काशीपुर: उधमसिंह नगर के काशीपुर में भारतीय किसान यूनियन नेताओं ने धान खरीद में आ रही समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत को उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा. ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि लेखपाल व उनके सहयोगी बगैर सुविधा शुल्क के उनका काम नहीं करते हैं. इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि किसानों को खसरे की नकल लाने के लिए बाध्य न किया जाए.
काशीपुर एसडीएम कार्यालय पहुंचे किसानों ने प्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत के नाम ज्ञापन में 2019 की धान खरीद नीति को फिर लागू करने की बात कही है. साथ ही 2019 की धान खरीद नीति में धान मिल मालिकों को होने वाली समस्याओं का समाधान करने की मांग की, ताकि किसानों को राहत मिले. शिकायत करते हुए उन्होंने कहा कि 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाला धान तौल केंद्रों पर तौला नहीं जाता है. 17 प्रतिशत नमी तक धान सुखाना किसानों के मुमकिन नहीं है.
ऐसे में मंडी रेट पर धान बिकने से किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. 6 महीने की मेहनत के बावजूद लागत का पैसा भी किसानों को नहीं मिल पाता है. तहसील से तौल केंद्र पर जो सूची किसानों की भेजी जाती है, उसमें अनियमितता के चलते किसान का रकबा छूट जाता है. किसानों को बेवजह तहसील के चक्कर काटने पड़ते हैं.
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ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि लेखपाल व उनके सहयोगी बगैर सुविधा शुल्क के उनका काम नहीं करते हैं. किसानों को खसरे की नकल लाने के लिए बाध्य न किया जाए. इस मौके पर किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष टीका सिंह सैनी ने कहा कि प्रति हेक्टेयर 70 क्विंटल धान की पैदावार सीमा को यथावत रखा जाए.
वहीं, धान खरीद के बाद अधिक से अधिक एक सप्ताह में भुगतान किसान को दे दिया जाए. साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि किसान प्रतिनिधियों, राइस मिल प्रतिनिधियों, सहकारी, खाद्य विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक बुलाकर धान तौल केंद्रों के सुचारू संचालन की व्यवस्था बनाई जाए.