उत्तरकाशी: भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा के सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर गुरुवार को भारतीय वायु सेना का मल्टी पर्पज चिनूक हेलीकॉप्टर उतरा. करीब डेढ़ घंटे चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर रुकने के बाद चिनूक हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी. जहां से चिनूक हेलीकॉप्टर भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा के निरीक्षण और निगरानी के लिए रवाना हुआ. चिनूक हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना का सबसे महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर है, जो कि किसी भी संकरी और कठिन कठिनाइयों में उड़ान भर सकता है.
जानकारी के अनुसार गुरुवार को भारतीय वायु सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर चंडीगढ़ से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर उतरा. यहां चिनूक हेलीकॉप्टर करीब डेढ़ घंटे रुका. उसके बाद फ्यूल भरवाकर चिनूक हेलीकॉप्टर ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए उड़ान भरी.
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बता दें कि हाल ही में हर्षिल छावनी क्षेत्र के बगोरी गांव के आर्मी हेलीपैड पर भी चिनूक हेलीकॉप्टर उतरा था. जहां पर चिनूक हेलीकॉप्टर 15 मिनट रुका था.
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चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी सहित हर्षिल घाटी और इससे आगे नेलांग और जाडुंग भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े होने के कारण सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. इसलिए आम तौर पर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान सीमा की सुरक्षा के तहत हर्षिल घाटी और जनपद मुख्यालय के आसमान में घूमते दिखाई देते हैं. चिनूक हेलीकॉप्टर दो साल पहले ही भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ. इससे पहले केदारनाथ में भी चिनूक हेलीकॉप्टर लैंड कर चुका है. चिनूक मालवाहक विमान है.