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काशीपुर तहसीलः रविवार को भी खुला रहा लेखपाल कार्यालय, दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने वाले कौन थे 'वो तीन'? - क्राइम न्यूज

रविवार के दिन काशीपुर के लेखपाल कार्यालय में अंजान लोगों द्वारा गतिविधियों की सूचना मिलने पर मीडिया कर्मी मौके पर पहुंचे, जहां तीन लोगों द्वारा मौके पर दस्तावेजों से छेड़छाड़ की जा रही थी.

रविवार को भी खुला रहा लेखपाल कार्यालय.
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Published : May 27, 2019, 5:59 PM IST

उधम सिंह नगर: राज्य बनने के बाद एनएच-74 घोटाले से सुर्खियों में आई काशीपुर तहसील एक बार फिर विवादों में है. जहां अभी घोटाला मामले में एसआइटी जांच में जुटी हुई है, वहीं तहसील में अवकाश के दिन लेखपाल कार्यालय में लोगों की मौजूदगी और अभिलेखों से छेड़छाड़ कई सवाल खड़ा कर रहा है.

रविवार को भी खुला रहा लेखपाल कार्यालय.

अक्सर अवकाश के दिन सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं, लेकिन उधम सिंह नगर जिले की काशीपुर तहसील ऐसी तहसील है जहां लेखपालों की शह पर छुट्टी के दिन भी खोली जाती है. रविवार को काशीपुर तहसील में जसपुर खुर्द के लेखपाल नितिन का कार्यालय खुला होना तथा वहां कार्य किए जाने की सूचना मिली. सूचना के आधार पर जब मीडिया कर्मी वहां पहुंचे तो देखा कि कमरे में बिना लेखपाल के कार्य किया जा रहा था. वहीं सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर लेखपाल के कार्यालय की चाबी निजी लोगों तक कैसे पहुंची.

ये भी पढ़ें: गर्मी का सितम रहेगा जारी, इस साल उत्तराखंड में 10 दिन की देरी से आएगा मानसून

बता दें कि तीन लोग कंप्यूटर पर तहसील की गोपनीय साइट खोलकर कार्य कर रहे थे. जब मीडिया ने उनसे परिचय मांगा गया तो अंदर काम कर रहे तीनों व्यक्ति एक-एक कर मुंह छिपाकर खिसकते दिखाई दिए.
जब इस बारे में उपजिलाधिकारी काशीपुर से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर जांच किए जाने की बात कही.

उधम सिंह नगर: राज्य बनने के बाद एनएच-74 घोटाले से सुर्खियों में आई काशीपुर तहसील एक बार फिर विवादों में है. जहां अभी घोटाला मामले में एसआइटी जांच में जुटी हुई है, वहीं तहसील में अवकाश के दिन लेखपाल कार्यालय में लोगों की मौजूदगी और अभिलेखों से छेड़छाड़ कई सवाल खड़ा कर रहा है.

रविवार को भी खुला रहा लेखपाल कार्यालय.

अक्सर अवकाश के दिन सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं, लेकिन उधम सिंह नगर जिले की काशीपुर तहसील ऐसी तहसील है जहां लेखपालों की शह पर छुट्टी के दिन भी खोली जाती है. रविवार को काशीपुर तहसील में जसपुर खुर्द के लेखपाल नितिन का कार्यालय खुला होना तथा वहां कार्य किए जाने की सूचना मिली. सूचना के आधार पर जब मीडिया कर्मी वहां पहुंचे तो देखा कि कमरे में बिना लेखपाल के कार्य किया जा रहा था. वहीं सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर लेखपाल के कार्यालय की चाबी निजी लोगों तक कैसे पहुंची.

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बता दें कि तीन लोग कंप्यूटर पर तहसील की गोपनीय साइट खोलकर कार्य कर रहे थे. जब मीडिया ने उनसे परिचय मांगा गया तो अंदर काम कर रहे तीनों व्यक्ति एक-एक कर मुंह छिपाकर खिसकते दिखाई दिए.
जब इस बारे में उपजिलाधिकारी काशीपुर से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर जांच किए जाने की बात कही.

Intro:संबंधित खबर के विजुअल और बाइट लाइव यू से भेज दिए गए हैं।

राज्य बनने के बाद एनएच-74 घोटाले में रडार पर आई काशीपुर तहसील को विवादों में रहने की आदत पड़ गई है। जहां अभी घोटाला मामले में एसआइटी जांच में जुटी है। वहीं तहसील में अवकाश के दिन लेखपाल कार्यालय में प्राइवेट लोगों की मौजूदगी और उनके द्वारा अभिलेंखों में छेड़छाड़ कई सवाल खड़े कर रही है। क्या है पूरा मामला जानिए इस रिपोर्ट में-




Body:वीओ- अक्सर छुट्टी के दिन सरकारी कार्यालयों में अक्सर ताले लटके देखे जाते हैं लेकिन उधम सिंह नगर जिले की यह तहसील ऐसी तहसील है जहां लेखपालों की शह पर यह तहसील छुट्टी के दिन भी खोली जाती है। जी हां हम बात कर रहे हैं उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर तहसील की जहां  जहां कि लेखपाल साहब की शह पर खोली जाती है छुट्टी के दिन भी तहसील।  


वीओ- रविवार के दिन  छुट्टी होने के चलते काशीपुर तहसील में  जसपुर खुर्द के  लेखपाल नितिन का कार्यालय खुला होने तथा वहां  कार्य  किए जाने की सूचना पर  जब मीडिया कर्मी वहां पहुंचे  तो  देखा कि लेखपाल के कमरे में  बिना उनके कार्य कर रहे थे। सवाल तो यह उठता है कि आखिर लेखपाल के कार्यालय की चाबी निजी लोगों तक कैसे पहुंची। साथ ही महत्वपूर्ण अभिलेखों वाली इस तहसील में सुरक्षा कैसे ताक पर रखी गई। 

वीओ- रविवार का दिन दोपहर तीन बजे स्थानीय लोगों से मीडिया को तहसील में प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा कंप्यूटर पर कार्य करने व अभिलेखों में छेड़छाड़ करने की सूचना मिली। सूचना पर जब मीडिया कर्मी तहसील पहुंचे तो हैरतअंगेज नजारा देखने को मिला। अवकाश होने के बावजूद भी एक पटवारी का कार्यालय खुला हुआ था। उसमें तीन अलग-अलग लोग कुर्सियों पर बैठे थे। जिनमें एक व्यक्ति कंप्यूटर पर तहसील की गोपनीय साइट खोले कार्य कर रहा था। बाकी दो ने रजिस्टर खोले हुए थे और तीसरा बेखौफ कुर्सी पर पैर फैलाए बैठा था। आखिर प्राइवेट व्यक्ति के पास संबंधित विभाग का गोपनीय पासवर्ड कहीं न कहीं संबंधित अधिकारियों की लिप्तता को भी उजागर करता है। इस दौरान जब मीडिया कर्मियों द्वारा उनसे परिचय मांगा गया तो अंदर काम कर रहे तीनों व्यक्ति एक-एक कर मुंह छिपाकर खिसकते दिखे। इस दौरान लेखपाल कार्यालय काफी देर तक खाली रहा। कुछ देर बाद उन्हीं में से एक व्यक्ति लेखपाल कार्यालय में ताला लगाकर चला गया। मजाक की बात यह है कि जिस लेखपाल का वह कार्यालय है वह वहां स्वयं मौजूद भी नहीं था। ऐसे में निजी कर्मचारियों के पास उसके कार्यालय की चाबी कहां से पहुंची। अवकाश के दिन संबंधित अधिकारियों की गैर मौजूदगी में दफतर खोलने की अनुमति किसने दी। आखिर ये कौन लोग थे और अभिलेखों के साथ क्या छेड़छाड़ कर रहे थे। यह सवाल चर्चाओं का विषय बने हुए हैं। जब इस बारे में उपजिलाधिकारी काशीपुर से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर जांच किए जाने और जांच के बाद उचित कार्यवाही की बात कही।

बाइट- हिमांशु खुराना, उपजिलाधिकारी काशीपुर




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