गदरपुर: मदद के नाम पर सरकारी तंत्र प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह का मजाक कर रहा है इसकी एक बानगी उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर में देखने को मिला है. यहां पर पश्चिम बंगाल के कुछ प्रवासी मजूदर फंसे हुए थे. जिनकी मदद के लिए सत्ता के पक्ष के कुछ नेताओं ने हाथ बढ़ाया था और उन्हें कोलकाता भेजने की बात कहकर 17 मई बसों के जरिए गदरपुर से हरिद्वार भेजा गया था, लेकिन हैरानी बात ये है कि तीन दिनों तक मजदूर हरिद्वार में ही भूखे-प्यासे पड़े रहे, लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली और जब प्रशासन उनके कोलकाता भेजने का इंतजाम नहीं कर पाया तो उन्हें वापस बसों के लिए उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर भेज दिया है, यहां भी इनके रहने खाने को कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
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जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के कुछ मजदूर बीते कुछ दिनों से गदरपुर एक मंदिर में फंसे हुए थे, जिन्होंने घर जाने के लिए सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई थी. अधिकारियों और सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं को इन प्रवासियों मजदूरों पर तरस आ गया था तो उन्होंने सभी को बसों के जरिए ये कहकर हरिद्वार भेज दिया है कि वहां से उन्होंने कोलकाता जाने के लिए ट्रेन मिल जाएगी. सभी प्रवासियों मजदूर बसों से हरिद्वार तो पहुंच गए, लेकिन यहां भी उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला. तीन दिनों तक छोटे बच्चों के साथ प्रवासी मजदूर हरिद्वार में ट्रेन का इंतजार करते है. जब प्रशासन इनके कोलकाता भेजने का इंतजाम नहीं कर पाया तो फिर से बंसों के जरिए उधम सिंह नगर भेज दिया गया है, जहां न तो इसके लिए खाने का कोई इंतजाम और न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था. इसके बाद उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई.
इसके बाद कुछ समाज सेवियों ने इनके भोजन-पानी का इंतजाम किया. जिसके बाद इन्हें रुद्रपुर राधा स्वामी सत्संग में भेजा गया, जहां से फिर इनको काशीपुर और कुछ को दिनेशपुर भेजा गया. इन्होंने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि सरकार बीते कई दिनों से बसों में घुमा रही है. एक तरह से इन प्रवासियों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है.