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गजब! बंद हो चुकी पेंशन के बारे में पूछने पहुंचा दिव्यांग तो पता चला वो मर चुका है - मृत पात्र को पेंशन

मोरी ब्लॉक के साटूडी गांव के रतन सिंह को साल 2018 मार्च महीने के बाद पेंशन नहीं मिल पा रही है. जिसकी शिकायत दिव्यांग रतन सिंह ने जिलाधिकारी से की है.

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रतन सिंह
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Published : Feb 12, 2020, 10:55 PM IST

Updated : Feb 12, 2020, 11:01 PM IST

उत्तरकाशीः जिले में समाज कल्याण विभाग का नया कारनामा सामने आया है. सीमांत मोरी ब्लॉक के साटूडी गांव के दिव्यांग रतन सिंह के साथ समाज कल्याण विभाग ने घिनौना मजाक किया है. दिव्यांग रतन सिंह जब विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि मार्च 2018 में वे मृत घोषित कर दिए गए हैं.

दिव्यांग रतन सिंह को नहीं मिल रहा पेंशन.

दरअसल, बुधवार को डीएम डॉ. आशीष चौहान भी उस समय दंग रहे गए, जब मोरी ब्लॉक के साटूडी गांव के बाएं पैर से दिव्यांग रतन सिंह अपनी गुहार लेकर पहुंचे. रतन सिंह ने डीएम को बताया कि उन्हें पेंशन इसलिए नहीं मिल रही है, क्योंकि समाज कल्याण विभाग के कागजों में उन्हें मृत घोषित किया गया है. जिस पर डीएम भी हैरान दिखे कि जो व्यक्ति तीन महीने पहले उनके पास अपनी शिकायत लेकर आया था. उसे साल 2018 मार्च महीने के बाद से मृत घोषित किया गया है.

ये भी पढ़ेंः इंसाफ के लिए भटक रहा BJP कार्यकर्ता, 9 महीने बाद भी नहीं दर्ज हो पाई बेटे की हत्या की रिपोर्ट

दिव्यांग रतन सिंह का कहना है कि वह 200 किमी की दूरी तय कर विकास भवन पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि वो तो मर चुके हैं. अब उन्हें उनकी पेंशन नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि जब 3 सालों से दिव्यांग पेंशन नहीं मिली, तब वो डीएम के पास आए हैं.

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दिव्यांग रतन सिंह.

डीएम के निर्देशानुसार वो विकास भवन समाज कल्याण के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि मार्च 2018 तक उनकी पेंशन आ गई थी. उसके बाद वह मृत घोषित कर दिए गए. जिसे सुन उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

इस कारनामे को सुन डीएम डॉ. आशीष चौहान ने एसडीएम पुरोला के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

उत्तरकाशीः जिले में समाज कल्याण विभाग का नया कारनामा सामने आया है. सीमांत मोरी ब्लॉक के साटूडी गांव के दिव्यांग रतन सिंह के साथ समाज कल्याण विभाग ने घिनौना मजाक किया है. दिव्यांग रतन सिंह जब विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि मार्च 2018 में वे मृत घोषित कर दिए गए हैं.

दिव्यांग रतन सिंह को नहीं मिल रहा पेंशन.

दरअसल, बुधवार को डीएम डॉ. आशीष चौहान भी उस समय दंग रहे गए, जब मोरी ब्लॉक के साटूडी गांव के बाएं पैर से दिव्यांग रतन सिंह अपनी गुहार लेकर पहुंचे. रतन सिंह ने डीएम को बताया कि उन्हें पेंशन इसलिए नहीं मिल रही है, क्योंकि समाज कल्याण विभाग के कागजों में उन्हें मृत घोषित किया गया है. जिस पर डीएम भी हैरान दिखे कि जो व्यक्ति तीन महीने पहले उनके पास अपनी शिकायत लेकर आया था. उसे साल 2018 मार्च महीने के बाद से मृत घोषित किया गया है.

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दिव्यांग रतन सिंह का कहना है कि वह 200 किमी की दूरी तय कर विकास भवन पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि वो तो मर चुके हैं. अब उन्हें उनकी पेंशन नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि जब 3 सालों से दिव्यांग पेंशन नहीं मिली, तब वो डीएम के पास आए हैं.

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दिव्यांग रतन सिंह.

डीएम के निर्देशानुसार वो विकास भवन समाज कल्याण के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि मार्च 2018 तक उनकी पेंशन आ गई थी. उसके बाद वह मृत घोषित कर दिए गए. जिसे सुन उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

इस कारनामे को सुन डीएम डॉ. आशीष चौहान ने एसडीएम पुरोला के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

Last Updated : Feb 12, 2020, 11:01 PM IST
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