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काशीपुर: गजेटेड ऑफिसर को सौंपी जाएगी बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच

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Published : Jan 9, 2021, 4:37 PM IST

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल होने के चलते मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम (पीसी एक्ट) बढ़ा दिया गया है. नियमानुसार पीसी एक्ट से संबंधित मामलों की विवेचना राजपत्रित अधिकारी के माध्यम से ही की जाती है.

Scholarship scam will be investigated by gazetted officer
गजेटड ऑफिसर को सौंपी जाएगी बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच

काशीपुर: कोतवाली काशीपुर में दर्ज प्रदेश के बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित 4 मुकदमों की जांच अब पीसी एक्ट बढ़ाए जाने के कारण राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जाएगी. विवेचक एसएसआई कोतवाली सतीश चंद कापड़ी ने समाज कल्याण विभाग के 3 अधिकारियों की भूमिका सामने आने के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है.

कोतवाली में तैनात वरिष्ठ उपनिरीक्षक सतीश चंद्र कापड़ी द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, साल 2019 व 2020 में कोतवाली में दर्ज मुकदमा संख्या 666/2019, 665/2019, 369/2020, 111/2020 के छात्रवृत्ति घोटालों से संबंधित 4 मुकदमें दर्ज हुए. इन चारों मुकदमों की विवेचना अभी तक कोतवाली पुलिस कर रही थी. बीते दिनों की जांच के दौरान सामने आया कि मामले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी व संगठन के अलावा एक सहायक समाज कल्याण अधिकारी और एक पटल सहायक की संलिप्तता रही है.

ये भी पढ़ें- ट्रैफिक पुलिस सख्त, स्टीकर और नंबर प्लेट पर रुआब दिखाने वालों पर होगा एक्शन

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल होने के चलते मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम (पीसी एक्ट) बढ़ा दिया गया है. नियमानुसार पीसी एक्ट से संबंधित मामलों की विवेचना राजपत्रित अधिकारी के माध्यम से ही की जाती है. ऐसे में अब विवेचना को ट्रांसफर किया जाना है. जिस संबंध में उनकी ओर से पुलिस क्षेत्राधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है.

ये भी पढ़ें: कोरोना तय करेगा महाकुंभ-2021 का स्वरूप, जानिए क्यों?

पुलिस क्षेत्राधिकारी के स्तर से यह रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित अधिकारियों तक जाएगी. विवेचना किसको दी जाएगी इस पर फैसला वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर लिया जाना है. उच्चाधिकारियों का जैसा निर्देश होगा कार्रवाई की जाएगी.

काशीपुर: कोतवाली काशीपुर में दर्ज प्रदेश के बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित 4 मुकदमों की जांच अब पीसी एक्ट बढ़ाए जाने के कारण राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जाएगी. विवेचक एसएसआई कोतवाली सतीश चंद कापड़ी ने समाज कल्याण विभाग के 3 अधिकारियों की भूमिका सामने आने के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है.

कोतवाली में तैनात वरिष्ठ उपनिरीक्षक सतीश चंद्र कापड़ी द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, साल 2019 व 2020 में कोतवाली में दर्ज मुकदमा संख्या 666/2019, 665/2019, 369/2020, 111/2020 के छात्रवृत्ति घोटालों से संबंधित 4 मुकदमें दर्ज हुए. इन चारों मुकदमों की विवेचना अभी तक कोतवाली पुलिस कर रही थी. बीते दिनों की जांच के दौरान सामने आया कि मामले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी व संगठन के अलावा एक सहायक समाज कल्याण अधिकारी और एक पटल सहायक की संलिप्तता रही है.

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समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल होने के चलते मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम (पीसी एक्ट) बढ़ा दिया गया है. नियमानुसार पीसी एक्ट से संबंधित मामलों की विवेचना राजपत्रित अधिकारी के माध्यम से ही की जाती है. ऐसे में अब विवेचना को ट्रांसफर किया जाना है. जिस संबंध में उनकी ओर से पुलिस क्षेत्राधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है.

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पुलिस क्षेत्राधिकारी के स्तर से यह रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित अधिकारियों तक जाएगी. विवेचना किसको दी जाएगी इस पर फैसला वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर लिया जाना है. उच्चाधिकारियों का जैसा निर्देश होगा कार्रवाई की जाएगी.

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