काशीपुर: त्रिवेंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी किस तरह से पलिता लगाने में जुटे हुए हैं. इसका एक उदाहरण उधमसिंह नगर जिले के जसपुर में देखने को मिला. जसपुर चिकित्सालय में दलालों का किस तरह से राज चल रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां डॉक्टर ने चार साल पहले मरे हुए व्यक्ति का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बना दिया.
जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि जसपुर चिकित्सालय के डॉक्टर हितेश शर्मा ने एक ऐसे व्यक्ति का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनाया. जिसकी मौत चार साल (07-11- 2016) हो चुकी है. जब इस बारे में डॉक्टर हितेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सारे काम नियमानुसार किए गए हैं. कोई भी में मृत व्यक्ति कैसे आकर साइन कर सकता सकता है? कैसे उसका पर्चा बन सकता है? जो व्यक्ति सामने होगा उसी का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनेगा. लेकिन ऐसे कैसे हो गया है, इसका जवाब उनके पास भी नहीं था.
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इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने कहा कि एक स्थानीय व्यक्ति ने सूचना के अधिकारी (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगी थी कि सुरेश कश्यप नाम के किसी व्यक्ति का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया था क्या? जिसके जवाब में डॉक्टर हितेश शर्मा की तरफ से न कहा गया था. हालांकि उनके पास सुरेश कश्यप का 5-01-2019 से लेकर 8-01-2019 तक का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट है, जो डॉक्टर हितेश शर्मा ने ही जारी किया है. जबकि व्यक्ति की मौत 07-11- 2016 यानी चार साल पहले हो चुकी है. लेकिन डॉक्टर के पास इसका कोई जवाब नहीं है.
विधायक आदेश चौहान ने कहा कि वे इस मामले की शिकायत सीएमओ के साथ स्वास्थ्य सचिव से भी करेंगे. विधायक चौहान का आरोप है कि डॉ. हितेश कुमार पहले भी विवादों में रहे है. उन्होंने दो हजार रुपए में मुर्दे का ही मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट तैयार कर दिया है.