रुद्रपुर: ट्यूशन पढ़ने आयी नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय की पॉक्सो कोर्ट ने दोषी प्रधानाचार्य को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामले की सुनवाई में अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने 8 गवाह पेश किए.
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि सितारगंज के एक स्कूल के प्रधानाचार्य जीवन बिष्ट अपने घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था. उसी के स्कूल में एलकेजी में पढ़ने वाली 6 वर्षीय नाबालिग लड़की भी ट्यूशन पढ़ने के लिए उसके घर आती थी. 18 जनवरी 2019 को वह ट्यूशन पढ़ने के लिए गई हुई थी. बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के बाद जीवन ने सभी को घर भेज दिया, लेकिन 6 वर्षीय मासूम को रोक कर दूसरे कमरे में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया.
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जब नाबालिग घर पहुंची तो परिजनों को उसने आपबीती बताई. जिसके बाद परिजनों ने सितारगंज पुलिस को तहरीर सौप कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. मुकदमा दर्ज करने के बाद 20 जनवरी 2019 को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. तब से लेकर मामला जिला एवं सत्र न्यायालय के पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था.
आज मामले में पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी ने जीवन को दोषी करार देते हुए 20 वर्षों की कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 11 हजार रुपये का जुर्माने की सजा दी. न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि जुर्माने की धनराशि का 90 फीसदी पीड़ित को दिया जाए.