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शहीद वीरेंद्र राणा के घर में पसरा मातम, भाई ने कहा- शहादत का बदला ले सरकार - खटीमा शहीद वीरेंद्र सिंह राणा,

शहीद वीरेंद्र सिंह राणा की उम्र 36 साल थी, उनको एक बेटा और एक बेटी है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद के घर सांत्वना देने पहुंच रहे जन प्रतिनिधियों और गांववासियों की केंद्र सरकार से मांग है कि सरकार इस बार हुए आतंकी हमले का बदला जरूर ले और ऐसा बदला ले जिसे आतंकी याद रखे.

पुलवामा आतंकी हमले में खटीमा के वीरेंद्र सिंह राणा शहीद
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Published : Feb 15, 2019, 12:28 PM IST

Updated : Feb 15, 2019, 1:22 PM IST

खटीमा: पुलवामा के अवंतीपुरा में गोरीपुरा इलाके में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गये. जिसमें उत्तराखंड के दो जवान भी शहीद हुए हैं. जिसमें एक जवान उत्तरकाशी और दूसरा ऊधम सिंह नगर के खटीमा का है. इस घटना के बाद परिजनों के घरों में मातम पसरा हुआ है. इस घटना के खिलाफ कार्रवाई की मांग पूरे देश में की जा रही है. ये हमला उरी हमले के बाद देश पर सबसे बड़ा हमला है.

पढ़ें- उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी को लेकर जारी हुआ रेड अलर्ट, कल ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज

इस आतंकी हमले में खटीमा तहसील के मोहम्मदपुर भुडिया गांव के सीआरपीएफ जवान वीरेंद्र सिंह राणा भी शहीद हुए. राणा मोहम्मदपुर भुडिया गांव के दीवान सिंह राणा के तीन पुत्रों में सबसे छोटे बेटे थे. बेटे की शहादत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया. सूचना मिलते ही जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रवासियों का जमावड़ा शहीद के घर लग गया.

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पुलवामा आतंकी हमले में खटीमा के वीरेंद्र सिंह राणा शहीद
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बता दें, शहीद वीरेंद्र की उम्र 36 साल थी, उनको एक बेटा और एक बेटी है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद के घर सांत्वना देने पहुंच रहे जन प्रतिनिधियों और गांववासियों की केंद्र सरकार से मांग है कि सरकार इस बार हुए आतंकी हमले का बदला जरूर ले और ऐसा बदला ले जिसे आतंकी याद रखे.

शहीद के बड़े भाई सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त जयराम राणा का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को वीरेंद्र राणा की शहादत पर गर्व है. उन्होंने भी केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इस आतंकी हमले में शहीदों की शहादत का सरकार बदला जरूर ले, तभी शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी.

खटीमा: पुलवामा के अवंतीपुरा में गोरीपुरा इलाके में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गये. जिसमें उत्तराखंड के दो जवान भी शहीद हुए हैं. जिसमें एक जवान उत्तरकाशी और दूसरा ऊधम सिंह नगर के खटीमा का है. इस घटना के बाद परिजनों के घरों में मातम पसरा हुआ है. इस घटना के खिलाफ कार्रवाई की मांग पूरे देश में की जा रही है. ये हमला उरी हमले के बाद देश पर सबसे बड़ा हमला है.

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इस आतंकी हमले में खटीमा तहसील के मोहम्मदपुर भुडिया गांव के सीआरपीएफ जवान वीरेंद्र सिंह राणा भी शहीद हुए. राणा मोहम्मदपुर भुडिया गांव के दीवान सिंह राणा के तीन पुत्रों में सबसे छोटे बेटे थे. बेटे की शहादत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया. सूचना मिलते ही जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रवासियों का जमावड़ा शहीद के घर लग गया.

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पुलवामा आतंकी हमले में खटीमा के वीरेंद्र सिंह राणा शहीद
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बता दें, शहीद वीरेंद्र की उम्र 36 साल थी, उनको एक बेटा और एक बेटी है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद के घर सांत्वना देने पहुंच रहे जन प्रतिनिधियों और गांववासियों की केंद्र सरकार से मांग है कि सरकार इस बार हुए आतंकी हमले का बदला जरूर ले और ऐसा बदला ले जिसे आतंकी याद रखे.

शहीद के बड़े भाई सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त जयराम राणा का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को वीरेंद्र राणा की शहादत पर गर्व है. उन्होंने भी केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इस आतंकी हमले में शहीदों की शहादत का सरकार बदला जरूर ले, तभी शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी.

Intro:एंकर- कल श्रीनगर के अवंतिपुर में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवान में उत्तराखंड के भी हुए 2 शहीद। जिसमे से एक खटीमा तहसील के मोहम्मद पुर भुडिया गॉव का सीआरपीएफ जवान वीरेंद्र सिंह राणा हुआ शहीद।


Body:वीओ-उधम सिंह नगर जनपद की खटीमा तहसील के मोहम्मद पुर भुडिया गॉव के दीवान सिंह राणा का तीन पुत्रो में सबसे छोटा पुत्र वीरेंद्र राणा कल श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गया है। क्षेत्र में शहीद होने की सूचना मिलते ही जनप्रतिनिधियों व क्षेत्र वासियो का शहीद के घर पर जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। शहीद वीरेंद्र की उम्र लगभग 36 वर्ष है और उसके दो बच्चे 1 पुत्री व 1एक पुत्र है। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है शहीद के घर सांत्वना देने पहुच रहे जनप्रतिनिधि और गॉववासियो की केंद्र सरकार से मांग है कि सरकार इस बार हुए आतंकी हमले का बदला ले और ऐसा बदला ले जिसे आतंकी याद रखे। वही शहीद के बड़े भाई सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त जयराम राणा का कह
ना है उन्हें और परिवार को वीरेंद्र राणा की शहादत पर गर्व है वही सरकार कल शाहिद हुए शहीदों की शहादत का बदला जरूर ले तभी शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी।

बाइट- जयराम राणा शहीद के बड़े भाई

बाइट-भुवन कापड़ी कांग्रेस प्रदेश महामंत्री

पीटीसी-धीरेन्द्र मोहन गौड़


Conclusion:फाइनल वीओ- खटीमा में जहाँ वीरेंद्र राणा के शहीद होने से पूरे क्षेत्र में दुख का माहौल है। वही परिजनों व क्षेत्र वासियो की मांग है कि सरकार अबकी बार शहीदों की शहादत का बदला ले। वही देखना होगा की सरकार सिर्फ बयानबाजी ही करती है या बदल भी लेती है।
Last Updated : Feb 15, 2019, 1:22 PM IST
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