उत्तरकाशीः आराकोट बंगाण क्षेत्र में मौसम की मार से सेब की पैदावार प्रभावित हुई है. बीते मई से लेकर मॉनसून सीजन तक करीब 50 फीसदी सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है. पहले अप्रैल और मई में बर्फबारी और ओलावृष्टि के चलते बीते साल के मुकाबले इस बार करीब 40 फीसदी उत्पादन प्रभावित हुआ. इसके बाद मॉनसून सीजन में भूस्खलन के कारण भी सेब को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में बागवानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.
बंगाण क्षेत्र के बागवान मनमोहन चौहान, नरेश चौहान, उमेश चौहान, धर्म सिंह, रघुवीर सिंह का कहना है कि पहले मई महीने में बर्फबारी और ओलावृष्टि हुई. जिससे सेब के उत्पादन को नुकसान हुआ तो वहीं अब बरसात में भूस्खलन और भू धंसाव के कारण सेब की फसल तबाह हो गई है. बारिश के कारण भी कई दिनों तक सड़क बंद रही. जिस कारण उनके सेब घरों और गोदामों में ही सड़ गए.
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बता दें कि आराकोट बंगाण क्षेत्र में जिले का सबसे ज्यादा यानी करीब 9 से 10 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है. इसके साथ ही अभी तक सेब के नुकसान को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से किसी प्रकार के मुआवजे की व्यवस्था नहीं की गई है. जबकि, बागवानों को बर्फबारी समेत ओलावृष्टि और बारिश के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ी है.
मामले में उद्यान विभाग आराकोट के प्रभारी कीरत सिंह का कहना है कि पूर्व में बर्फबारी और ओलावृष्टि के कारण बंगाण क्षेत्र में करीब 40 प्रतिशत सेब की पैदावार को नुकसान हुआ है. अभी मॉनसून में भी भूस्खलन और अन्य कारणों से भी नुकसान पहुंचा है. जिसका आकलन किया जा रहा है. वहीं, बागवानों के नुकसान की सूचना प्रशासन और शासन को दी जा रही है.
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