बाजपुर: बंदरों के आंतक से इन दिनों शहर के लोग भयभीत हैं. बंदरों द्वारा नुकसान और इंसान पर हमले के कई मामले सामने आ रहे हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन ना होने के चलते भी जनता को मजबूरन निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है.
बाजपुर के सुल्तानपुर पट्टी में देर शाम मोहन लाल पर बंदरों ने हमला कर दिया. जिससे मोहन लाल बुरी तरह घायल हो गया. परिजनों द्वारा मोहनलाल को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. जहां घायल मोहनलाल का इलाज चल रहा है. सरकारी अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन ना मिलने के कारण घायल को नीजी अस्पताल ले जाया गया.
पढ़ें- सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ महंगा, पर दून मेडिकल कॉलेज में मिल रही राहत
स्थानीय निवासी बबलु दिवाकर ने बताया कि दो सप्ताह पहले उनके बच्चे स्कूल जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में बंदरों की टोली ने दोनों बच्चों पर हमला कर दिया. इसके साथ ही बंदर कई लोगों को काट चुके हैं.
पीड़ितों को सरकारी अस्पताल में उपचार नहीं मिलने से ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत अधिकारियों और प्रशासन को मिलकर बंदरों को पकड़ना चाहिए.
भाजपा नेता अंकुर अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में पिछले लंबे समय से बंदरों का झुंड लोगों और उनके सामानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिस कारण बच्चों ने अपने घरों के बाहर खेलना तक छोड़ दिया है.
वहीं राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भरत रावत ने बताया कि कई बार बंदरों के कारण छात्र-छात्राओं का स्कूल में प्रवेश करना तक मुश्किल हो जाता है. साथ ही कई बार क्लास का दरवाजा बंद कर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है.
सरकारी अस्पताल के डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि जिले के किसी भी अस्पताल में बन्दर के काटे का रैबीज टीका मौजूद नहीं है. जिस वजह से बन्दर के काटने पर सरकारी अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है.
उपजिलाधिकारी एपी बाजपयी कहते है कि बंदरों के काटने का मामला उनके संज्ञान में आया है. नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी जीएस सुयाल के साथ एक टीम बनाकर जल्द ही बंदरों को पकड़ने की कोशिश की जाएगी.