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बंजर होते पहाड़ों को फिर से हरा-भरा करेगी ये 'डिस्क', उत्तराखंड के वैज्ञानिकों की अनोखी कोशिश - टिशू कल्चर के वेस्ट

फिलहाल वैज्ञानिकों की टीम ने इस डिस्क में पाकड़, बरगद, पीपल, नीम, जामुन, बाज़, जमैका चेरी, काफल, किलमोड़, हिसालु, ट्री टमाटो, तीमुर और पहाड़ों पर पाए जाने वाली अन्य प्रजातियों के बीजों को डाला है.

डिस्क तैयार करते हुए वैज्ञानिक
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Published : Jul 17, 2019, 2:48 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 3:08 PM IST

रुद्रपुर: उत्तराखंड में खत्म होते जंगलों को बचाने के लिए वैज्ञानिक आगे आए हैं ताकि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र हरे भरे हो सकें. इसके लिए उन्होंने एक डिस्क तैयार की है. इस डिस्क में ऐसे बीजों को डाला गया है जो पहाड़ों पर पाए जाते हैं. वन विभाग ड्रोन की मदद से इस डिस्क को उन क्षेत्रों में भी गिराएंगे जहां लोगों का जाना मुश्किल है.

पंतनगर स्थित उत्तराखंड बायोटेक हल्दी के वैज्ञानिकों ने टिशू कल्चर के वेस्ट से एक ऐसी डिस्क तैयार की है जिसमें कई तरह के बीजों को डाला गया है. इस डिस्क को ऊंचाई वाले स्थानों पर फेंककर आसानी से पेड़ पौधे उगाए जा सकते हैं. इसके लिए वैज्ञानिकों ने डिस्क की खेप तैयार भी कर ली है.

बंजर पहाड़ों को हरा-भरा करेगी ये 'डिस्क'.

पढ़ें- Exclusive: सील हटाकर लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही जारी, बेखबर प्रशासन

वैज्ञानिक डॉ. सुमित पुरोहित की मानें तो इस डिस्क की खासियत ये है कि इसे जिस स्थान में फेंका या गिराया जाएगा, वहां नमी के संपर्क में आते ही इसमें डाले गए बीज अंकुरित हो जाएंगे. धीरे-धीरे पौधे और फिर पेड़ का रूप ले लेंगे. इसके साथ ही इस डिस्क में बीज कई सालों तक खराब भी नहीं होगे. इस दौरान पौधे को पेड़ होने तक वह सभी पोषक तत्व उस मिट्टी से मिलते रहेंगे.

दरअसल, वैज्ञानिकों द्वारा टिशू कल्चर के वेस्ट को फेंक दिया जाता था, लेकिन अब इसे चिकनी मिट्टी के साथ मिलाकर कूड़े से बनी बायो कम्पोस्ट खाद के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है. वैज्ञानिक इस वेस्ट से पहाड़ों के जंगलों को दोबारा हरा भरा करने का प्रयास करने जा रहे हैं.

पढ़ें- ट्रैफिक पुलिस की अच्छी पहल, अब घायल को अस्पताल पहुंचने वाले ड्राइवर को मिलेगा इनाम

फिलहाल वैज्ञानिकों की टीम ने इस डिस्क में पाकड़, बरगद, पीपल, नीम, जामुन, बाज़, जमैका चेरी, काफल, किलमोड़, हिसालु, ट्री टमाटो, तीमुर और पहाड़ों पर पाए जाने वाली अन्य प्रजातियों के बीजों को डाला है.

डिस्क को पहाड़ों के जंगलों तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने वन विभाग से संपर्क किया है. वन विभाग भी इसके लिए तैयार है. उच्च हिमालय क्षेत्रों में जहां मानव नहीं जा सकते है, वहां वन विभाग ड्रोन की मदद से डिस्क को गिराएगा ताकि ऊंचाई वाले पहाड़ों में खत्म होते जंगलों को दोबारा गुलजार किया जा सके. इसके अलावा टीम स्कूल, कॉलेज व ग्रामवासियों के साथ मिल कर जंगलों को हरा भरा करने का काम करेगा.

रुद्रपुर: उत्तराखंड में खत्म होते जंगलों को बचाने के लिए वैज्ञानिक आगे आए हैं ताकि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र हरे भरे हो सकें. इसके लिए उन्होंने एक डिस्क तैयार की है. इस डिस्क में ऐसे बीजों को डाला गया है जो पहाड़ों पर पाए जाते हैं. वन विभाग ड्रोन की मदद से इस डिस्क को उन क्षेत्रों में भी गिराएंगे जहां लोगों का जाना मुश्किल है.

पंतनगर स्थित उत्तराखंड बायोटेक हल्दी के वैज्ञानिकों ने टिशू कल्चर के वेस्ट से एक ऐसी डिस्क तैयार की है जिसमें कई तरह के बीजों को डाला गया है. इस डिस्क को ऊंचाई वाले स्थानों पर फेंककर आसानी से पेड़ पौधे उगाए जा सकते हैं. इसके लिए वैज्ञानिकों ने डिस्क की खेप तैयार भी कर ली है.

बंजर पहाड़ों को हरा-भरा करेगी ये 'डिस्क'.

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वैज्ञानिक डॉ. सुमित पुरोहित की मानें तो इस डिस्क की खासियत ये है कि इसे जिस स्थान में फेंका या गिराया जाएगा, वहां नमी के संपर्क में आते ही इसमें डाले गए बीज अंकुरित हो जाएंगे. धीरे-धीरे पौधे और फिर पेड़ का रूप ले लेंगे. इसके साथ ही इस डिस्क में बीज कई सालों तक खराब भी नहीं होगे. इस दौरान पौधे को पेड़ होने तक वह सभी पोषक तत्व उस मिट्टी से मिलते रहेंगे.

दरअसल, वैज्ञानिकों द्वारा टिशू कल्चर के वेस्ट को फेंक दिया जाता था, लेकिन अब इसे चिकनी मिट्टी के साथ मिलाकर कूड़े से बनी बायो कम्पोस्ट खाद के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है. वैज्ञानिक इस वेस्ट से पहाड़ों के जंगलों को दोबारा हरा भरा करने का प्रयास करने जा रहे हैं.

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फिलहाल वैज्ञानिकों की टीम ने इस डिस्क में पाकड़, बरगद, पीपल, नीम, जामुन, बाज़, जमैका चेरी, काफल, किलमोड़, हिसालु, ट्री टमाटो, तीमुर और पहाड़ों पर पाए जाने वाली अन्य प्रजातियों के बीजों को डाला है.

डिस्क को पहाड़ों के जंगलों तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने वन विभाग से संपर्क किया है. वन विभाग भी इसके लिए तैयार है. उच्च हिमालय क्षेत्रों में जहां मानव नहीं जा सकते है, वहां वन विभाग ड्रोन की मदद से डिस्क को गिराएगा ताकि ऊंचाई वाले पहाड़ों में खत्म होते जंगलों को दोबारा गुलजार किया जा सके. इसके अलावा टीम स्कूल, कॉलेज व ग्रामवासियों के साथ मिल कर जंगलों को हरा भरा करने का काम करेगा.

Intro:
summry - जंगलों को हरा-भरा करने के लिए अब वैज्ञानिकों की टीम ने कमर कस ली है खत्म होते पहाड़ों के जंगलों को बचाने के लिए पंतनगर हल्दी स्थित उत्तराखंड बायोटेक के वैज्ञानिकों ने एक डिस्क तैयार की है। जो पहाड़ो के ऊंचे ऊंचे स्थानों में फेंक कर हरा भरा करने में मदद करेगा।

एंकर - उत्तराखंड बायोटेक हल्दी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिस्क तैयार की है जो खत्म होते पहाड़ों के जंगलों को दुबारा से हरा-भरा करने के लिए काम करेगी। इस डिस्क में ऐसे बीजों को डाला गया है जो पहाड़ों में पाए जाते हैं यही नहीं तराई के क्षेत्रों के जंगलों के लिए भी वैज्ञानिकों की टीम द्वारा डिस्क तैयार की गई है। क्या है पूरी खबर देखिए ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट।


Body:वीओ - खत्म होते पहाड़ों के जंगल को बचाने के लिए आप वैज्ञानिकों की टीम ने कमर कस ली है पंतनगर स्थित उत्तराखंड बायोटेक हल्दी के वैज्ञानिकों ने टिशू कल्चर के वेस्टीज से एक ऐसी डिस्क तैयार की है जिसमें कई तरह के बीजों को डाला गया है जिसे ऊंचाई वाले स्थानों में फेंककर आसानी से पेड़ पौधे उगाए जा सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों ने डिस्क की खेप तैयार भी कर ली है वैज्ञानिकों की मानें तो इस डिस्क की मिट्टी में वह सभी पोषक तत्व मौजूद हैं जो नमी के संपर्क में आते ही डिस्क से बीज अंकुरित होते हुए धीरे धीरे पौधे ओर फिर पेड़ का रूप ले लेगा इस दौरान पौधे को पेड़ होने तक वह सभी पोषक तत्व उस मिट्टी से मिलते रहेंगे। दरशल वैज्ञानिकों द्वारा टिशू कल्चर के वेस्टेज (मीडिया) को फेक दिया जाता था। अब इसे चिकनी मिट्टी के साथ मिला के कूड़े से बनी बायोकम्पोस्ट खाद के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है। अब वैज्ञानिक इस वेस्टेज से पहाड़ो के जंगलों को दुबारा हरा भरा करने जा रहे है।

बाइट - डॉ सुमित पुरोहित, वैज्ञानिक।

वीओ - इस डिस्क की खासियत ये है कि इसे जिस स्थान में फेंका या गिराया जाएगा वहा पर नमी के संपर्क में आते ही इसमें डाले गए बीज अंकुरित हो उठेंगे। इसके साथ ही इस डिस्क में बीज कई सालो तक खराब नही हो सकता। फिलहाल वैज्ञानिकों की टीम द्वारा इस डिस्क में पाकड़, बरगद, पीपल, नीम, जामुन, बाज़ , जमैका चेरी , काफल, किलमोड़, हिसालु , ट्री टमाटो, तीमुर ओर अन्य पहाड़ो में पाए जाने वाली प्रजातियों के बीजो को डाला गया है।

बाइट - डॉ सुमित पुरोहित, वैज्ञानिक।

वीओ - डिस्क को पहाड़ो के जंगलों तक पहुचाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम वन विभाग से संपर्क कर रही है। जिसमे वन विभाग द्वारा हामी भी भर दी है। वैज्ञानिकों की माने तो ऊंचे ऊंचे पहाड़ों में जहा पर मानव नही पहुच सकता वन विभाग उन ऊँचाई वाले स्थानों में ड्रोन की मदद से उन डिस्को को गिराने का काम करेगा। ताकि ऊँचाई वाले पहाड़ो में खत्म होते जंगलों को दुबारा गुलजार किया जा सके यही नही टीम द्वारा स्कूल कॉलेज व ग्रामवाशियो के साथ मिल कर जंगलों को हरा भरा करने की कवायद शुरू करेगा।

बाइट - अमित पुरोहित, सहायक निदेशक प्रशासन।




Conclusion:
Last Updated : Jul 17, 2019, 3:08 PM IST
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