खटीमा: पुलवामा के अवंतीपुरा में गोरीपुरा इलाके में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गये. जिसमें उत्तराखंड के दो जवान भी शहीद हुए हैं. जिसमें एक जवान उत्तरकाशी और दूसरा ऊधम सिंह नगर के खटीमा का है. इस घटना के बाद परिजनों के घरों में मातम पसरा हुआ है. इस घटना के खिलाफ कार्रवाई की मांग पूरे देश में की जा रही है. ये हमला उरी हमले के बाद देश पर सबसे बड़ा हमला है.
पढ़ें- उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी को लेकर जारी हुआ रेड अलर्ट, कल ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज
इस आतंकी हमले में खटीमा तहसील के मोहम्मदपुर भुडिया गांव के सीआरपीएफ जवान वीरेंद्र सिंह राणा भी शहीद हुए. राणा मोहम्मदपुर भुडिया गांव के दीवान सिंह राणा के तीन पुत्रों में सबसे छोटे बेटे थे. बेटे की शहादत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया. सूचना मिलते ही जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रवासियों का जमावड़ा शहीद के घर लग गया.
![undefined](https://s3.amazonaws.com/saranyu-test/etv-bharath-assests/images/ad.png)
![undefined](https://s3.amazonaws.com/saranyu-test/etv-bharath-assests/images/ad.png)
बता दें, शहीद वीरेंद्र की उम्र 36 साल थी, उनको एक बेटा और एक बेटी है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद के घर सांत्वना देने पहुंच रहे जन प्रतिनिधियों और गांववासियों की केंद्र सरकार से मांग है कि सरकार इस बार हुए आतंकी हमले का बदला जरूर ले और ऐसा बदला ले जिसे आतंकी याद रखे.
शहीद के बड़े भाई सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त जयराम राणा का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को वीरेंद्र राणा की शहादत पर गर्व है. उन्होंने भी केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इस आतंकी हमले में शहीदों की शहादत का सरकार बदला जरूर ले, तभी शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी.