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ब्रिटिशकालीन झनकईया पुल हुआ जर्जर, नहीं चलेंगे भारी वाहन, 2 दर्जन गांव होंगे प्रभावित

उधम सिंह नगर जिले को नेपाल से जोड़ने वाला पुल सीमांत क्षेत्र के 20 गांवों की लाइफलाइन भी है. ब्रिटिशकालीन इस पुल की जर्जर हालत को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने यहां भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक भी लगाई है.

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जर्जर हालत के कारण भारी वाहनों के लिए बंद किया गया झनकईया पुल.
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Published : Dec 2, 2019, 4:07 AM IST

Updated : Dec 2, 2019, 8:19 AM IST

खटीमा: उधम सिंह नगर जिले को नेपाल से जोड़ने वाला झनकईया पुल की जर्जर होती हालत के चलते पीडब्ल्यूडी ने यहां भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी दी है. निचले हिस्से में आई दरार के बाद ये पुल भारी वाहनों का आवागमन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. समय रहते अगर पुल की स्थिति की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो ये पुल कभी भी किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है.

जर्जर हालत के कारण भारी वाहनों के लिए बंद किया गया झनकईया पुल.

बता दें कि उधम सिंह नगर जिले को नेपाल से जोड़ने वाला ये पुल सीमांत क्षेत्र के 20 गांवों की लाइफलाइन भी है. ये पुल सीमांत क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों को खटीमा से जोड़ता है. वहीं यह पुल खटीमा को नेपाल से भी जोड़ता है. पुल के टूटने से खटीमा का नेपाल से संपर्क भी टूट जाएगा. इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी सरकार और स्थानीय प्रशासन इस ओर कोईन ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है.

पढ़ें-मानव और वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए वन विभाग की नई पहल, युवाओं को करेगा प्रशिक्षित

ब्रिटिशकालीन इस पुल की जर्जर हालत को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला किया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ब्रिटिशकालीन इस पुल की कई बार अस्थायी मरम्मत की जा चुकी है.

पढ़ें-उत्तराखंड: बीजेपी ने की मंडल अध्यक्षों की घोषणा, 15 दिसम्बर तक चुना जाएगा प्रदेश अध्यक्ष

पुल के रखरखाव करने वाली एजेंसी पीडब्लूडी विभाग के इंजीनियर का कहना है कि झनकईया पुल साल 1953 का बना हुआ है. अब ये पुल अपना समय पूरा कर चुका है. उन्होंने बताया कि इस पुल की कई बार मरम्मत भी की जा चुकी है बावजूद इसके पुल की हालत जर्जर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि झनकईया थाने और एसडीएम को पत्र लिखकर इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद करने की जानकारी दे दी गई है.

खटीमा: उधम सिंह नगर जिले को नेपाल से जोड़ने वाला झनकईया पुल की जर्जर होती हालत के चलते पीडब्ल्यूडी ने यहां भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी दी है. निचले हिस्से में आई दरार के बाद ये पुल भारी वाहनों का आवागमन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. समय रहते अगर पुल की स्थिति की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो ये पुल कभी भी किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है.

जर्जर हालत के कारण भारी वाहनों के लिए बंद किया गया झनकईया पुल.

बता दें कि उधम सिंह नगर जिले को नेपाल से जोड़ने वाला ये पुल सीमांत क्षेत्र के 20 गांवों की लाइफलाइन भी है. ये पुल सीमांत क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों को खटीमा से जोड़ता है. वहीं यह पुल खटीमा को नेपाल से भी जोड़ता है. पुल के टूटने से खटीमा का नेपाल से संपर्क भी टूट जाएगा. इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी सरकार और स्थानीय प्रशासन इस ओर कोईन ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है.

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ब्रिटिशकालीन इस पुल की जर्जर हालत को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला किया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ब्रिटिशकालीन इस पुल की कई बार अस्थायी मरम्मत की जा चुकी है.

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पुल के रखरखाव करने वाली एजेंसी पीडब्लूडी विभाग के इंजीनियर का कहना है कि झनकईया पुल साल 1953 का बना हुआ है. अब ये पुल अपना समय पूरा कर चुका है. उन्होंने बताया कि इस पुल की कई बार मरम्मत भी की जा चुकी है बावजूद इसके पुल की हालत जर्जर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि झनकईया थाने और एसडीएम को पत्र लिखकर इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद करने की जानकारी दे दी गई है.

Intro:summary- उधम सिंह नगर जनपद को नेपाल से जोड़ने वाले झनईकया पुल के निचले हिस्से में आई दरार के चलते पुल से भारी वाहनों का आवागमन हुआ खतरनाक। कभी भी हो सकता है कोई बड़ा हादसा।

नोट- खबर एकटीपी में- jarjar pul par haadse ka intjaar- नाम के फोल्डर में है

एंकर- उधम सिंह नगर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा को नेपाल सहित सीमांत क्षेत्र के 20 गांव से जोड़ने वाला ब्रिटिश कालीन जर्जर झनईकया पुल मैं बार-बार आ रही खराबी के चलते पीडब्ल्यूडी विभाग ने भारी वाहनों के पुल से गुजरने पर लगाई रोक।


Body:वीओ- उधम सिंह नगर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा को नेपाल से जोड़ने वाला झनईकया पुल मैं नीचे के हिस्से में आ रही खराबी के चलते पुल पर भारी वाहनों का आवागमन हुआ खतरनाक। कभी भी हो सकती है कोई बड़ी दुर्घटना। पीडब्लूडी विभाग ने पुल की भारक क्षमता से ज्यादा के भजन के वाहनों का पुल से आवागमन किया बंद।
वही स्थानीय जनता का कहना है कि ब्रिटिश कालीन जर्जर हो चुके इस पुल मैं कई बार खराबी आ चुकी है। पीडब्ल्यूडी विभाग बार-बार अस्थाई मरम्मत कर पुल पर आवागमन शुरू कर देता है। यहां पुल खटीमा से सीमांत क्षेत्र को जोड़ता है जहां दो दर्जन से ज्यादा गांव इस पुल के टूटने से खटीमा से संपर्क टूट जाएगा। वही यह पुल खटीमा को नेपाल से भी जोड़ता है। इस पुल टूटने से खटीमा का नेपाल से संपर्क भी टूट जाएगा। इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी सरकार और स्थानीय प्रशासन के द्वारा स्कूल की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। क्योंकि इस पुल की भारत क्षमता 16.2 टन है। और स्कूल से उसकी भारत क्षमता से दुगने वजन के गन्ने के ट्रक और बसें दिन रात गुजर रही हैं जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
बाइट-1- स्थानीय जनता

बाइट-2- स्थानीय जनता

वीओ 2- इस पुल की रखरखाव करने वाली एजेंसी पीडब्लूडी विभाग के इंजीनियर का कहना है कि झनईकया पुल 1953 का बना हुआ है और अपना समय पूरा कर चुका है। पुल में पूर्व में भी कई बार दरारे आ चुकी है। झनईकया पुल में जब भी कोई खराबी आती है तो उसका तत्काल में मरम्मत करा दी जाती है। पुल की भारक क्षमता का बोर्ड उन पर लगा दिया गया है। और पुल के दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर लगा दिए गए हैं। वही उन्होंने झनईकया थाने और एसडीएम को पत्र लिखकर भारी झनईकया पुल से
भारी वाहनों का आवागमन बंद कराने को कहा है।

बाइट- सुभाष कुमार जेई पीडब्लू विभाग खटीमा





Conclusion:
Last Updated : Dec 2, 2019, 8:19 AM IST
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