बाजपुरः आयुष चिकित्सकों को बिना किसी प्रशिक्षण के अन्य चिकित्सकों की तरह इलाज करने की अनुमति दिए जाने के बाद से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े निजी चिकित्सकों में केंद्र सरकार के प्रति रोष है. उन्होंने ओपीडी सेवा बंद करते हुए भूख हड़ताल की और सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है.
बाजपुर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े निजी चिकित्सकों ने केंद्र सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों को बिना किसी उचित प्रशिक्षण के ऑपरेशन करने की अनुमति देने पर विरोध जताया है. विरोध स्वरूप चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा को बंद करते हुए भूख हड़ताल की. इस दौरान चिकित्सकों ने केंद्र सरकार से आदेश को वापस लिए जाने की मांग की है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में संस्था से जुड़े अन्य चिकित्सक मुख्य बाजार स्थित अग्रवाल अस्पताल में एकत्र हुए. चिकित्सकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आयुष चिकित्सकों को लेकर दी गई अनुमति को वापस लिए जाने की मांग की.
डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) सभी चिकित्सकों और सभी पद्धति का सम्मान करता है. लेकिन सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों को लेकर जो निर्णय लिया गया है, उससे भविष्य में बड़ा संकट पैदा हो सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.
पिछले साल केंद्र सरकार ने दी थी मंजूरी
कोरोना संक्रमण के बाद से ही भारत सरकार स्वदेशी वस्तुओं और उद्योगों को लगातार बढ़ावा दे रही है. इसी क्रम में भारत सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद को और बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की परमिशन देने का फैसला किया था. सरकार ने 20 नवंबर 2020 के अपने गजट नोटिफिकेशन के जरिए आयुर्वेद के पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की इजाजत दी थी.
58 तरह की सर्जरी की इजाजत
भारत सरकार ने अपने नोटिफिकेशन के जरिये आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 तरह की आयुर्वेदिक सर्जरी करने की इजाजत दी थी. यानी देश के आयुर्वेदिक पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ऑपरेशन कर सकेंगे. इन 58 तरह की सर्जरी में हड्डी रोग, आंखों की सर्जरी, कान-गला और दांत की सर्जरी, स्किन ग्राफ्टिंग, ट्यूमर की सर्जरी, हाइड्रोसील, अल्सर, पेट की सर्जरी शामिल हैं.