रुद्रपुर: डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक महिला की आज सुबह जिला अस्पताल में मौत हो गई. मामला कुछ ही देर इतना बड़ गया कि भाजपा विधायक राजेश शुक्ला जिला अस्पताल में धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों को जमकर फटकार भी लगाई. इस दौरान सीएमओ, सीएमएस सहित तमाम डॉक्टरों की टीम विधायक को मनाने पहुंची, लेकिन विधायक धरने पर डटे रहे. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर भी गंभीर आरोप लगाए.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते आज सुबह एक महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर पूरी रात उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर करते रहे. मिली जानकारी के अनुसार, किच्छा निवासी पार्वती की देर रात अचानक तबीयत खराब हो गयी थी. परिजनों ने महिला को किच्छा सीएससी अस्पताल में भर्ती किया. किच्छा में इलाज न होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जैसे ही परिजन महिला को जिला अस्पताल ले कर पहुंचे तो डॉक्टरों ने अस्पताल में प्लेट्स न चढ़ने की सुविधा का हवाला देते हुए महिला को रुद्रपुर के निजी अस्पताल में रेफर कर दिया.
परिजन जैसे ही महिला को निजी अस्पताल ले गए वहां अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से दस हजार रुपए जमा करने के लिए कहा. हालांकि बाद में महिला को कोविड-19 की जांच का हवाला देते हुए हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन ने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया. जिसके बाद थक हार कर परिजनों ने एक बार फिर जिला अस्पताल रुद्रपुर की ओर रुख किया. तकरीबन चार बजे डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया. इस दौरान आज सुबह महिला की तड़प-तड़प अस्पताल में दम तोड़ दिया.
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डॉक्टरों की लापरवाही को देखते हुए किच्छा भाजपा विधायक राजेश शुक्ला जिला अस्पताल में धरने पर बैठ गए. इस दौरान विधायक ने डॉक्टरों की जमकर फटकार भी लगाई. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते महिला का इलाज नही हो पाया. उन्होंने जिला अस्पताल और निजी अस्पताल पर मिली-भगत का आरोप लगाते हुए मामले में जांच की मांग की है.