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नगर निगम बोर्ड बैठक में एक बार फिर छाया रहा टैक्स का मुद्दा, पार्षदों ने जताई चिंता - Kashipur Municipal Commissioner Gaurav Singhal

काशीपुर नगर निगम बोर्ड की बैठक निगम सभागार में मेयर ऊषा चौधरी, नगर आयुक्त गौरव सिंघल व सहायक नगर आयुक्त आलोक उनियाल की मौजूदगी में हुई. बैठक में व्यवसायिक, घरेलू टैक्स व लाइसेंस शुल्क समेत अन्य मदों पर चर्चा की गयी.

काशीपुर
काशीपुर नगर निगम बोर्ड
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Published : Dec 4, 2020, 1:07 PM IST

काशीपुर: नगर निगम बोर्ड की बैठक मेयर ऊषा चौधरी और नगर आयुक्त गौरव सिंघल की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस दौरान निगम प्रशासन अपनी आय बढ़ाने को लेकर आगामी एक अप्रैल 2021 से 135 नए लाइसेंस शुल्क लागू करने जा रहा है. बता दें कि अब तक 44 मदों में शुल्क लिया जाता था. वहीं, पार्षदों ने निगम की दुकानों को बीते 15 वर्षों से किराया नहीं बढ़ाने पर चिंता जताते हुए इसे विभाग की लापरवाही बताया. साथ ही निगम की आय बढ़ाने के मुख्य स्रोत कॉमर्शियल टैक्स पर ध्यान देने और निगम प्रशासन को इस संबंध में सुझाव दिए.

नगर निगम बोर्ड बैठक में मेयर ऊषा चौधरी, नगर आयुक्त गौरव सिंघल और सहायक नगर आयुक्त आलोक उनियाल की मौजूद रहे. बैठक का मुख्य एजेंडा व्यवसायिक, घरेलू टैक्स व लाइसेंस शुल्क समेत अन्य मदों पर चर्चा करना था. बैठक में पार्षद सादिक हुसैन ने कहा निगम क्षेत्र में जितने साप्ताहिक बाजार लगते हैं उनसे कितना टैक्स वसूला जाता है, इसकी जानकारी दी जाए.

वहीं, टैक्स विभाग के कर अधीक्षक संजय मेहरोत्रा ने बताया कि क्षेत्र में 12 साप्ताहिक बाजार लगते हैं, जिनमें से चार बाजार संचालकों ने टैक्स जमा कराया है. जबकि आठ का मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है. साथ ही निगम के बाहरी क्षेत्र में लगने वाले हाट बाजारों के लिए शीघ्र टेंडर निकाले जा रहे हैं. क्षेत्र के अंदर वाले बाजारों से निगम कर्मी तहबाजारी वसूली करते हैं. वहीं, दो महीने पहले हुई बोर्ड बैठक में टैक्स वसूली को दिए सुझावों पर चर्चा के दौरान पार्षदों ने टैक्स वसूली में कितनी प्रगति हुई इसकी जानकारी विभाग से मांगी. टैक्स विभाग ने बताया कि अभी कैंप लगाए जा रहे हैं, लेकिन टैक्स विभाग कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया.

ये भी पढ़ें: टिहरी वन रेंज के अफसरों को लगती है ज्यादा ठंड, घाम तापने पहुंचे दूसरे दफ्तर

जिस पर पार्षदों ने नगर आयुक्त से नराजगी जताते हुए कहा कि टैक्स वसूली में कछुआ गति से काम हो रहा है. यदि विभाग के कर्मचारी काम में लापरवाही करेंगे तो उनका वेतन रोका जाए. यदि टैक्स विभाग पूरी निष्ठा से काम करे तो निगम द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्य में कभी भी आर्थिक मसला आड़े नहीं आएगा.

मेयर ऊषा चौधरी ने कहा कि विभाग ने टैक्स वसूली में लापरवाही की तो राज्य वित्त से मिलने वाली धनराशि रोक दी जाएगी. इसलिए लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बैठक के दौरान सहायक नगर आयुक्त आलोक उनियाल ने बताया कि निगम प्रशासन लाइसेंस शुल्क वसूली में अब 135 नए लाइसेंस शुल्क एक अप्रैल से लागू करने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि अब तक 44 मदों में लाइसेंस शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब कुल 179 मदों में लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा. इससे निगम की आय 20 से 25 लाख रुपयों तक बढ़ जाएगी.

वहीं, बैठक में निगम दुकानों का 15 वर्षों से किराया नहीं बढ़ाने और अनुबंध नहीं होने पर पार्षदों ने चिंता जताई. बता दें कि निगम की लगभग 578 दुकानें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हैं, जिनसे प्रत्येक पांच वर्ष में साढ़े बारह फीसदी किराया बढ़ाया जाता है और अनुबंध किया जाता है. लेकिन निगम प्रशासन द्वारा पिछले 15 सालों से न तो किराया बढ़ाया गया और न ही अनुबंध किया गया है. अब जब निगम द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने को लेकर नोटिस जारी किया गया है तो उसमें पेनाल्टी शुल्क को भी जोड़ा गया है. जिस पर पार्षद राजकुमार सेठी ने कहा गलती निगम की है. दुकानदार कोई पेनाल्टी शुल्क नहीं देगा. जो किराया नियमानुसार बढ़ेगा वही दुकानदार जमा करेगा.

काशीपुर: नगर निगम बोर्ड की बैठक मेयर ऊषा चौधरी और नगर आयुक्त गौरव सिंघल की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस दौरान निगम प्रशासन अपनी आय बढ़ाने को लेकर आगामी एक अप्रैल 2021 से 135 नए लाइसेंस शुल्क लागू करने जा रहा है. बता दें कि अब तक 44 मदों में शुल्क लिया जाता था. वहीं, पार्षदों ने निगम की दुकानों को बीते 15 वर्षों से किराया नहीं बढ़ाने पर चिंता जताते हुए इसे विभाग की लापरवाही बताया. साथ ही निगम की आय बढ़ाने के मुख्य स्रोत कॉमर्शियल टैक्स पर ध्यान देने और निगम प्रशासन को इस संबंध में सुझाव दिए.

नगर निगम बोर्ड बैठक में मेयर ऊषा चौधरी, नगर आयुक्त गौरव सिंघल और सहायक नगर आयुक्त आलोक उनियाल की मौजूद रहे. बैठक का मुख्य एजेंडा व्यवसायिक, घरेलू टैक्स व लाइसेंस शुल्क समेत अन्य मदों पर चर्चा करना था. बैठक में पार्षद सादिक हुसैन ने कहा निगम क्षेत्र में जितने साप्ताहिक बाजार लगते हैं उनसे कितना टैक्स वसूला जाता है, इसकी जानकारी दी जाए.

वहीं, टैक्स विभाग के कर अधीक्षक संजय मेहरोत्रा ने बताया कि क्षेत्र में 12 साप्ताहिक बाजार लगते हैं, जिनमें से चार बाजार संचालकों ने टैक्स जमा कराया है. जबकि आठ का मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है. साथ ही निगम के बाहरी क्षेत्र में लगने वाले हाट बाजारों के लिए शीघ्र टेंडर निकाले जा रहे हैं. क्षेत्र के अंदर वाले बाजारों से निगम कर्मी तहबाजारी वसूली करते हैं. वहीं, दो महीने पहले हुई बोर्ड बैठक में टैक्स वसूली को दिए सुझावों पर चर्चा के दौरान पार्षदों ने टैक्स वसूली में कितनी प्रगति हुई इसकी जानकारी विभाग से मांगी. टैक्स विभाग ने बताया कि अभी कैंप लगाए जा रहे हैं, लेकिन टैक्स विभाग कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया.

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जिस पर पार्षदों ने नगर आयुक्त से नराजगी जताते हुए कहा कि टैक्स वसूली में कछुआ गति से काम हो रहा है. यदि विभाग के कर्मचारी काम में लापरवाही करेंगे तो उनका वेतन रोका जाए. यदि टैक्स विभाग पूरी निष्ठा से काम करे तो निगम द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्य में कभी भी आर्थिक मसला आड़े नहीं आएगा.

मेयर ऊषा चौधरी ने कहा कि विभाग ने टैक्स वसूली में लापरवाही की तो राज्य वित्त से मिलने वाली धनराशि रोक दी जाएगी. इसलिए लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बैठक के दौरान सहायक नगर आयुक्त आलोक उनियाल ने बताया कि निगम प्रशासन लाइसेंस शुल्क वसूली में अब 135 नए लाइसेंस शुल्क एक अप्रैल से लागू करने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि अब तक 44 मदों में लाइसेंस शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब कुल 179 मदों में लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा. इससे निगम की आय 20 से 25 लाख रुपयों तक बढ़ जाएगी.

वहीं, बैठक में निगम दुकानों का 15 वर्षों से किराया नहीं बढ़ाने और अनुबंध नहीं होने पर पार्षदों ने चिंता जताई. बता दें कि निगम की लगभग 578 दुकानें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हैं, जिनसे प्रत्येक पांच वर्ष में साढ़े बारह फीसदी किराया बढ़ाया जाता है और अनुबंध किया जाता है. लेकिन निगम प्रशासन द्वारा पिछले 15 सालों से न तो किराया बढ़ाया गया और न ही अनुबंध किया गया है. अब जब निगम द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने को लेकर नोटिस जारी किया गया है तो उसमें पेनाल्टी शुल्क को भी जोड़ा गया है. जिस पर पार्षद राजकुमार सेठी ने कहा गलती निगम की है. दुकानदार कोई पेनाल्टी शुल्क नहीं देगा. जो किराया नियमानुसार बढ़ेगा वही दुकानदार जमा करेगा.

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