रुद्रपुरः उधम सिंह नगर जिले में 410 करोड़ रुपये का जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है. मामले में राज्य कर विभाग ने जिले के 35 फर्मों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. इन सभी फर्मों पर ई-वे बिल का दुरुपयोग और फर्जीवाड़ा कर जीएसटी चोरी करने का आरोप है. वहीं, आर्थिक अपराध शाखा से जांच में जुट गई है.
दरअसल, बीते 16 दिसंबर 2019 को आयुक्तालय राज्य कर के पास प्रदेश के कई फर्मों की ओर से जीएसटी की चोरी करने का मामला संज्ञान में आया था. जिसके बाद कर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों की कोर टीम गठित कर मामले की जांच की गई. जांच में पाया गया कि राज्य में 70 से ज्यादा व्यापारियों के द्वारा रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी, किच्छा, गदरपुर में विभिन्न पतों पर घोषित व्यापार स्थलों से ईपीए कम्पोनेंट और चप्पल की खरीद/बिक्री दिखाई गई है.
यह खरीद/बिक्री सामानों के पारगमन के लिए बनाई गई इलेक्ट्रोनिक युक्ति यानि ई-वे बिल के जरिए दिखाया गया था. आयुक्तालय राज्य कर के मुताबिक, इस ई-वे बिल के माध्यम से करीब 70 व्यापारियों ने 8500 करोड़ रुपये के माल का पारगमन किया था. इतना ही नहीं इस खरीद/बिक्री में 35 व्यापारियों ने अपने व्यापार स्थल भी घोषित किए थे. जिसके बाद टीम ने इन घोषित व्यापार स्थलों की जांच की.
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वहीं, जांच में 35 फर्मों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में से किसी भी फर्म के जीएसटी अभिलेखों में पंजीकृत व्यापारिक स्थल नहीं मिले. इतना ही नहीं कार्य व्यापार में फर्मो का कोई लेन-देन नहीं मिला. साथ ही ज्यादातर मामलों में व्यापार स्थल के रूप में जिन जगहों को दिखाया गया था, उसमें मकान मालिकों के नाम से नेट के जरिए डाउनलोड किए गए बिजली के बिल मिले. जिन्हें भी एडिट कर व्यापार स्थल के पते को प्रूफ के तौर पर दिखाया गया. उधर, मकान और दुकान स्वामी मामले से बेखबर मिले.
कुछ मामलों में व्यापार स्थलों को किराए पर दिखाया गया था. किराएनामे के रूप में नोटरी मिला. जिसे उन्होंने व्यापार स्थल के सापेक्ष लगाया था. जिसके बाद रुद्रपुर, गदरपुर, किच्छा तहसीलों में घोषित किए गए पतों से ईवीए कम्पोनेंट और चप्पल की खरीद/बिक्री करने वाले 35 व्यापारियों की ओर से 473 करोड़ रुपये की माल की खरीद की गई. जिसमें 2511 करोड़ रुपये के माल की बिक्री की गई.
वहीं, इस बिक्री में करीब 410 करोड़ रुपये का जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ. जिस पर डिप्टी कमिश्नर रजनीश ने सभी 35 फर्मों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.