उत्तरकाशीः सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 6 दिन हो गए हैं. ऐसे में अब अपनों का हाल जानने के लिए परिजनों का उत्तरकाशी पहुंचने का सिलसिला जारी है. सभी लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि वो जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर आ जाएं. इसी कड़ी में उधम सिंह नगर के नफीस अहमद भी सुरंग में फंसे चचेरे भाई सबा अहमद की तलाश में सिलक्यारा पहुंचे. उनका कहना था कि जब तक भी रूकना पड़े, वो रूकेंगे और भाई को साथ लेकर ही जाएंगे.
सिलक्यारा पहुंच रहे परिजनः यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना के बाद परिजनों को उम्मीद थी कि एक या दो दिनों में सभी लोग बाहर निकल आएंगे, लेकिन ऐसा न होने पर उनकी चिंता बढ़ती जा रही है. साथ ही उनके सिलक्यारा पहुंचने की तादाद भी अब बढ़ने लगी है. शुक्रवार को अपनों की तलाश में सिलक्यारा पहुंचे, ऐसे ही लोगों से बातचीत की गई.
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उधम सिंह नगर से पहुंचे नफीस अदमदः उधम सिंह नगर से पहुंचे नफीस अदमद ने बताया कि उनका चचेरा भाई सबा अहमद यहां फोरमैन के पद पर कार्यरत है. जिसे लेने के लिए वो पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी भाई से बात तो नहीं कराई गई है, लेकिन उनके साथी से बात हुई है. जिसमें बताया गया है कि वो सभी सुरक्षित हैं, लेकिन कहीं न कहीं घबराए हुए हैं कि कब बाहर निकलेंगे?
यूपी से भी पहुंचे लोगः वहीं, उत्तर प्रदेश से पहुंचे चौधरी ने बताया कि उनका बेटा मंजीत सुरंग के अंदर फंसा हुआ है. बीती गुरुवार को उनकी पाइप लाइन के जरिए बेटे से बात हुई, जिसमें उसने कहा था कि वो ठीक है और चिंता की कोई बात नहीं है. इसके अलावा लखीमपुर खीरी से आए शत्रुघ्न लाल ने बताया कि उनका भतीजा मंजीत सुरंग में फंसा हुआ है. उनकी भी पाइप लाइन के जरिए भतीजे से बातचीत करवाई गई थी.
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सिलक्यारा टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए मॉक ड्रिलः सिलक्यारा टनल में फंसे 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने और अन्य आपातकालीन कवायदों को लेकर पुलिस, आईटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआएफ के जवानों ने मॉक ड्रिल की. जिसमें जरूरत पड़ने पर अंदर फंसे लोगों को पाइप के अंदर घुसकर बाहर निकालने समेत उनके मेडिकल चेकअप को लेकर तैयारी परखी गई.
उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि ड्रिलिंग की कार्रवाई के बाद रेस्क्यू के अगले चरण में पाइप के जरिए अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के काम में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसे लेकर मॉक ड्रिल की गई है. जिससे सभी आपदा राहत से जुड़ी एजेंसियों के बीच अच्छा समन्वय रहे.