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भू-माफिया ने सरकारी जमीन पर की प्लॉटिंग, प्रशासन ने शुरू की कार्रवाई

खटीमा के खेतलसंडा ग्राम में भू-माफिया ने 50 से अधिक लोगों को सरकारी भूमि को जनजाति भूमि दिखाकर स्टांप पेपर में विक्रय कर दिया है.

भू माफिया ने बेची सरकारी जमीन
भू माफिया ने बेची सरकारी जमीन
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Published : Nov 1, 2020, 12:44 PM IST

खटीमा: खेतलसंडा ग्राम में भू-माफिया द्वारा 9 बीघा सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग कर उसे बेचने का मामला सामने आया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब खटीमा प्रशासन ने अतिक्रमण की जद में बेघर हुए गरीब परिवारों को रहने के लिए जमीन आवंटित करने की कार्रवाई शुरू की. बताया जा रहा है कि भू-माफिया ने 50 से अधिक लोगों को सरकारी भूमि को जनजाति भूमि दिखाकर स्टांप पेपर में विक्रय कर दिया.

बता दें कि, खटीमा क्षेत्र में ज्यादातर जमीन थारू लैंड या वर्ग 4 की है, जिसको शासन की तरफ से खरीद-फरोख्त करने हेतु सख्त प्रतिबंध है. खटीमा प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बेघर लोगों को खेतलसंडा गांव में सरकारी बंजर जमीन पर आवासीय पट्टे देने के लिए स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान पता चला कि उक्त सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग हो चुकी है. प्रशासन ने मामले में कार्रवाई की बात कही है. जिससे जमीन पर मकान बना चुके लोगों में हड़कंप मच गया है.

पढ़ें- ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करने वाले दिनेश नाथ को CM ने किया सम्मानित

स्थानीय निवासी विनोद जोशी ने बताया कि लोगों ने अपने मेहनत की कमाई से घर बनाया है. कुछ मकान निर्माणाधीन भी हैं और कृषि क्षेत्र भी है जिसको अब प्रशासन हटाने की तैयारी में है. लेकिन अपनी मेहनत की कमाई से खरीदे प्लॉट को लोग नहीं छोड़ेंगे और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करेंगे. वहीं, एसडीम निर्मला बिष्ट का कहना है कि सरकारी जमीन को धोखाधड़ी से बेचने वाले लोगों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

खटीमा: खेतलसंडा ग्राम में भू-माफिया द्वारा 9 बीघा सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग कर उसे बेचने का मामला सामने आया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब खटीमा प्रशासन ने अतिक्रमण की जद में बेघर हुए गरीब परिवारों को रहने के लिए जमीन आवंटित करने की कार्रवाई शुरू की. बताया जा रहा है कि भू-माफिया ने 50 से अधिक लोगों को सरकारी भूमि को जनजाति भूमि दिखाकर स्टांप पेपर में विक्रय कर दिया.

बता दें कि, खटीमा क्षेत्र में ज्यादातर जमीन थारू लैंड या वर्ग 4 की है, जिसको शासन की तरफ से खरीद-फरोख्त करने हेतु सख्त प्रतिबंध है. खटीमा प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बेघर लोगों को खेतलसंडा गांव में सरकारी बंजर जमीन पर आवासीय पट्टे देने के लिए स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान पता चला कि उक्त सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग हो चुकी है. प्रशासन ने मामले में कार्रवाई की बात कही है. जिससे जमीन पर मकान बना चुके लोगों में हड़कंप मच गया है.

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स्थानीय निवासी विनोद जोशी ने बताया कि लोगों ने अपने मेहनत की कमाई से घर बनाया है. कुछ मकान निर्माणाधीन भी हैं और कृषि क्षेत्र भी है जिसको अब प्रशासन हटाने की तैयारी में है. लेकिन अपनी मेहनत की कमाई से खरीदे प्लॉट को लोग नहीं छोड़ेंगे और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करेंगे. वहीं, एसडीम निर्मला बिष्ट का कहना है कि सरकारी जमीन को धोखाधड़ी से बेचने वाले लोगों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

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