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शारदा वन रेंज में टाइगरों की दस्तक से उड़ी ग्रामीणों की नींद, वन विभाग अलर्ट

बीते दो सालों में टाइगर इस इलाके में चारों लोगों को अपना निवाला बना चुका है. ऐसे में एक बार फिर वनों से लगे रिहायशी इलाके में टाइगर की धमक ने ग्रामीणों के साथ वन विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है. ग्रामीण खौफ के साये में जी रहे है.

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Published : Feb 3, 2019, 4:20 AM IST

खटीमा: टनकपुर नंधौर अभ्यारण से लगे शारदा वन रेंज में टाइगरों की दस्तक ने ग्रामीणों को नींद उड़ा दी है. इसी के साथ वन विभाग भी अलर्ट हो गया है. वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क करते हुए सुबह-शाम खेतों में न जाने की सलाह दी है.

पढ़ें- 7 साल से पुलिस के लिए सिरदर्द बना था ये फरार अपराधी, ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

बता दें कि बीते दो सालों में टाइगर इस इलाके में चारों लोगों को अपना निवाला बना चुका है. ऐसे में एक बार फिर वनों से लगे रिहायशी इलाके में टाइगर की धमक ने ग्रामीणों के साथ वन विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है. ग्रामीण खौफ के साये में जी रहे है.

जिस इलाके में टाइगर देखे गए है उनके आसपास ककराली गेट, छीनीगौठ, आमबाग, गैंडाखाली व उचौली गौठ जैसे रिहायशी इलाके आते है. पहले की घटनाओं को देखते हुए ग्रामीण डरे हुए है. कही इस बार भी टाइगर किसी पर हलमा न कर दे.

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हालांकि जब इस बारे में वन विभाग के एसडीओ राजेश श्रीवास्तव बात की गई तो उन्होंने कहा कि मानव-टाइगर के बीच किसी तरह का संघर्ष न हो. इसके लिए वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क किया है. साथ ही जंगल के आसपास के इलाकों में होडिंग्स व अन्य माध्यकों के जरिए से ग्रामीणों को जागरुक किया गया है कि वो जंगल में न जाए. यदि उन्हें किसी काम से जंगल में जाना है तो वो वन विभाग के कर्मचारियों को अपने साथ ले जाए.

कैमरा टेपिंग में भी इस क्षेत्र ने कम से कम चार टाइगर की उपस्थिति दर्ज हुई है. जो वन विभाग के लिए अच्छी खबर है. टाइगरों को बढ़ती सख्या को देखते हुए वन कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है, ताकि ग्रामीणों को किसी तरह के नुकसान ने हो और न ही ग्रामीणों को वजह से टाइगर को नुकसान पहुंचाया जाए.

खटीमा: टनकपुर नंधौर अभ्यारण से लगे शारदा वन रेंज में टाइगरों की दस्तक ने ग्रामीणों को नींद उड़ा दी है. इसी के साथ वन विभाग भी अलर्ट हो गया है. वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क करते हुए सुबह-शाम खेतों में न जाने की सलाह दी है.

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बता दें कि बीते दो सालों में टाइगर इस इलाके में चारों लोगों को अपना निवाला बना चुका है. ऐसे में एक बार फिर वनों से लगे रिहायशी इलाके में टाइगर की धमक ने ग्रामीणों के साथ वन विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है. ग्रामीण खौफ के साये में जी रहे है.

जिस इलाके में टाइगर देखे गए है उनके आसपास ककराली गेट, छीनीगौठ, आमबाग, गैंडाखाली व उचौली गौठ जैसे रिहायशी इलाके आते है. पहले की घटनाओं को देखते हुए ग्रामीण डरे हुए है. कही इस बार भी टाइगर किसी पर हलमा न कर दे.

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हालांकि जब इस बारे में वन विभाग के एसडीओ राजेश श्रीवास्तव बात की गई तो उन्होंने कहा कि मानव-टाइगर के बीच किसी तरह का संघर्ष न हो. इसके लिए वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क किया है. साथ ही जंगल के आसपास के इलाकों में होडिंग्स व अन्य माध्यकों के जरिए से ग्रामीणों को जागरुक किया गया है कि वो जंगल में न जाए. यदि उन्हें किसी काम से जंगल में जाना है तो वो वन विभाग के कर्मचारियों को अपने साथ ले जाए.

कैमरा टेपिंग में भी इस क्षेत्र ने कम से कम चार टाइगर की उपस्थिति दर्ज हुई है. जो वन विभाग के लिए अच्छी खबर है. टाइगरों को बढ़ती सख्या को देखते हुए वन कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है, ताकि ग्रामीणों को किसी तरह के नुकसान ने हो और न ही ग्रामीणों को वजह से टाइगर को नुकसान पहुंचाया जाए.

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