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भागीरथी में लगातार हो रहा अवैध खनन, हादसे के इंतजार में अधिकारी?

भागीरथी नदी के बढ़े हुए जलस्तर में हो रहा जानलेवा अवैध खनन. प्रशासन ने अबतक नहीं ली कोई सुध.

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Published : Jun 8, 2019, 4:48 PM IST

भागीरथी नदी में अवैध खनन.

उत्तरकाशी: भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ते तापमान के कारण पिघल रहे ग्लेशियर की वजह से काफी बढ़ गया है. इस बढ़े हुए भागीरथी नदी के जलस्तर के बावजूद भी तिलोथ से लेकर मनेरा तक जानलेवा अवैध खनन बदस्तूर जारी है. उफान पर बह रही नदी के बीच रेत लाने के लिए खच्चरों को पार करवाया जा रहा है. खनन कर रहे मजदूर भी जान जोखिम में डालकर नदी के बीचों-बीच टापुओं पर खनन कर रहे हैं. सवाल यह उठता है कि अगर ऐसी स्थिति में कोई बड़ा हादसा हो जाता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

भागीरथी नदी में लगातार हो रहा जानलेवा अवैध खनन.

ईको सेंसटिव जोन के तहत भागीरथी नदी में खनन को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. इसके बावजूद धड़ल्ले से हो रहे इस जानलेवा अवैध खनन के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एक तो गर्मी की वजह से ग्लेशियरों का पिघल रहे हैं दूसरी ओर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से भी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में खनन कर रहे मजदूर और बेजुबान खच्चरों के साथ कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

पढ़ें- पाकिस्तान के कारण 2 घंटे देरी से दून पहुंचा प्रकाश पंत का पार्थिव शरीर, जानिए बड़ी वजह

यूं तो जून माह में भागीरथी नदी के किनारों नदी का जलस्तर बढ़ने पर हर साल अलर्ट जारी किया जाता है. साथ ही मनेरी जल विद्युत परियोजना की ओर से भी कई बार नदी में पानी छोड़ा जाता है. इन सब चेतावनी के बाद भी भागीरथी नदी में तिलोथ से लेकर मनेरा तक लगातार जानलेवा खनन जारी है. विगत सालों में नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण कई हादसे हो चुके हैं. लेकिन, उसके बाद भी प्रशासन आंखें मूंदे बैठ हादसों का इंतदार कर रहा है.

उत्तरकाशी: भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ते तापमान के कारण पिघल रहे ग्लेशियर की वजह से काफी बढ़ गया है. इस बढ़े हुए भागीरथी नदी के जलस्तर के बावजूद भी तिलोथ से लेकर मनेरा तक जानलेवा अवैध खनन बदस्तूर जारी है. उफान पर बह रही नदी के बीच रेत लाने के लिए खच्चरों को पार करवाया जा रहा है. खनन कर रहे मजदूर भी जान जोखिम में डालकर नदी के बीचों-बीच टापुओं पर खनन कर रहे हैं. सवाल यह उठता है कि अगर ऐसी स्थिति में कोई बड़ा हादसा हो जाता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

भागीरथी नदी में लगातार हो रहा जानलेवा अवैध खनन.

ईको सेंसटिव जोन के तहत भागीरथी नदी में खनन को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. इसके बावजूद धड़ल्ले से हो रहे इस जानलेवा अवैध खनन के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एक तो गर्मी की वजह से ग्लेशियरों का पिघल रहे हैं दूसरी ओर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से भी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में खनन कर रहे मजदूर और बेजुबान खच्चरों के साथ कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

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यूं तो जून माह में भागीरथी नदी के किनारों नदी का जलस्तर बढ़ने पर हर साल अलर्ट जारी किया जाता है. साथ ही मनेरी जल विद्युत परियोजना की ओर से भी कई बार नदी में पानी छोड़ा जाता है. इन सब चेतावनी के बाद भी भागीरथी नदी में तिलोथ से लेकर मनेरा तक लगातार जानलेवा खनन जारी है. विगत सालों में नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण कई हादसे हो चुके हैं. लेकिन, उसके बाद भी प्रशासन आंखें मूंदे बैठ हादसों का इंतदार कर रहा है.

Intro:हेडलाइन- भागीरथी नदी में जानलेवा खनन। उत्तरकाशी। भागीरथी नदी में तिलोथ से लेकर मनेरा तक जानलेवा खनन बदस्तूर जारी है। लेकिन इस जानलेवा खनन के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। इन दिनों तापमान बढ़ने के कारण ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं। जिस कारण भागीरथी नदी का जलस्तर बढा हुआ है। इस बढ़े हुए जलस्तर के बीच लगातार अवैध खनन जारी है और उफान पर बहती नदी के बीच रेत लाने के लिए खच्चरों को पार करवाया जा रहा है साथ ही खनन कर रहे मजदूर भी जान जोखिम में डालकर नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण बने टापुओं पर खनन कर रहे हैं।सवाल यह उठता है कि अगर ऐसी स्थिति में कोई बड़ा हादसा हो जाता है। तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।


Body:वीओ-1, ईको सेंसटिव जोन के तहत भागीरथी नदी में खनन को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। तो साथ ही इन दिनों उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ग्लेशियर पिघलने के कारण भागीरथी नदी का जलस्तर बढा हुआ है। जलस्तर बढ़ने के कारण नदी कई धाराओं में बह रही है और नदी के बीच में छोटे छोटे टापू बने हुए हैं। नदी के बढ़े हुवे जलस्तर के बीच मजदूर खच्चरों के साथ भागीरथी के बीच इन टापुओं पर जाकर लगातार अवैध खनन कर रहे हैं। उसके बाद भी प्रशासन मौन बैठा है। वहीं अगर पहाड़ो में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश होते ही अचानक निचले क्षेत्रो में नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में खनन कर रहे मजदूर और बेजुबान खच्चरों के साथ कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।



Conclusion:वीओ-2, जून माह में भागीरथी नदी के किनारों नदी का जलस्तर बढ़ने पर हर वर्ष अलर्ट रहता है। साथ ही मनेरी जल विधुत परियोजना की और से भी कई बार पानी छोड़ा जाता है। इन सब चेतावनी के बाद भी भागीरथी नदी में तिलोथ से लेकर मनेरा तक लगातार जानलेवा खनन जारी है। विगत वर्षों में नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण कई हादसे हो चुके हैं। लेकिन उसके बाद भी प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है। इस जानलेवा खनन को रोकने के लिए किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं कि जा रही है। पीटीसी- विपिन नेगी,सवांददाता उत्तरकाशी।
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