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लोहड़ी त्योहार को लेकर बाजार सजे, पर रौनक गायब

देश की जनता महंगाई की मार से परेशान है. अब इस महंगाई की मार आने वाले पर्व त्योहार पर भी देखने को मिल रहा है. लोहड़ी को लेकर बाजार में इस बार रौनक गायब सी दिख रही है. वहीं खरीददारों के नहीं आने से व्यापारी मायूस नजर आ रहे हैं.

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महंगाई की मार
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Published : Jan 12, 2020, 7:46 PM IST

काशीपुर: लोहड़ी पर्व को लेकर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बाजार में ऑफरों की भरमार है, लेकिन ग्राहक नहीं होने के कारण व्यापार अभी तक ठंडा पड़ा है. लोहड़ी से एक दिन पहले तक बाज़ारों में रहने वाली रौनक इस बार गायब सी हो गयी है.

देवभूमि उत्तराखंड के काशीपुर के बाजार की अगर बात की जाए तो यहां टांडा उज्जैन, महाराणा प्रताप चौक, मुख्य बाजार, रामनगर रोड समेत शहर में लोहड़ी की तैयारियां अंतिम रूप देने में लगे दुकानदार ग्राहकों की कमी का मुख्य कारण महंगाई को मान रहे हैं. लोहड़ी के त्योहार को मात्र एक दिन ही रह गया है, लेकिन बाजारों में जगह-जगह रेवड़ी व गज़क के ठेले आदि लगे होने के बावजूद ग्राहक नहीं हैं.

महंगाई की मार

वहीं लोहड़ी में नये जोड़े के घर दोगुनी खरीददारी होती है. लेकिन लोग अब लोहड़ी के सामान की खरीददारी करने की बजाय या तो मेवे लेने लगे हैं या फिर अपने बेटियों और अपने नाती पोते के जन्म की खुशी में नगद पैसे ही देने लगे हैं. लोगों पर महंगाई का साफ असर देखा जा रहा है.

ये भी पढ़े: विकासनगर: सार्वजनिक शौचालय पर लटके ताले, पर्यटकों को हो रही परेशानी

दुकानदारों के मुताबिक पिछले वर्षों में वह मूंगफली 55 रुपए किलो लाकर 80 रुपए तक बेच देते थे. वहीं अब मूंगफली 70 रुपए किलो उनको मिलती है जिसे वह अब 100 रुपए किलो बेच रहे हैं. लोहड़ी पर्व से संबंधित वस्तुओं की कीमतों में 50 से 70 फीसदी तक बढ़ोतरी हो गई है.

जो रेवड़ी पहले 160 रुपए किलो मिलती थी वह अब वह ₹200 किलो बिक रही है. वहीं गजक के दाम पिछले साल 200 रुपए किलो थे, लेकिन इस बार 250 से 260 रुपए किलो तक बिक रही है. तिल 100 से 180 रुपए किलो तक बिक रहे हैं.

काशीपुर: लोहड़ी पर्व को लेकर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बाजार में ऑफरों की भरमार है, लेकिन ग्राहक नहीं होने के कारण व्यापार अभी तक ठंडा पड़ा है. लोहड़ी से एक दिन पहले तक बाज़ारों में रहने वाली रौनक इस बार गायब सी हो गयी है.

देवभूमि उत्तराखंड के काशीपुर के बाजार की अगर बात की जाए तो यहां टांडा उज्जैन, महाराणा प्रताप चौक, मुख्य बाजार, रामनगर रोड समेत शहर में लोहड़ी की तैयारियां अंतिम रूप देने में लगे दुकानदार ग्राहकों की कमी का मुख्य कारण महंगाई को मान रहे हैं. लोहड़ी के त्योहार को मात्र एक दिन ही रह गया है, लेकिन बाजारों में जगह-जगह रेवड़ी व गज़क के ठेले आदि लगे होने के बावजूद ग्राहक नहीं हैं.

महंगाई की मार

वहीं लोहड़ी में नये जोड़े के घर दोगुनी खरीददारी होती है. लेकिन लोग अब लोहड़ी के सामान की खरीददारी करने की बजाय या तो मेवे लेने लगे हैं या फिर अपने बेटियों और अपने नाती पोते के जन्म की खुशी में नगद पैसे ही देने लगे हैं. लोगों पर महंगाई का साफ असर देखा जा रहा है.

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दुकानदारों के मुताबिक पिछले वर्षों में वह मूंगफली 55 रुपए किलो लाकर 80 रुपए तक बेच देते थे. वहीं अब मूंगफली 70 रुपए किलो उनको मिलती है जिसे वह अब 100 रुपए किलो बेच रहे हैं. लोहड़ी पर्व से संबंधित वस्तुओं की कीमतों में 50 से 70 फीसदी तक बढ़ोतरी हो गई है.

जो रेवड़ी पहले 160 रुपए किलो मिलती थी वह अब वह ₹200 किलो बिक रही है. वहीं गजक के दाम पिछले साल 200 रुपए किलो थे, लेकिन इस बार 250 से 260 रुपए किलो तक बिक रही है. तिल 100 से 180 रुपए किलो तक बिक रहे हैं.

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Summary- लोहड़ी पर्व को लेकर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बाजार में ऑफरों से बाजार गर्म है, परंतु ग्राहक नहीं होने के कारण व्यापार अभी तक ठंडा पड़ा है। लोहड़ी से एक दिन पूर्व तक बाज़ारों में रहने वाली रौनक इस बार बाजार से गायब सी हो गयी है।


एंकर- लोहड़ी पर्व को लेकर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बाजार में ऑफरों से बाजार गर्म है, परंतु ग्राहक नहीं होने के कारण व्यापार अभी तक ठंडा पड़ा है। लोहड़ी से एक दिन पूर्व तक बाज़ारों में रहने वाली रौनक इस बार बाजार से गायब सी हो गयी है।

Body:वीओ- देवभूमि उत्तराखंड के काशीपुर के बाजार की अगर बात की जाए तो यहां टांडा उज्जैन, महाराणा प्रताप चौक, मुख्य बाजार, रामनगर रोड समेत शहर में लोहड़ी की तैयारियां अंतिम रूप देने में लगे दुकानदार ग्राहकों की कमी का मुख्य कारण महंगाई को मान रहे हैं।

वीओ- लोहड़ी के त्योहार को मात्र एक दिन ही रह गया है, किंतु बाजारों में जगह-जगह रेवड़ी व गज़क के ठेले आदि लगे होने के बावजूद ग्राहक नहीं है। आमतौर पर परिवार में नई दुल्हन के साथ साथ खुशी के पर्व को लोग लोहड़ी में दुगुनी कर देते हैं। अब लोहड़ी के सामान की खरीददारी करने की बजाय या तो मेवे लेने लगे हैं या फिर अपने बेटियों अपने दोहतों के जन्म की खुशी में नकद पैसे ही देने लगे हैं। लोगों पर महंगाई का साफ असर देखा जा रहा है।
वीओ- काशीपुर में दुकानदारों के मुताबिक पिछले वर्षों में वह मूंगफली ₹55 किलो लाकर ₹80 तक बेच देते थे वहीं अब मूंगफली ₹70 किलो उनको मिलती है जिसे वह अब 100 रुपए किलो बेच रहे हैं, लोहड़ी पर्व से संबंधित वस्तुओं में 50 से 70 फीसदी तक बढ़ोतरी हो गई है। दुकानदार चंद्रकांत के मुताबिक रेवड़ी पहले ₹160 किलो बेचते थे अब वह ₹200 किलो बेच रहे हैं। वहीं गज्जक के दाम जोकि पिछले साल 200 रुपए किलो थे तथा इस बार 250 से 260 रुपए किलो तक बिक रही है। तिल 100 से 180 रुपए किलो तक बिक रहे है। परमल जोकि पिछले साल मात्र 9 रुपये पैकेट था वह इस बार 20 से 25 रुपए तक बिक रहा है। महिला ग्राहक नीलम चौधरी ने महंगाई को स्वीकारते हुए कहा कि आज जो कीमत दुकानदारों के द्वारा लोहड़ी पर बिकने वाले सामान की बताई जा रही है हो सकता है कल लोहडी के दिन यह कीमत और बढ़ जाए।
बाइट- चंद्रकांत, दुकानदार
बाइट- मनदीप कौर, ग्राहक
बाइट- हबीब, दुकानदार
बाइट- नीलम चौधरी, ग्राहक
बाइट- हरभजन सिंह, ग्राहकConclusion:
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