रुद्रपुर: सूबे में राजस्व बढ़ाने को लेकर त्रिवेंद्र सरकार की नई आबकारी नीति खटाई में पड़ती नजर आ रही है. आलम ये है कि अब शराब की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल पा रहे है. उधम सिंह नगर जिले में 107 शराब की दुकानें हैं. इसमें से मात्र 12 दुकानों के लिए ही ठेकेदारों द्वारा टेंडर डाले गए है. जिसमें से भी अभी तक 9 दुकानें ही आवंटित हुई है. वहीं, आबकारी विभाग ने 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
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वित्तीय वर्ष 2019-20 शुरू होने वाला है. ऐसे में आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. उधम सिंह नगर जिले में पहले चरण में आबकारी की दुकानों के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल पा रहे है. दरअसल, उधम सिंह नगर जिले में आबकारी की 107 दुकान आवंटित होनी है. जिसमें से 63 देशी, 53 अंग्रेजी और एक बीयर की दुकानें है. इसमें से19 दुकानें तो पुराने ठेकेदारों ने 20 फीसदी महंगी दरों रिनुअल करा ली है.
बता दें कि उत्तराखंड सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाले आबकारी विभाग को इस साल भी टारगेट दिया गया है. उधम सिंह नगर जिले को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 173 करोड़ दिया गया था, जिसे वित्तीय वर्ष 2019- 20 में बढ़ाकर 224 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो पिछली बार के मुकाबले 51 करोड़ रुपए अधिक है.
मात्र 9 दुकानें ही हुई आवंटित
उधम सिंह नगर जिले की 88 दुकानों के लिए आबकारी विभाग ने ई-टेंडर निकाले थे. इस टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ 12 ठेकेदारों ने ही हिस्सा लिया. जिसमें से 9 ठेकेदारों ने को दुकानें आवंटित हुई. जिसके बाद अब एक बार फिर विभाग ने बची हुई शराब की दुकानों के लिए टेंडर खोल दिए है.
हालांकि,जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार शाह का कहना है कि 26 मार्च तक बची हुई दुकानों के लिए प्रदेश का कोई भी नागरिक टेंडर प्रक्रिया में भाग ले सकता है. सभी मानकों को पूरा करने वाले व्यक्ति को दुकान आवंटित कर दी जाएगी.