रुद्रपुर: जनपद में इन दिनों अवैध निर्माणों पर प्रशासन का बुलडोजर गरज रहा है. लेकिन दिनेशपुर में सिंचाई विभाग की बिल्डिंग (dineshpur irrigation department building) पर रात के अंधेरे में गरजे बुलडोजर के बाद दो सरकारी विभाग आमने-सामने हैं. सिंचाई विभाग नगर पंचायत पर भवन तोड़ने का आरोप लगा रहा है. वहीं नगर पंचायत जमीन तो अपने नाम बता रहा है, लेकिन बुलडोजर चलाने से इनकार कर रहा है. ये मामला जहां चर्चा का विषय बना है, वहीं बेशकीमती जमीन पर कब्जे की नीयत से रसूखदारों द्वारा बुलडोजर चलवाने की बात सामने आ रही है.
क्या है पूरा मामला: दिनेशपुर में 6 हजार वर्ग मीटर जमीन 60 के दशक से सिंचाई विभाग के पास थी और उसमें बिल्डिंग बनी हुई थी. कुछ साल पहले नगर पंचायत (Rudrapur Nagar Panchayat) ने एक चौथाई हिस्से में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बना लिया था. जिसके खिलाफ सिंचाई विभाग कोर्ट में गया था और फैसला नगर पंचायत के हक में गया था. इस फैसले के खिलाफ सिंचाई विभाग हाईकोर्ट में गया था और सोमवार को पहली सुनवाई हुई थी.
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सिंचाई विभाग का आरोप है कि बीते देर शाम नगर पंचायत ने उनके कब्जे की जमीन पर बुलडोजर चलाकर दो भवन और एक गोदाम को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया. जिसके चलते वहां रखे सरकारी दस्तावेज मलबे में दब गए. एक भवन में रह रहे कर्मचारी का सामान और नकदी भी दब गई है.
कोर्ट में मामला लंबित: सिंचाई विभाग का तर्क है कि जब जमीन का मामला कोर्ट में लंबित हैं तो उनके भवन को क्यों तोड़ दिया गए. नगर पंचायत के ईओ का कहना है कि वे जमीन का केस जिला कोर्ट से जीत चुके हैं और जमीन पर पार्किंग प्रस्तावित है. सरकारी भवन उन्होंने नहीं तुड़वाये हैं और दिखवाया जाएगा कि किसने वहां बुलडोजर चलवाया. सरकारी भवनों पर बुलडोजर चलवाने को लेकर सिंचाई विभाग जहां नगर पंचायत को घेर रहा है, वहीं नगर पंचायत बुलडोजर चलवाने से इनकार कर रहा है. कुल मिलाकर अंधेरे में सरकारी भवन ध्वस्त करवाने वालों की नीयत संदेह पैदा कर रही है. वहीं जमीन पर हक जताने वाली नगर पंचायत को इस मामले की जानकारी न होना सवाल जरूर खड़े कर रही है. कुल मिलाकर दो विभागों के बीच खिची तलवारों की वजह आखिरकार बुलडोजर ही है.