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राजस्व पर भारी पड़ी नई आबकारी नीति, 76 दुकानों के लिए नहीं हुआ टेंडर

उत्तराखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाले आबकारी विभाग को इस साल भी टारगेट दिया गया है. उधम सिंह नगर जिले को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 173 करोड़ दिया गया था, जिसे वित्तीय वर्ष 2019- 20 में बढ़ाकर 224 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो पिछली बार के मुकाबले 51 करोड़ रुपए अधिक है.

76 दुकानों के लिए नहीं हुआ टेंडर
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Published : Mar 19, 2019, 3:09 PM IST

रुद्रपुर: सूबे में राजस्व बढ़ाने को लेकर त्रिवेंद्र सरकार की नई आबकारी नीति खटाई में पड़ती नजर आ रही है. आलम ये है कि अब शराब की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल पा रहे है. उधम सिंह नगर जिले में 107 शराब की दुकानें हैं. इसमें से मात्र 12 दुकानों के लिए ही ठेकेदारों द्वारा टेंडर डाले गए है. जिसमें से भी अभी तक 9 दुकानें ही आवंटित हुई है. वहीं, आबकारी विभाग ने 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

76 दुकानों के लिए नहीं हुआ टेंडर

पढ़ें-लोकसभा चुनाव के लिए पुलिस ने कसी कमर, हर गतिविधि पर रहेगी पैनी नजर

वित्तीय वर्ष 2019-20 शुरू होने वाला है. ऐसे में आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. उधम सिंह नगर जिले में पहले चरण में आबकारी की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल पा रहे है. दरअसल, उधम सिंह नगर जिले में आबकारी की 107 दुकान आवंटित होनी है. जिसमें से 63 देशी, 53 अंग्रेजी और एक बीयर की दुकानें है. इसमें से19 दुकानें तो पुराने ठेकेदारों ने 20 फीसदी महंगी दरों रिनुअल करा ली है.

बता दें कि उत्तराखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाले आबकारी विभाग को इस साल भी टारगेट दिया गया है. उधम सिंह नगर जिले को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 173 करोड़ दिया गया था, जिसे वित्तीय वर्ष 2019- 20 में बढ़ाकर 224 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो पिछली बार के मुकाबले 51 करोड़ रुपए अधिक है.

मात्र 9 दुकानें ही हुई आवंटित
उधम सिंह नगर जिले की 88 दुकानों के लिए आबकारी विभाग ने ई-टेंडर निकाले थे. इस टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ 12 ठेकेदारों ने ही हिस्सा लिया. जिसमें से 9 ठेकेदारों ने को दुकानें आवंटित हुई. जिसके बाद अब एक बार फिर विभाग ने बची हुई शराब की दुकानों के लिए टेंडर खोल दिए है.
हालांकि,जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार शाह का कहना है कि 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए प्रदेश का कोई भी नागरिक टेंडर प्रक्रिया में भाग ले सकता है. सभी मानकों को पूरा करने वाले व्यक्ति को दुकान आवंटित कर दी जाएगी.

रुद्रपुर: सूबे में राजस्व बढ़ाने को लेकर त्रिवेंद्र सरकार की नई आबकारी नीति खटाई में पड़ती नजर आ रही है. आलम ये है कि अब शराब की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल पा रहे है. उधम सिंह नगर जिले में 107 शराब की दुकानें हैं. इसमें से मात्र 12 दुकानों के लिए ही ठेकेदारों द्वारा टेंडर डाले गए है. जिसमें से भी अभी तक 9 दुकानें ही आवंटित हुई है. वहीं, आबकारी विभाग ने 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

76 दुकानों के लिए नहीं हुआ टेंडर

पढ़ें-लोकसभा चुनाव के लिए पुलिस ने कसी कमर, हर गतिविधि पर रहेगी पैनी नजर

वित्तीय वर्ष 2019-20 शुरू होने वाला है. ऐसे में आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. उधम सिंह नगर जिले में पहले चरण में आबकारी की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल पा रहे है. दरअसल, उधम सिंह नगर जिले में आबकारी की 107 दुकान आवंटित होनी है. जिसमें से 63 देशी, 53 अंग्रेजी और एक बीयर की दुकानें है. इसमें से19 दुकानें तो पुराने ठेकेदारों ने 20 फीसदी महंगी दरों रिनुअल करा ली है.

बता दें कि उत्तराखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाले आबकारी विभाग को इस साल भी टारगेट दिया गया है. उधम सिंह नगर जिले को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 173 करोड़ दिया गया था, जिसे वित्तीय वर्ष 2019- 20 में बढ़ाकर 224 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो पिछली बार के मुकाबले 51 करोड़ रुपए अधिक है.

मात्र 9 दुकानें ही हुई आवंटित
उधम सिंह नगर जिले की 88 दुकानों के लिए आबकारी विभाग ने ई-टेंडर निकाले थे. इस टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ 12 ठेकेदारों ने ही हिस्सा लिया. जिसमें से 9 ठेकेदारों ने को दुकानें आवंटित हुई. जिसके बाद अब एक बार फिर विभाग ने बची हुई शराब की दुकानों के लिए टेंडर खोल दिए है.
हालांकि,जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार शाह का कहना है कि 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए प्रदेश का कोई भी नागरिक टेंडर प्रक्रिया में भाग ले सकता है. सभी मानकों को पूरा करने वाले व्यक्ति को दुकान आवंटित कर दी जाएगी.

Intro:एंकर - उत्तराखंड सरकार की आबकारी नीति सरकार के राजस्व में भारी पड़ रही है। आलम ये है कि अब शराब की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नही मिल पा रहे है। उधम सिंह नगर जिले में 107 शराब की दूकाने है। जिसमे से मात्र से 12 दुकानों के लिए ही ठेकेदारों द्वारा निविदा डाली गई जिसमें से 9 ही दुकाने आवंटित हो पाई। एक बार फिर आबकारी विभाग द्वारा 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए ई टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


Body:वीओ - वित्तीय वर्ष 2019 - 20 शुरू होने वाला है। ऐसे में सरकार द्वारा द्वारा आबकारी की दुकानों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उधम सिंह नगर जिले में पहले चरण में आबकारी की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नही मिल पाए। दरशल उधम सिंह नगर जिले में आबकारी की 107 दुकान आवंटित होनी है जिसमे से 19 आबकारी दुकानों में पुराने ठेकेदारों द्वारा 20 फीसदी महंगी दरों पर नवीनीकरण करा लिया है। जबकि 88 दुकानों के लिए विभाग द्वारा ई टेंडर निकाले गए थे जिसमें मात्र 12 लोगो द्वारा ही टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया गया, जिसमे 9 ही ठेकेदारों को अहर पाया गया। अब एक बार फिर विभाग बची हुई दुकानों के लिए निविदा खोल दी गयी है। जानकारों की माने तो उत्तराखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग को इस वर्ष भी टारगेट दिया गया है इस वर्ष 51 करोड़ रुपये का अधिक टारगेट उधम सिंह नगर को दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में जहा 173 करोड़ का टारगेट उधम सिंह नगर आबकारी विभाग को दिया गया था तो वही आने वाला वित्तीय वर्ष 2019- 20 में इस को बढ़ा कर 224 करोड़ कर दिया गया है।
वही जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार साह ने बताया कि 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए प्रदेश का कोई भी नागरिक उद्यम सिंह नगर की आबकारी की दुकानों के लिए टेंडर प्रक्रिया में भाग ले सकता है।

बाइट - आलोक कुमार, जिला आबकारी अधिकारी।


Conclusion:
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