रुद्रपुरः देहरादून के रहने शूरवीर त्यागी की शॉर्ट फिल्म 'जादू द मैजिक' को अंतरराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अवॉर्ड फंक्शन में बेस्ट एशियन शॉर्ट फिल्म और बेस्ट सिनेमेटोग्राफी अवार्ड मिला है. साथ ही फिल्म में काम करने वाली दो बच्चियों ने भी कई अवार्ड अपने नाम किए हैं.
बता दें कि अमरीका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में शॉर्ट फिल्म 'जादू द मैजिक' को बेस्ट एशियन शॉर्ट फिल्म और बेस्ट सिनेमेटोग्राफी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. इस शॉर्ट फिल्म को देहरादून के रहने वाले शूरवीर त्यागी ने निर्देशित किया है. शूरवीर त्यागी ने बताया कि उत्तराखंड में शार्ट फिल्मों को लेकर अपार संभावनाएं हैं, लेकिन बजट के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शॉर्ट फिल्मों के बजट में सरकार को योगदान करना चाहिए. जिससे उत्तराखंड की सुंदरता और यहां की प्रतिभा देश-दुनिया में अपना डंका बजा सके.
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निर्देशक शूरवीर त्यागी ने बताया कि शॉर्ट फिल्म जादू की पटकथा को उन्होंने साल 2017 में लिखा था. साल 2018 में शॉर्ट मूवी को बनाने की तैयारी की गई थी. सबसे पहले महाराष्ट्र के एक आदिवासी गांव में 30 बच्चों की वर्कशाप कराई गई थी. जिसमें से 12 और 14 साल की दो छात्राओं को सेलेक्ट किया गया था. इस फिल्म को तैयार करने में उन्हें और उनकी टीम को डेढ़ साल का वक्त लगा.
बच्चों की कहानी और शिक्षा पर आधारित आधारित है 'जादू द मैजिक'
निर्देशक त्यागी ने बताया कि शॉर्ट फिल्म 'जादू द मैजिक' बच्चों की कहानी और शिक्षा पर आधारित है. उन्होंने बताया कि हमारी जो शिक्षा पद्धत्ति है, वो बच्चों पर थोप दी जाती है. जिससे बच्चे की प्रतिभा दब जाती है. ये ऐसे ही दो बच्चों की कहानी है, जो अपनी महत्वकांक्षाएं, अपने सपने यानी जिनके अंदर प्रतिभा है, लेकिन हमारी सोसाइटी का एजुकेशन सिस्टम और परिवार का परिवेश उन्हें आगे नहीं बढ़ने देता है. इन सब से पार पाते हुए वो अपनी सपनों की दुनिया तक कैसे पहुंचते है, यह जादू की कहानी है.
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उत्तराखंड में शॉर्ट फिल्मों की अपार संभावनाएंः शूरवीर त्यागी
उन्होंने कहा कि वो उत्तराखंड से विशेष लगाव रखते हैं. भले ही मुंबई उनकी कर्मभूमि है, लेकिन उत्तराखंड उनकी जन्मभूमि है. उन्होंने बताया कि शॉर्ट फिल्म की उत्तराखंड में अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कई विषयों पर पटकथाएं भी लिखी हुई है, लेकिन बजट का अभाव होने के चलते उन्हें फिल्माया नहीं गया है. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पर बनी शॉर्ट फिल्म देश ही नहीं विदेशों तक अपना डंका बजा सकती है, बस सरकार को फिल्मों को प्रति प्रोत्साहित करना होगा.