रुद्रपुरः लोक कलाकार देहरादून में सांस्कृतिक दलों के ऑडिशन कराने का विरोध कर रहे हैं. रुद्रपुर में आज दो लोग कलाकार डीएम कार्यालय की बिल्डिंग पर चढ़ गए और छत से नीचे कूदने की चेतावनी देने लगे. जिसे देख पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए. करीब आधे घंटे की हाई बोल्टेज ड्रामे के बाद दोनों को सकुशल नीचे उतारा गया.
दरअसल, सूचना विभाग में पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के ऑडिशन देहरादून में करने का विरोध कर रहे दो कलाकार सुंदर बहादुर और उमेश कुमार डीएम कार्यालय की छत पर चढ़ गए. जैसे ही मामले की सूचना अधिकारियों तक पहुंची, तो कलेक्ट्रेट परिसर में हड़कंप मच गया. आनन फानन में एसडीएम प्रत्यूष कुमार, तहसीलदार छत पर पहुंचे और विरोध कर रहे कलाकारों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन कलाकार सुंदर बहादुर और उमेश कुमार ने उनकी एक न सुनी.
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कुछ देर बाद सीओ अमित कुमार समेत सिडकुल पुलिस भी मौके पर पहुंची. करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एसडीएम प्रत्यूष कुमार ने दोनों लोक कलाकरों को मनाकर छत से नीचे उतारा और सभी लोक कलाकारों के साथ वार्ता की. जिसके बाद एसडीएम ने लोक कलाकारों को आश्वासन देते हुए कहा कि वो उच्च अधिकारियों को इस बाबत सूचना देंगे और मामले का समाधान निकालेंगे.
लोक कलाकार सुंदर बहादुर ने बताया कि सूचना विभाग में पंजीकृत सांस्कृतिक दलों को हर तीन साल में रजिस्ट्रेशन करने के लिए ऑडिशन देना पड़ता है. इस बार सूचना विभाग की ओर से ट्रायल के लिए देहरादून बुलाया जा रहा है. जिसका विरोध सांस्कृतिक दल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते पिछले दो सालों से सांस्कृतिक दल और लोक कलाकार बेरोजगार बैठे हैं.
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ऐसे में अगर एक दल के 16 लोग देहरादून में ऑडिशन के लिए जाते हैं, तो 30 से 40 हजार रुपए का खर्चा होता है. पहले ही वो कोविड की मार झेल रहे हैं और अब ऑडिशन से उनके ऊपर एक और बोझ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि कुमाऊं का ऑडिशन कुमाऊं में ही होना चाहिए, लेकिन सूचना विभाग के अधिकारी ऑडिशन देहरादून में कराने के लिए अड़े हुए हैं.