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बंदरों के आतंक से परेशान जनता, सरकारी अस्पतालों में नहीं इलाज - बंदरों का हमला बाजपुर

उधमसिंह नगर के बाजपुर क्षेत्र में कई लोग बंदरों के हमलों से परेशान हैं. जिसके लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से बंदर पकड़ने की गुहार लगाई है. वहीं ग्रामीणों को सरकारी अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन ना होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

घायल मोहन लाल.
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Published : Sep 25, 2019, 8:46 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 11:33 PM IST

बाजपुर: बंदरों के आंतक से इन दिनों शहर के लोग भयभीत हैं. बंदरों द्वारा नुकसान और इंसान पर हमले के कई मामले सामने आ रहे हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन ना होने के चलते भी जनता को मजबूरन निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है.

बंदरों के आतंक से परेशान जनता.

बाजपुर के सुल्तानपुर पट्टी में देर शाम मोहन लाल पर बंदरों ने हमला कर दिया. जिससे मोहन लाल बुरी तरह घायल हो गया. परिजनों द्वारा मोहनलाल को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. जहां घायल मोहनलाल का इलाज चल रहा है. सरकारी अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन ना मिलने के कारण घायल को नीजी अस्पताल ले जाया गया.

पढ़ें- सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ महंगा, पर दून मेडिकल कॉलेज में मिल रही राहत

स्थानीय निवासी बबलु दिवाकर ने बताया कि दो सप्ताह पहले उनके बच्चे स्कूल जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में बंदरों की टोली ने दोनों बच्चों पर हमला कर दिया. इसके साथ ही बंदर कई लोगों को काट चुके हैं.

पीड़ितों को सरकारी अस्पताल में उपचार नहीं मिलने से ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत अधिकारियों और प्रशासन को मिलकर बंदरों को पकड़ना चाहिए.

भाजपा नेता अंकुर अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में पिछले लंबे समय से बंदरों का झुंड लोगों और उनके सामानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिस कारण बच्चों ने अपने घरों के बाहर खेलना तक छोड़ दिया है.

वहीं राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भरत रावत ने बताया कि कई बार बंदरों के कारण छात्र-छात्राओं का स्कूल में प्रवेश करना तक मुश्किल हो जाता है. साथ ही कई बार क्लास का दरवाजा बंद कर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है.

सरकारी अस्पताल के डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि जिले के किसी भी अस्पताल में बन्दर के काटे का रैबीज टीका मौजूद नहीं है. जिस वजह से बन्दर के काटने पर सरकारी अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है.

उपजिलाधिकारी एपी बाजपयी कहते है कि बंदरों के काटने का मामला उनके संज्ञान में आया है. नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी जीएस सुयाल के साथ एक टीम बनाकर जल्द ही बंदरों को पकड़ने की कोशिश की जाएगी.

बाजपुर: बंदरों के आंतक से इन दिनों शहर के लोग भयभीत हैं. बंदरों द्वारा नुकसान और इंसान पर हमले के कई मामले सामने आ रहे हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन ना होने के चलते भी जनता को मजबूरन निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है.

बंदरों के आतंक से परेशान जनता.

बाजपुर के सुल्तानपुर पट्टी में देर शाम मोहन लाल पर बंदरों ने हमला कर दिया. जिससे मोहन लाल बुरी तरह घायल हो गया. परिजनों द्वारा मोहनलाल को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. जहां घायल मोहनलाल का इलाज चल रहा है. सरकारी अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन ना मिलने के कारण घायल को नीजी अस्पताल ले जाया गया.

पढ़ें- सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ महंगा, पर दून मेडिकल कॉलेज में मिल रही राहत

स्थानीय निवासी बबलु दिवाकर ने बताया कि दो सप्ताह पहले उनके बच्चे स्कूल जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में बंदरों की टोली ने दोनों बच्चों पर हमला कर दिया. इसके साथ ही बंदर कई लोगों को काट चुके हैं.

पीड़ितों को सरकारी अस्पताल में उपचार नहीं मिलने से ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत अधिकारियों और प्रशासन को मिलकर बंदरों को पकड़ना चाहिए.

भाजपा नेता अंकुर अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में पिछले लंबे समय से बंदरों का झुंड लोगों और उनके सामानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिस कारण बच्चों ने अपने घरों के बाहर खेलना तक छोड़ दिया है.

वहीं राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भरत रावत ने बताया कि कई बार बंदरों के कारण छात्र-छात्राओं का स्कूल में प्रवेश करना तक मुश्किल हो जाता है. साथ ही कई बार क्लास का दरवाजा बंद कर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है.

सरकारी अस्पताल के डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि जिले के किसी भी अस्पताल में बन्दर के काटे का रैबीज टीका मौजूद नहीं है. जिस वजह से बन्दर के काटने पर सरकारी अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है.

उपजिलाधिकारी एपी बाजपयी कहते है कि बंदरों के काटने का मामला उनके संज्ञान में आया है. नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी जीएस सुयाल के साथ एक टीम बनाकर जल्द ही बंदरों को पकड़ने की कोशिश की जाएगी.

Intro:स्थान - बाज़पुर
स्लग - बंदरो का आतंग

एंकर । उत्पातीबंदरों के द्वारा क्षेत्र में आतंग मचा रखा है । ओर लोगो पर बंदरों का कहर टूट पड़ा है । क्षेत्र में बंदर के काटने के रोजाना मामले सामने आ रहे है। पीड़ित लोगों का इलाज निजी अस्पताल में रैबीज के टीके नही होने से काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है। ताजा मामला है सुल्तानपुर पट्टी का जहां पर एक युवक को बंदर के आतंग का शिकार होना पड़ा है।

Body:वीओ - देर शाम को नगर के मोहल्ला टांडा बंजारा निवासी मोहन लाल को घर के बाहर बंदरो का झुंड चिपट गया। जिससे मोहन लाल कई जगह काटा ओर बुरी तरह घायल हो गए। परिजनों ने मोहनलाल को एक निजी अस्पताल ले गए जहाँ उनका इलाज चल रहा है । सरकारी अस्पताल में रैबीज टिके की नही मिलने से मजबूरी में निजिअसप्ताल में लोगों का महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। वही मोहल्ला टांडा बंजारा निवासी बब्लू दिवाकर ने बताया कि दो सप्ताह पहले मेरे बच्चे सम्राट व योगिता स्कूल को जा रहे थे। उसी दौरान रास्ते मे उत्पाती बंदरों की टोली ने दोनों बच्चों को कई जगह से बन्दरो ने काटा था । उसी समय पड़ोस में रह रहे बसन्ती देवी, बुढ़िया देवी, भगवती, सुनीता मितलेश, कालू आदि को भी बन्दरो ने काटा लेकिन किसी भी रैबीज टीके नही मिले । जिससे पीड़ित को सरकारी अस्पताल से बंदरों के हमलों का उपचार नही मिलने से ग्रामीणों का प्रशासन के प्रति रोष बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना था कि नगर पंचायत अधिकारियोंऔर प्रशासन को मिल कर बंदरों को पकड़वा कर जंगलों मे छुटवाना चाहिए।

भाजपा नेता अंकुर अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में पिछले काफी लंबे समय से काफी तादाद में बंदरों के झुंड के झुंड जमा हैं। जिससे लोगो घरेलू समानो को काफी नुकसान पहुचा रहे और बच्चों ने घरों के आगे खेलना छोड़ दिया है।

उधर सप्ताहिक बाजार में स्थित राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भरत रावत ने बताया कि बुद्धवार की सुबह स्कूल में आ रहे बच्चों के उप्पर बन्दरो का झुंड पीछे पड़ गया। बच्चो ने स्कूल परिसर में आकर गेट बंद करा ओर कक्षा में चले गए । उसके बाद शिक्षकों ने बन्दरो के डर से कक्षाओं को बंद करके अध्यन किया ।
सरकारी अस्पताल के डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि जिले के किसी भी अस्पताल में बन्दर के काटे का रैबीज टीका प्राप्त नही है । जिस बजह से बन्दर काटने टीके की सरकारी अस्पतालों में कोई सुविधा नही है।

बाईट - बाज़पुर उपजिलाधिकारी ए पी बाजपेई

इनके अनुसार बन्दरो के काटने का मामला सामने आया है । नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी जीएस सुयाल के साथ एक टीम बनाकर बन्दरो को पकड़ने की कोशिश करेंगे ।Conclusion:
Last Updated : Sep 25, 2019, 11:33 PM IST
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