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गांधी आश्रम में कब्जा कर शख्स चला रहा प्राइवेट दुकान, काला जादू करने का भी आरोप

गूलरभोज में गांधी आश्रम के आश्रय में नसीम खान अपने परिवार के साथ रहकर एल्मुनियम फर्नीचर का बिजनेस कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यहां पर निजी व्यवसाय के साथ ही काला जादू का भी काम किया जाता है.

गांधी आश्रम में चलाया जा रहा निजी बिजनेस.
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Published : Jul 20, 2019, 2:40 PM IST

गदरपुर: गुलरभोज स्थित गांधी आश्रम उत्पत्ति केंद्र का सहारा लेकर एक व्यक्ति निजी व्यवसाय कर रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यहां पर निजी व्यवसाय के साथ ही काला जादू करने का भी काम किया जाता है.

लोगों का आरोप है कि गूलरभोज में गांधी आश्रम के आश्रय में नसीम खान अपने परिवार के साथ रहकर एल्मुनियम फर्नीचर का बिजनेस कर रहा है. साथ ही गांधी आश्रम में इतनी ज्यादा गंदगी फैला रखी है कि बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है.

चेयरमैन पति तरुण दुबे ने बताया कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खाकी पहनो के उद्देश्य से बुनकर का काम शुरू किया था. नसीम खान जो पहले बुनकर का काम करता था, अब अपने परिवार के साथ गांधी आश्रम में रहकर एल्मुनियम फर्नीचर का निजी बिजनेस करता है, जोकि गलत है.

गांधी आश्रम में चलाया जा रहा निजी बिजनेस.

ये भी पढ़ें: देहरादून के रजत ने बनाई दिल की बीमारी का पता लगाने वाली डिवाइस, स्टार्टअप को मिली टॉप-20 में जगह

स्थानीय लोगों ने बताया कि गांधी जी के आश्रम की आड़ में नसीम खान ने अपने परिवार के साथ रहकर अवैध कब्जा कर रखा है. साथ ही आश्रम में बुनकर का काम न करके एल्मुनियम, फर्नीचर, मुर्गी पालन, गाय, बकरी पालन का काम कर रहा है. साथ ही यहां अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए काला जादू का भी काम चलता है, जिस कारण यहां बहुत गंदगी फैलती है.

गदरपुर: गुलरभोज स्थित गांधी आश्रम उत्पत्ति केंद्र का सहारा लेकर एक व्यक्ति निजी व्यवसाय कर रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यहां पर निजी व्यवसाय के साथ ही काला जादू करने का भी काम किया जाता है.

लोगों का आरोप है कि गूलरभोज में गांधी आश्रम के आश्रय में नसीम खान अपने परिवार के साथ रहकर एल्मुनियम फर्नीचर का बिजनेस कर रहा है. साथ ही गांधी आश्रम में इतनी ज्यादा गंदगी फैला रखी है कि बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है.

चेयरमैन पति तरुण दुबे ने बताया कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खाकी पहनो के उद्देश्य से बुनकर का काम शुरू किया था. नसीम खान जो पहले बुनकर का काम करता था, अब अपने परिवार के साथ गांधी आश्रम में रहकर एल्मुनियम फर्नीचर का निजी बिजनेस करता है, जोकि गलत है.

गांधी आश्रम में चलाया जा रहा निजी बिजनेस.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि गांधी जी के आश्रम की आड़ में नसीम खान ने अपने परिवार के साथ रहकर अवैध कब्जा कर रखा है. साथ ही आश्रम में बुनकर का काम न करके एल्मुनियम, फर्नीचर, मुर्गी पालन, गाय, बकरी पालन का काम कर रहा है. साथ ही यहां अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए काला जादू का भी काम चलता है, जिस कारण यहां बहुत गंदगी फैलती है.

Intro:एंकर - गांधी आश्रम के आड़ में परिवार के साथ आश्रम में रहकर हैं कर रहे हैं खुद का बिजनेस जिसके विरोध में ग्रामीणों ने किया जोरदार प्रदर्शनBody:देश भर में भरष्टाचार का बोल बाला है भरष्टाचार ने अपनी जड़ें इन क़दर जमा ली है कि मानो जैसे केंसर जिसमे अधिकारियों की संलिप्त होना एक आम बात हो गयी है। सूबे की जीरो टॉलरेंस होने के दावे की हवा निकलती नज़र आ रही है। ताजा मामला है गदरपुर के गुलाभोज का है जहां पर बुनकर ( गांधी आश्रम उत्पत्ति केंद्र ) का सहारा लेकर अपने परिवार के साथ रहकर निजी बिजनेस को बढ़ा रहे है जिसको लेकर ग्रामीणों ने जोरदर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी किया।

वीओ - गांधी आश्रम उत्तपत्ति केंद्र का सहारा लेकर एक ऐसे काम को अंजाम दिया जा रहा जिससे गांधी जी के उद्देश्यों पर पानी फिर रहा है
जी हाँ आपको बताते चले कि गूलरभोज में गांधी आश्रम के आड़ में नसीम खान अपने परिवार के साथ रहकर खुद का एलमुनियम फर्नीचर का बिजनेस कर रहे हैं गांधी जी के आश्रम में बुनकर बुनाई का काम ना हो कर कुछ और ही हो रहा है और गाँधी आश्रम में इतना ज्यादा गंदगी कर रख्खा है कि आसपास के लोग गंभीर विमारी के फैलने की आशंका से डरे रहते हैं

वीओ - राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के इस नारे को पलीता लगाने का काम हो रहा है, जैसे साफ-सुथरे तन में सुंदर मन बसता है, वैसे ही साफ-सुथरे समाज के साथ सभ्य देश बनता है. इस मूलमंत्र पर बापू ने देश में सफाई अभियान दक्षिण अफ्रीका से लौटते ही शुरू कर दिया था. यानी साल 1915 में. इस बात को 104 साल हो गए. मगर बापू का वो अभियान आजादी के 72 साल बाद भी अधूरा दिख रहा फिर भी गाँधी जी के आश्रम में इतनी गंदगी है कि बताना मुश्किल है ।
गांधी आश्रम में साफ सफाई होनी चाहिए थी , लेकिन इतनी गंदगी है कि देखा नही जा सकता मोदी जी के स्वच्छता अभियान के नारे को दरकिनारे कर दिया है

इस दौरान चेयरमैन पति तरुण दुबे ने कहा कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि खाकी पहनो उस उद्देश्य से यहां पहले बुनकर का काम चलता था लेकिन वो अब बंद हो चुका है वहां पर नसीम खान जो पहले बुनकर का काम करते थे लेकिन अब अपने परिवार के साथ रहकर वहां कब्जा कर रख्खा है और अपने परिवार के साथ रहकर एलमुनियम फर्नीचर का निजी बिजनेस कर रहे हैं जो कि गलत है कई बार इनके महामंत्री से गांव वाले ने शिकायत की लेकिन उन्होंने अब तक कोई ध्यान नहीं दिया

वही प्रदर्शन कारी और स्थानीय निवासीयो का कहना है कि गांधी जी का आश्रम की आड़ में नाज़िम खान ने अपने परिवार के साथ रहकर अवैध कब्जा कर रखा है और बुनकर का काम ना करके एलमुनियम , फर्नीचर , मुर्गी पालन , गाय , बकरी पालन , का खुद का निजी बिजनेस कर रहा है और तो और यहां काला जादू झाड़-फूंक का काम भी होता है इसलिए यहां बहुत गंदगी फैल रही है इस कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और गांधी आश्रम वाले को कुछ समझने जाऊं तो हमें धमकी देता है कि ज्यादा समझाने की कोशिश करोगे तो तुम गांव वालों के ऊपर जादू टोना कर दूंगा उससे तुम लोगोंं को बहुत बड़ा नुकसान होगा
इस विषय में इनके आला अधिकारियों को भी कई बार शिकार किया लेकिन लगता है उनको ऊपर भी काला जादूूू कर दिया इसलिए अब तक वो भी मोन है Conclusion:गांधी जी के उद्देश्य के साथ खुलेआम खेला जा रहा है वो भी उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के क्षेत्र गूलरभोज गांधी आश्रम में और यह खेल कई सालों से हो रहा है जिसका ग्रामीणों ने कई बार विरोध किया लेकिन अब तक किसी भी तरह की कोई भी कार्यवाही नहीं हुई
जानकारी के अनुसार यह जमीन सिंचाई विभाग के अंतर्गत आती है गांधी आश्रम के लिए बुनकर के काम के लिए ज्यादा जगह नीचे ही होती और पहले थोड़ी सी जगह में ही यह काम किया जाता था लेकिन आश्रम में नसीम खान ने अपने परिवार के साथ रहकर धीरे धीरे आसपास के जगह पर भी आश्रम के नाम पर कब्जा करके अपने परिवार के साथ रहकर अपने खुद के बिजनेस को बढ़ा रहे हैं और यह सब कई सालों से चलता आ रहा है लेकिन अधिकारी मोन बैठे हुए हैं आखिर प्रशासन की आंखें कब खुलेगी और कब होगी कार्रवाई यह तो आने वाला वक्त बताएगा


वाइट - तरुण दुबे चेयरमैन पति गुलाभोज
वाइट - प्रदर्शनकारी
वाइट - महिला प्रदर्शनकारी
बाइट - स्थानीय निवासी
वाइट - स्थानीय निवासी
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