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काशीपुर अस्पताल में मरीजों से अभद्रता का मामला, जांच के लिए पहुंची हेल्थ डॉयरेक्टर - Kashipur news

बीते दिनों एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला के इलाज के दौरान सीएमएस द्वारा अभद्रता की गई थी. जिसकी जांच के लिए डॉरेक्टर हेल्थ डॉ. शैलजा भट्ट काशीपुर पहुंची. इस दौरान पीड़ित पक्ष के अलावा सीएमएस और दो अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए गए.

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अभद्रता मामले की जांच करने पहुंचीं शैलजा भट्ट
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Published : Nov 6, 2020, 4:38 PM IST

काशीपुर: तकरीबन ढाई महीने पहले एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला के प्रसव कराने पहुंची थी. अस्पताल में सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा द्वारा मरीज और उसके तीमारदारों से अभद्रता व क्षेत्रवाद किया गया था. जिसके बाद महिला ने मामले की शिकायत सीएम पोर्टल पर की. सीएम कार्यालय द्वारा इस मामले की जांच डॉरेक्टर हेल्थ डॉ. शैलजा भट्ट को सौंपी गई. जिसके बाद डॉ. शैलजा भट्ट काशीपुर स्थित एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल पहुंची और उन्होंने इस मामले में पीड़ित पक्ष के अलावा सीएमएस व दो अन्य गवाहों के बंद कमरे में बयान दर्ज किए.

गौरतलब है कि बीते 21 अगस्त को पूर्व सांसद प्रतिनिधि पीसीएस नेगी व पार्षद बीना नेगी मानिला (क्वैराला) सल्ट से आकांक्षा नामक गर्भवती महिला को प्रसव कराने एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल ले गयी थी. जहां उन्होंने अस्पताल में तैनात सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा से संपर्क की. आरोप है कि तब सीएमएस ने मरीज के तीमारदारों से मरीज को रेफर करने की बात कही थी. हालांकि, बाद में तीमारदारों के निवेदन के बाद सीएमएस द्वारा मरीज को भर्ती कर लिया गया. वहीं, 22 अगस्त को डॉक्टर ने गर्भवती महिला का जांच की गयी. जांच में सब कुछ ठीक-ठाक आया, लेकिन प्रसव से पहले कोरोना की जांच कराने की सलाह दी. तब टेस्ट करने वाले कर्मी ने जांच कराने की अनुमति लेने की बात कही,

वहीं, तीमरदारों ने ओपीडी से पर्ची बनवाकर सीएमएस के पास गए, तो सीएमएस ने कड़े लहजे कहा कि यहां इलाज व जांच नहीं होगी. पहाड़ जाकर ही इलाज कराओ यहां सभी लोग कोरोना संक्रमण में लगे हुए हैं. तब गर्भवती महिला के तीमारदारों ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की. जिसके बाद महिला का कोविड का चेकअप भी हुआ और 25 अगस्त को डिलीवरी भी सरकारी अस्पताल में की गई. महिला को 28 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी भी दे गई.

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शिकायतकर्ता पार्षद बीना नेगी ने बताया कि अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उन्होंने सीएम पोर्टल समेत सांसद, विधायक के साथ ही स्वास्थ विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में शिकायत की थी, उधर सीएम पोर्टल पर शिकायत मिलने पर डायरेक्टर हेल्थ (कुमाऊं) डॉ.शैलजा भट्ट गुरुवार को सरकारी अस्पताल पहुंची थी. यहां पर उन्होंने शिकायतकर्ता पीसीएस नेगी व पार्षद बीना नेगी के अलावा सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा और मामले के गवाह दो डॉक्टर के बंद कमरे में अलग-अलग बयान दर्ज किए.

ये भी पढ़ें : होम आइसोलेशन के दौरान युवक को शादी समारोह में जाना पड़ा भारी, केस दर्ज

डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया सभी के बयान दर्ज कर लिए गए हैं, आरोप था कि अस्पताल में क्षेत्रवाद का बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसकी जांच की जा रही है. मामले में शासन को रिपोर्ट बनाकर भेजी जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने वार्ड में भर्ती रोगियों और उनके तीमारदारों से दवाओं, इलाज व अस्पताल से मिलने वाले खाने के संबंध में जानकारी जुटाई. साथ ही इमरजेंसी कक्ष में जीवन रक्षक दवाओं और अन्य सुविधाओं का भी निरीक्षण किया.

काशीपुर: तकरीबन ढाई महीने पहले एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला के प्रसव कराने पहुंची थी. अस्पताल में सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा द्वारा मरीज और उसके तीमारदारों से अभद्रता व क्षेत्रवाद किया गया था. जिसके बाद महिला ने मामले की शिकायत सीएम पोर्टल पर की. सीएम कार्यालय द्वारा इस मामले की जांच डॉरेक्टर हेल्थ डॉ. शैलजा भट्ट को सौंपी गई. जिसके बाद डॉ. शैलजा भट्ट काशीपुर स्थित एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल पहुंची और उन्होंने इस मामले में पीड़ित पक्ष के अलावा सीएमएस व दो अन्य गवाहों के बंद कमरे में बयान दर्ज किए.

गौरतलब है कि बीते 21 अगस्त को पूर्व सांसद प्रतिनिधि पीसीएस नेगी व पार्षद बीना नेगी मानिला (क्वैराला) सल्ट से आकांक्षा नामक गर्भवती महिला को प्रसव कराने एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल ले गयी थी. जहां उन्होंने अस्पताल में तैनात सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा से संपर्क की. आरोप है कि तब सीएमएस ने मरीज के तीमारदारों से मरीज को रेफर करने की बात कही थी. हालांकि, बाद में तीमारदारों के निवेदन के बाद सीएमएस द्वारा मरीज को भर्ती कर लिया गया. वहीं, 22 अगस्त को डॉक्टर ने गर्भवती महिला का जांच की गयी. जांच में सब कुछ ठीक-ठाक आया, लेकिन प्रसव से पहले कोरोना की जांच कराने की सलाह दी. तब टेस्ट करने वाले कर्मी ने जांच कराने की अनुमति लेने की बात कही,

वहीं, तीमरदारों ने ओपीडी से पर्ची बनवाकर सीएमएस के पास गए, तो सीएमएस ने कड़े लहजे कहा कि यहां इलाज व जांच नहीं होगी. पहाड़ जाकर ही इलाज कराओ यहां सभी लोग कोरोना संक्रमण में लगे हुए हैं. तब गर्भवती महिला के तीमारदारों ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की. जिसके बाद महिला का कोविड का चेकअप भी हुआ और 25 अगस्त को डिलीवरी भी सरकारी अस्पताल में की गई. महिला को 28 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी भी दे गई.

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शिकायतकर्ता पार्षद बीना नेगी ने बताया कि अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उन्होंने सीएम पोर्टल समेत सांसद, विधायक के साथ ही स्वास्थ विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में शिकायत की थी, उधर सीएम पोर्टल पर शिकायत मिलने पर डायरेक्टर हेल्थ (कुमाऊं) डॉ.शैलजा भट्ट गुरुवार को सरकारी अस्पताल पहुंची थी. यहां पर उन्होंने शिकायतकर्ता पीसीएस नेगी व पार्षद बीना नेगी के अलावा सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा और मामले के गवाह दो डॉक्टर के बंद कमरे में अलग-अलग बयान दर्ज किए.

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डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया सभी के बयान दर्ज कर लिए गए हैं, आरोप था कि अस्पताल में क्षेत्रवाद का बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसकी जांच की जा रही है. मामले में शासन को रिपोर्ट बनाकर भेजी जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने वार्ड में भर्ती रोगियों और उनके तीमारदारों से दवाओं, इलाज व अस्पताल से मिलने वाले खाने के संबंध में जानकारी जुटाई. साथ ही इमरजेंसी कक्ष में जीवन रक्षक दवाओं और अन्य सुविधाओं का भी निरीक्षण किया.

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