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मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरे का प्रकोप, 15 फरवरी के बाद मिल सकती है राहत

उत्तरभारत के मैदानी इलाकों में पड़ रही कड़ाके की ठंड से अभी लोगों को और जूझना होगा. ऐसे में 15 फरवरी के बाद ही लोगों को कोहरे और कड़ाके की ठंड से निजात मिल सकती है.

rudrapur
मौसम की मार से जन जीवन अस्त-व्यस्त
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Published : Jan 23, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 8:09 PM IST

रुद्रपुर: तराई और मैदानी इलाकों में रहने वालों लोगों को अभी ठंड से निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है. पहाड़ी जिलों में पश्चिम दिशा से चल रही हवा के कारण पहाड़ी व मैदानी इलाकों में बारिश होने की संभावना बनी हुई है. पंद्रह फरवरी के बाद कोहरे और ठंड से लोगों को निजात मिल सकती है.

मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरे का प्रकोप

उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में घने कोहरे के कारण जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त होने लगा है. पहाड़ी जिलों से तराई और मैदानी इलाकों की तरफ चल रही शीतलहर के कारण ठंड में इजाफा हो रहा है. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में दो से ढाई हजार मीटर की ऊंचाई पर बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ के कारण तराई और मैदानी इलाकों में शीत लहर का प्रकोप बना रहेगा.

ये भी पढ़ें:स्वयं सहायता समूह के नाम पर 40 महिलाओं से ठगी, लगाया लाखों का चूना

वही, मौसम वैज्ञानिक अजित नैन ने बताया कि मैदानी इलाको में कड़ाके की ठंड और कोहरे से अभी लोगों को निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है. यही नहीं पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होने की संभावना भी बन रही है. जबकि, 15 फरवरी के बाद ही मौसम में राहत देखी जा सकेगी.

रुद्रपुर: तराई और मैदानी इलाकों में रहने वालों लोगों को अभी ठंड से निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है. पहाड़ी जिलों में पश्चिम दिशा से चल रही हवा के कारण पहाड़ी व मैदानी इलाकों में बारिश होने की संभावना बनी हुई है. पंद्रह फरवरी के बाद कोहरे और ठंड से लोगों को निजात मिल सकती है.

मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरे का प्रकोप

उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में घने कोहरे के कारण जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त होने लगा है. पहाड़ी जिलों से तराई और मैदानी इलाकों की तरफ चल रही शीतलहर के कारण ठंड में इजाफा हो रहा है. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में दो से ढाई हजार मीटर की ऊंचाई पर बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ के कारण तराई और मैदानी इलाकों में शीत लहर का प्रकोप बना रहेगा.

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वही, मौसम वैज्ञानिक अजित नैन ने बताया कि मैदानी इलाको में कड़ाके की ठंड और कोहरे से अभी लोगों को निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है. यही नहीं पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होने की संभावना भी बन रही है. जबकि, 15 फरवरी के बाद ही मौसम में राहत देखी जा सकेगी.

Intro:Summry - उत्तरभारत के मैदानी इलाकों में पड़ रही कड़ाके की ठंड से अभी लोगो को निजात नही मिल रही। 15 फरवरी के बाद कोहरे ओर कड़ाके की ठंड से लोगो को निजात मिल सकती है।


एंकर - तराई और मैदानी इलाकों में रहने वालों को अभी ठंड से निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है। यही नही पहाड़ो से मैदानी व पहाड़ी जिलों में पश्चिम दिशा की ओर चल रही हवा के कारण पहाड़ी व मैदानी इलाकों में बारिश होने की संभावना बनी हुई है। 15 फरवरी के बाद कोहरे और ठंड से निजात मिल सकती है।

Body:वीओ - उत्तरभारत के तराई ओर मैदानी इलाको में पड़ रही कड़ाके की ठंड से अभी लोगो को निजात मिलती दिखाई नही दे रही है। उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यो में घने कोहरे के कारण जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त होने लगा है। पहाड़ी जिलों से तराई ओर मैदानी इलाकों की ओर चल रही हवा के करण ठंड में इजाफा हो रहा है। यही नही पहाड़ी क्षेत्रों में दो से ढाई किलोमीटर उचाई पर पश्चिमी दिशा में तेज गति से हवाई चल रही है। जिसकारण बारिश होने की सम्भावनाये बनी हुई है। साथ ही ठंड में इजाफा भी देखने को मिलेगा। मौषम वैज्ञानिकों की माने तो पहाड़ो से मैदानी इलाकों की ओर चल रही हवाओ के कारण मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड ओर कोहरे से लोगो को राहत नही मिलने वाली है। 15 फरवरी तक कोहरा ओर बारिश लोगो की मुश्किलें ओर अधिक बड़ा सकता है।

वही मौषम वैज्ञानिक अजित नैन ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों से मैदानी क्षेत्रों की ओर चल रही हवा के कारण उत्तरभारत के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड ओर कोहरे से अभी लोगो को निजात नही मिलती दिखाई दे रही है। यही नही पश्चमी विक्षोभ के बनने के कारण बारिश होने की संभावना भी बनी हुई है।

बाइट - अजीत नैन, मौषम वैज्ञानिक।Conclusion:
Last Updated : Jan 23, 2020, 8:09 PM IST
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