ाने के लिए जन जागरुकता बढ़ाने के लिये अभियान भी चलाए जाएंगे.

Intro:उत्तरकाशी जनपद में बालिका प्रजनन दर लगातार घट रही है। इस बात का खुलासा डीएम की आशा कार्यकर्ताओं के साथ हुई बैठक में हुई है। डीएम डॉ आशीष चौहान ने इसके बाद रेड जोन आशा नाम से अभियान शुरू किया है। जिसके तहत बालिका प्रजनन दर को बढाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उत्तरकाशी। सीमान्त जनपद उत्तरकाशी में एक चोंकाने वाली बात सामने आई है। उत्तरकाशी के 6 विकासखंडों में लगातार बालिकाओं के प्रजनन दर में कमी आई है। इस बात का खुलासा तब हुआ,जब डीएम डॉ आशीष चौहान ने स्वास्थ विभाग से प्रत्येक आशा कार्यक्रतियों की रिपोर्ट मांगी और उसके बाद आशाओं के साथ एक बैठक भी की। जिसमें डीएम ने इन कारणों को जानने की कोशिश की और बैठक में रेड जोन आशा नाम से एक अभियान शुरू किया। जिसमें कि प्रत्येक ब्लॉक में बालिका प्रजनन दर की हर 6 माह की रिपोर्ट ली जाएगी। दर कम होने पर गांव की आशा पर कार्यवाही भी की जा सकती है।


Body:वीओ-1, डीएम डॉ आशीष चौहान ने बताया कि स्वास्थ विभाग से प्रत्येक ब्लॉक की हर गांव के आशाओं की विगत 6 माह की रिपोर्ट मांगी गई। जिसमें चौकाने वाली बात सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार सीमान्त जनपद के 6 ब्लॉक भटवाड़ी,डुंडा,चिन्यालीसौड़,नौगांव,पुरोला और मोरी में यह चिंता का सबब बन गया है कि गांव में बालिका प्रजनन दर बहुत कम है और कई स्थानों पर नगण्य भी है। डीएम ने कहा कि एक गांव में विगत 6 माह में 11 प्रजनन हुए हैं। जिनमे बालिका प्रजनन दर की बात करें,तो 9 लड़कों पर मात्र 2 बालिकाओं के जन्म हुआ है। साथ ही कई गांव में विगत 6 माह में 5 बालकों का प्रजनन हुआ है और बालिका एक भी नहीं है।


Conclusion:वीओ-2, डीएम डॉ आशीष चौहान ने कहा कि यह एक बहुत ही बड़ा चिंताजनक विषय है। बालिका प्रजनन दर के लिए रेड जोन आशा अभियान शुरू किया गया है। जिसके तहत स्वास्थ विभाग के उच्च अधिकारी उन गांव का निरीक्षण करेंगे। जहां पर बालिका प्रजनन दर कम हुआ हो या नगण्य है। हर 6 माह की एक रिपोर्ट इस पर विभागीय अधिकारी देंगे। साथ ही गांव में बालिका प्रजनन दर के लिए जन जागरूकता अभियान सहित सभी वो कदम उठाए जाएंगे। जिससे कि बालिका प्रजनन दर बढ़ सके। साथ ही 6 माह की रिपोर्ट में जिन आशाओं के क्षेत्र में बालिका प्रजनन दर कम होगी। उन पर कार्यवाही भी जा सकती सकती है। बाईट- डीएम डॉ आशीष चौहान।
Last Updated : Jul 19, 2019, 5:30 PM IST
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