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मुश्किल में अन्नदाता, डेढ़ महीने बाद भी नहीं हुआ धान का भुगतान - धान सरकारी क्रय केंद्र खटीमा समाचार

सरकार का वादा फिर हवा-हवाई साबित हुआ. अभी तक किसानों को धान का भुगतान नहीं हुआ है.

khatima paddy farmers latest update ,  खटीमा किसानों की समस्या
डेढ़ महीने बाद भी किसानों को नहीं मिला उनका पेमेंट .
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Published : Dec 5, 2019, 2:26 PM IST

खटीमा: सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पहल की थी. इसी क्रम में सरकार ने किसानों का धान खरीदे जाने के 48 घंटे के अंदर धान का पेमेंट देने का वादा किया था. ये पेमेंट किसानों के खाते में आनी था. धान खरीद के डेढ़ महीने बाद भी किसानों को धान के कुल पेमेंट का मात्र 25 से 30 प्रतिशत ही भुगतान हो पाया है.

इस वर्ष उधम सिंह नगर जनपद में साढ़े सात लाख कुंटल धान सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा गया है, जिसका करीब 136 करोड़ रुपये किसानों को देना था. अभी तक सरकार मात्र 40 करोड़ का ही भुगतान कर पाई है.

अभी तक नहीं हुआ धान का भुगतान.

यह भी पढ़ें-हैंडपंप को लेकर आपस में भिड़े डीएम के अर्दली और बाबू, मामला दर्ज

बता दें कि पूरे जिले में सबसे ज्यादा धान खटीमा में राज्य सरकार द्वारा खरीदा गया है. खटीमा में 45 सरकारी धान क्रय केंद्रों में तीन लाख कुंटल धान खरीदा गया था, जिसका 54 करोड़ रुपये किसानों को देना था. जिसमें से सरकार द्वारा अभी तक मात्र 14 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है. वहीं भुगतान न होने से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड कैबिनेटः कई अहम फैसलों पर लगी मुहर, होमगार्ड्स को मिलेगा 18000 मानदेय

वहीं एडीओ को-ऑपरेटिव शोभित अग्रवाल का कहना है कि सरकार ने अभी तक 25-30 प्रतिशत भुगतान किया है, जैसे ही बची हुई राशि आती है किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा.

खटीमा: सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पहल की थी. इसी क्रम में सरकार ने किसानों का धान खरीदे जाने के 48 घंटे के अंदर धान का पेमेंट देने का वादा किया था. ये पेमेंट किसानों के खाते में आनी था. धान खरीद के डेढ़ महीने बाद भी किसानों को धान के कुल पेमेंट का मात्र 25 से 30 प्रतिशत ही भुगतान हो पाया है.

इस वर्ष उधम सिंह नगर जनपद में साढ़े सात लाख कुंटल धान सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा गया है, जिसका करीब 136 करोड़ रुपये किसानों को देना था. अभी तक सरकार मात्र 40 करोड़ का ही भुगतान कर पाई है.

अभी तक नहीं हुआ धान का भुगतान.

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बता दें कि पूरे जिले में सबसे ज्यादा धान खटीमा में राज्य सरकार द्वारा खरीदा गया है. खटीमा में 45 सरकारी धान क्रय केंद्रों में तीन लाख कुंटल धान खरीदा गया था, जिसका 54 करोड़ रुपये किसानों को देना था. जिसमें से सरकार द्वारा अभी तक मात्र 14 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है. वहीं भुगतान न होने से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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वहीं एडीओ को-ऑपरेटिव शोभित अग्रवाल का कहना है कि सरकार ने अभी तक 25-30 प्रतिशत भुगतान किया है, जैसे ही बची हुई राशि आती है किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा.

Intro:summary- अपनी धान की बेची हुई फसल का पेमेंट ना मिलने के कारण किसान गेहूं की फसल लगाने में हुआ असमर्थ। किसानों ने सरकार से उनके खरीदे हुए धान की पेमेंट जल्द करने की मांग की।

नोट-खबर एफटीपी में - dhaan ki payment nahi milne se kisan paresaan- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- एक बार फिर सरकार के वादे पर छला गया किसान। राज्य सरकार द्वारा धान खरीद के 48 घंटे के अंदर किसान के बैंक खाते में ऑनलाइन धान का पेमेंट करने का वादा हुआ हवा हवाई। धान खरीद के डेढ़ महीने बाद भी किसानों को धान कि कुल पेमेंट का मात्र 25 से 30 प्रतिशत का मिला हुआ है भुगतान।


Body:वीओ- उत्तराखंड राज्य का उधम सिंह नगर जिला कृषि प्रधान जिला है। राज्य का 90 प्रतिशत धान उधम सिंह नगर जिले में पैदा होता है। इसलिए उधम सिंह नगर जिले में सरकार धान खरीद के विशेष प्रबंध करती है। उधम सिंह नगर जिले धान खरीद के लिए राज्य सरकार ने 110 सहकरिता विभाग के धान क्रय केंद्र खोले थे। जिन पर राज सरकार द्वारा किसानों का धान खरीदा गया था। सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने किसानों का धान खरीदे जाने के 48 घंटे के अंदर धान का पेमेंट किसान के खाते में देने का वादा किया था। इस वर्ष उधम सिंह नगर जनपद में साढे सात लाख कुंटल धान सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा गया है। जिसका करीब 136 करोड रूपया किसानों को देना था। जिसका अभी तक सरकार द्वारा मात्र 40 करोड़ के लगभग रुपया किसानों को दिया गया है और 95 करोड़ के लगभग धान खरीद का रुपया किसानों का पूरे जिले में सरकार पर बाकी है। पूरे जिले में सबसे ज्यादा धान खटीमा में राज सरकार द्वारा खरीदा गया है। खटीमा में 45 सरकारी धान क्रय केंद्रों में तीन लाख के लगभग कुंटल धान खरीदा गया था। जिसका 54 करोड़ के लगभग रुपया किसानों को देना था। जिसमें से सरकार द्वारा अभी तक मात्र 14 करोड़ के लगभग रुपया किसानों को दिया जा चुका है। और अभी 40 करोड़ के लगभग किसानों का धान का बकाया सरकार की ओर है।
राज्य सरकार द्वारा धान खरीद सत्र शुरू से पहले किसानों से वादा किया गया था कि धान खरीद के 48 घंटे के अंदर किसानों को उनके बैंकों के खाते में ऑनलाइन पेमेंट कर दिया जाएगा। परंतु किसानों को धान बेचे एक महीने से डेढ़ महीना हो चुका है। किसानों का अभी तक धान का पेमेंट नहीं हुआ है। धान का भ्रमण ना मिलने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है किसान खाद और अन्य चीजें खरीद पाने में असमर्थ हो रहे हैं जिससे गेहूं की फसल भी नहीं लगा पा रहे हैं। किसानों की सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उन्हें उनकी धान की पेमेंट करा दी जाए ताकि वह खेतों में गेहूं की फसल लगा सकें यदि सरकार ने जल्दी धान की पेमेंट नहीं की तो किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे।

बाइट- सतपाल सिंह पीड़ित किसान

बाइट- सुखबिंदर कौर पीड़ित किसान

वीओ 2 - वही एडीओ कोऑपरेटिव शोभित अग्रवाल का कहना है की कुल धान खरीद में से मात्र 25 से 30 प्रतिशत पेमेंट सरकार द्वारा भेजा गया है। जो किसानों के खातों में डाल दिया गया है जैसे ही बाकी का बचा हुआ पेमेंट राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा तत्काल ही किसानों के खातों में डाल दिया जाएगा।

बाइट- शोभित अग्रवाल एडीओ कोऑपरेटिव


Conclusion:फाइनल वीओ- राज्य सरकार द्वारा किसानों की खरीदी गई धान का डेढ़ महीने के बाद भी पूरा पेमेंट ना देने से जहां किसान गेहूं की फसल नहीं लगा पा रहे हैं वही जल्दी पेमेंट ना मिलने पर छोटे किसानों के आगे भुखमरी की स्थिति आ जाएगी। इसलिए राज सरकार जल्द से जल्द किसानों का धान का बकाया पेमेंट करें ताकि किसान जल्द से जल्द खेतों में गेहूं की फसल लगा सकें।
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