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सांस्कृतिक धरोहर में लोगों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, तीन दिन पहले ही खत्म करना पड़ा कार्यक्रम

विश्व धरोहर सप्ताह में विरासत की झलक दिखाने को पुरातत्व अधिकारी तरसते रहे. स्थानीय लोगों में सांस्कृतिक धरोहर के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखी.

सांस्कृतिक धरोहर के प्रति लोगों की नहीं दिखी दिलचस्पी.
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Published : Nov 23, 2019, 7:37 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 8:05 PM IST

काशीपुर: नगर में विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत लगाई गई प्रदर्शनी में लोगों की आमद के लिए पुरातत्व अधिकारियों की आंखें तरसती रही. वहीं, स्थानीय लोगों ने भी सांस्कृतिक धरोहर को लेकर लगाई गई इस प्रदर्शनी के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में बीते 19 नवंबर से आगामी 25 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी को तीन दिन पूर्व ही आज समाप्त कर दिया गया.

बता दें कि 19 नवंबर को इस प्रदर्शनी का शुभारम्भ कुमाऊं मंडल आयुक्त राजीव रौतेला ने किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर सप्ताह मनाने का उद्देश्य लोगों में सांस्कृतिक विरासत और स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाना था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में आयोजित इस छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्देश्य स्कूली बच्चों व स्थानीय लोगों को स्मारकों के इतिहास के रूबरू करवाना था.

सांस्कृतिक धरोहर के प्रति लोगों में नहीं दिखी दिलचस्पी.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंडः नेताओं को लगने लगी ठंड, देहरादून में 4 दिसंबर से होगा शीतकलीन सत्र

वहीं, पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नगर के विभिन्न स्कूलों के साथ ही स्थानीय संगठनों से सम्पर्क साधकर उन्हें प्रदर्शनी में आने का न्योता दिया था. लेकिन लोगों की इसमें कोई दिलचप्सी नहीं होने के कारण इसे समय से पहले ही समाप्त कर दिया गया.

काशीपुर: नगर में विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत लगाई गई प्रदर्शनी में लोगों की आमद के लिए पुरातत्व अधिकारियों की आंखें तरसती रही. वहीं, स्थानीय लोगों ने भी सांस्कृतिक धरोहर को लेकर लगाई गई इस प्रदर्शनी के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में बीते 19 नवंबर से आगामी 25 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी को तीन दिन पूर्व ही आज समाप्त कर दिया गया.

बता दें कि 19 नवंबर को इस प्रदर्शनी का शुभारम्भ कुमाऊं मंडल आयुक्त राजीव रौतेला ने किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर सप्ताह मनाने का उद्देश्य लोगों में सांस्कृतिक विरासत और स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाना था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में आयोजित इस छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्देश्य स्कूली बच्चों व स्थानीय लोगों को स्मारकों के इतिहास के रूबरू करवाना था.

सांस्कृतिक धरोहर के प्रति लोगों में नहीं दिखी दिलचस्पी.

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वहीं, पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नगर के विभिन्न स्कूलों के साथ ही स्थानीय संगठनों से सम्पर्क साधकर उन्हें प्रदर्शनी में आने का न्योता दिया था. लेकिन लोगों की इसमें कोई दिलचप्सी नहीं होने के कारण इसे समय से पहले ही समाप्त कर दिया गया.

Intro:Summary- काशीपुर में विश्व धरोहर सप्ताह में विरासत की झलक दिखाने को पुरातत्व अधिकारी तरसते रहे लेकिन स्थानीय लोगों में सांस्कृतिक धरोहर के प्रति कोई दिलचस्पी नही दिखी। काशीपुर में बीते 19 नवम्बर से आगामी 25 नवम्बर तक चलने वाली काशीपुर के सबसे प्राचीनतम गोविषाण टीले पर आयोजित विश्व धरोहर सप्ताह की प्रदर्शनी लोगों में दिलचस्पी न होने की वजह से तीन दिन पूर्व ही समाप्त कर दी गई।


एंकर- काशीपुर में विश्व धरोहर सप्ताह में विरासत की झलक दिखाने को पुरातत्व अधिकारी तरसते रहे लेकिन स्थानीय लोगों में सांस्कृतिक धरोहर के प्रति कोई दिलचस्पी नही दिखी। काशीपुर में बीते 19 नवम्बर से आगामी 25 नवम्बर तक चलने वाली काशीपुर के सबसे प्राचीनतम गोविषाण टीले पर आयोजित विश्व धरोहर सप्ताह की प्रदर्शनी लोगों में दिलचस्पी न होने की वजह से तीन दिन पूर्व ही समाप्त कर दी गई।

Body:वीओ- बीती 19 नवम्बर को इस प्रदर्शनी का शुभारम्भ कुमायुं मंडल आयुक्त राजीव रौतेला ने किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर सप्ताह मनाने का उद्देश्य लोगों में सांस्कृतिक विरासत और स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा आयोजित इस छाया चित्र प्रदर्शनी का उद्देश्य स्कूली बच्चों व स्थानीय लोगों को स्मारकों के इतिहास के बारे में जानकारी उप्लब्ध कराना था। विश्व धरोहर सप्ताह बीती 19 से शुरू होकर आगामी 25 नबंवर तक चलना था। इसके लिए पुरातत्व विभाग द्वारा नगर के विभिन्न स्कूलों के साथ ही स्थानीय संगठनों से सम्पर्क साधकर आने का न्योता दिया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक बनाना है। परन्तु लोगों की दिलचप्सी नही होने के कारण इसे समय से पूर्व ही समाप्त कर दिया गया।
बाइट- वेद प्रकाश बाठला, पर्यावरणविदConclusion:
Last Updated : Nov 23, 2019, 8:05 PM IST
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