रुद्रपुर: 9 साल पहले रुद्रपुर में हुए क्रेन व्यापारी जनक राज हत्याकांड में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25-30 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि इंद्रा चौक सिथत पत्थर चट्टा बिलिडिग निवासी गुगा लाल ने 2 अक्टूबर 2012 की देर रात रुद्रपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें बताया कि रोजाना की तरह शाम करीब 8 बजे वह अपने पिता जनकराज को खाना देने किच्छा बाईपास सिथत सिंगला एग्रो इण्डस्ट्रीज गया था. पिता को खाना देकर वह पहली मंजिल पर काम कर रहे क्रेन ऑपरेटर त्रिलोक यादव से बातें करने चला गया. आधे घंटे बाद उसे पिता की चीखने की आवाज सुनाई दी. आनन-फानन में वह नीचे आया तो सामने देखा कि तीन लोग पिता के पेट व गर्दन पर वार कर रहे थे. तब उसने पिता को बचाने का प्रयास किया. इस दौरान हमलावरों ने उसे गोली मारने की धमकी दे दी.
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इसके बावजूद उनके शोर मचाने पर स्टाफ के लोग वहां आ गए. यह देखकर हमलावर भागने लगे. जिसमें से एक हमलावर को दबोच लिया गया. घायल जनराज को अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. पकड़े गए हमलावार मुनेश को पुलिस के हवाले कर दिया गया. जिसने पुलिस से पूछताछ में अपने साथियों के नाम बताये. जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया.
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बाद में तीनों अभियुक्तों पर तृतीय अपर जजिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला के न्यायालय में मुकदमा चला रहा था. जिसमें एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 11 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध किये. जिसके बाद न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने मोहित को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा और मुनेश को आजीवन कारावास के साथ 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि जितेन्द्र को सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया.