काशीपुरः अटल आयुष्मान योजना में पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों में से दो अस्पतालों में फर्जीवाड़े की जांच करने स्वास्थ्य विभाग की टीम देहरादून से काशीपुर पहुंची. प्रदेश के 23 लाख लोगों का 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज कराने के लिए सरकार ने बीते वर्ष 25 दिसंबर को आयुष्मान योजना शुरू की थी. इस योजना में पंजीकरण निजी अस्पताल मोटी कमाई के लिए मरीजों के इलाज में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं.
काशीपुर में अली नर्सिंग होम व आस्था नर्सिंग होम इस फर्जीवाड़े की जांच में आए. बताया जा रहा है कि इन अस्पताल के संचालकों ने साधारण बीमारी वाले मरीजों को भी सरकारी अस्पताल से अपने यहां रेफर करा लिया. सरकारी अस्पताल में संविदा पर नियुक्त राजीव गुप्ता नामक एक चिकित्सक ने आस्था हॉस्पिटल के नाम से अपना निजी चिकित्सालय खोल रखा है. जिसमें पिछले दिनों देहरादून से फर्जीवाड़े की बात सामने आई.
इसके बाद अली नर्सिंग होम भी आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़ा चर्चा में आया था. ऐसे फर्जीवाड़े की जांच के लिए सहायक निदेशालय मेडिकल एवं क्वालिटी अटल आयुष्मान उत्तराखंड डॉक्टर अमलेश कुमार के नेतृत्व में मेडिकल ऑफिसर क्रियान्वयन सहायक एजेंसी अटल आयुष्मान उत्तराखंड मदन मोहन एवं जिले के एसीएमओ डॉ अविनाश खन्ना सहित 3 सदस्यीय टीम मामले की जांच करने काशीपुर पहुंची.
टीम एलडी भट्ट राजकीय चिकित्सालय गई जहां यह जांच बंद कमरे में ही सिमट कर रह गई. इस दौरान टीम के समक्ष एक ऐसा मरीज भी आया जिसको फेफड़ों की टीवी थी लेकिन आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी उसका इलाज नहीं हो पा रहा था. टीम द्वारा उस मरीज को राजकीय चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया.
सरकार में मचा हड़कंप
इसे शासन की मरीजों के इलाज में लापरवाही कहें या जल्दबाजी कि बिना जांच के निजी अस्पतालों को अटल आयुष्मान योजना से एमओयू कर दिया गया. जब योजना में काशीपुर के दो निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज में प्रथम दृष्टया फर्जीवाड़ा पाए जाने के बाद शासन में हड़कंप मच गया.
अब शासन ने अस्पतालों का सत्यापन कराने का फैसला लिया है. सत्यापन में यह देखा जाएगा कि इलाज के लिए अस्पताल मानक पूरा कर रहे हैं या नहीं. योजना के संचालन में अनियमितताएं, अनुबंध व धोखाधड़ी का मामला जब देहरादून पहुंचा तब शासन स्तर पर काशीपुर के अली नर्सिंग होम को योजना से निलंबित कर दिया गया.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा में डॉक्टर न होने पर भी मेडिकल ऑफिसर की मुहर से मरीजों को रेफर कर दिया गया था. इसी तरह की शिकायत पर कुछ दिन पहले काशीपुर के आस्था हॉस्पिटल को भी निलंबित कर दिया गया.
आपको बताते चलें कि योजना में प्रत्येक मरीज का हर साल सरकारी व अनुबंधित निजी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज कराने का प्रावधान है. योजना में इलाज के लिए एमओयू के लिए निजी अस्पतालों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. इस पर योजना के स्टाफ यानी एजेंट जिले में तैनात किए गए. एजेंट ने योजना के अफसरों को रिपोर्ट भेजा कि आवेदन करने वाले अस्पताल मौजूद हैं और सुविधाएं भी हैं.
इस आधार पर उधम सिंह नगर में 8 सरकारी व 27 निजी अस्पतालों का योजना के साथ अनुबंध किया गया. अब पूरे मामले में फर्जीवाड़े की शिकायत आने के बाद काशीपुर के दो अस्पताल अली नर्सिंग होम तथा आस्था हॉस्पिटल के अनुबंध को निलंबित कर दिया गया है. शासन ने पूरे मामले में सीओ, सीएमओ दफ्तर को पत्र भेजकर अनुबंधित अस्पतालों का सत्यापन कराकर रिपोर्ट भेजने को कहा है.
पूरे मामले में फर्जीवाड़े की की जांच करने देहरादून के सहायक निदेशालय मेडिकल एवं क्वालिटी अटल आयुष्मान उत्तराखंड के डॉक्टर अमलेश कुमार के नेतृत्व में 3 सदस्य टीम काशीपुर पहुंची. टीम ने राजकीय चिकित्सालय में मौजूद डॉक्टरों से तथा खास तौर पर संविदा पर तैनात डॉ राजीव गुप्ता से पूरे मामले में एक तरह से उनका पक्ष सुना.
यह भी पढ़ेंः हरीश रावत ने CM त्रिवेंद्र सिंह पर कसा तंज, कहा- मुखिया की चुनाव में नहीं है कोई चर्चा
टीम प्रभारी डॉक्टर अमलेश कुमार ने बताया कि उनका और उनकी टीम का उद्देश्य अटल आयुष्मान योजना का प्रदेश में बेहतर रूप से क्रियान्वयन करवाना है. उन्होंने मीडिया के माध्यम से किसी भी तरह की शिकायत या लाभार्थियों को परेशानी होने की स्थिति में 104 नंबर को सार्वजनिक किया जिसे डायल करने के बाद उनकी टीम मरीज को तुरंत उपचार पहुंचाएगी, साथ ही निशुल्क उपचार करवाएगी.