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आईजी पुष्पक ज्योति बोले- पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी से बची कई जिंदगियां - खटीमा न्यूज

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर था, नहीं तो 2013 की आपदा जैसा हाल भी हो सकता था. ऐसे में समय रहते और तत्परता दिखाते हुए कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया.

IG Pushpak Jyoti
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Published : Oct 23, 2021, 9:01 AM IST

Updated : Oct 23, 2021, 9:22 AM IST

खटीमा: आईजी पुष्पक ज्योति ने रुद्रपुर पहुंचकर आपदा में किए गए राहत बचाव कार्यों की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि समय रहते प्रशासन अलर्ट नहीं रहता तो नजारा 2013 जैसा हो सकता था. उन्होंने सीएम सहित तमाम अधिकारियों का धन्यवाद किया.

आईजी पुष्पक ज्योति ने जल प्रलय से पहले किए गए होमवर्क में किस तरह से काम किया इसकी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने बताया कि जिस तरह से प्रशासन द्वारा इस आपदा से निपटा गया है, वे तारीफ के काबिल है. एसडीआरएफ द्वारा प्रदेश भर में 1,178 लोगों को रेस्क्यू किया गया और 20 लोगों के शव निकाले गए. अभी भी रेस्क्यू कार्य जारी है.

पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी से बची कई जिंदगियां.

उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने 16 अक्टूबर को राज्यभर में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया था. 17 अक्टूबर को मौसम विभाग ने फोन पर भारी बारिश होने की संभावना जताई थी. बारिश की सूचना मिलते ही सीएम और उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. तब सीएम अयोध्या दौरे पर थे. सूचना मिलने ही सीएम ने अभी अधिकारियों को अलर्ट रहने को लेकर दिशा निर्देश दिए .

उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के निदेशक डॉ विक्रम सिंह उन्हें बारिश की जानकारी देते हुए काफी घबराएं हुए थे. फोन पर डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि 17 अक्टूबर की शाम से प्रदेश में भारी बारिश होने वाली है. 2013 का जैसा हाल भी हो सकता है. तत्काल सभी प्रशासनिक तंत्र को एक्टिव किया गया. चारधाम यात्रा रोकने का एक्शन लिया गया. जितने यात्रियों को निकाला जा सकता था, उन्हें निकाला गया और जो लोग यात्रा के दौरान ऊपर पहुंच गए थे उन्हें वही गेस्ट हाउस में रोक दिया गया. सभी अधिकारियों को काम बांटा गया. सभी जिलों में आर्मी की तैनाती की गई.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. कई मौते हुई है. भूस्खलन से पहाड़ी मार्ग बंद हुए और लोगों के घरों को नुकसान हुआ है. उन्होंने सीएम सहित उच्चधिकारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर सही समय पर एक के बाद एक फैसले नहीं लिए होते तो स्थिति कुछ और होती.

आईजी ने बताया कि मैदानी इलाकों में घरों में जल भराव का सबसे बड़ा कारण नदियों के किनारे अतिक्रमण है. रुद्रपुर में बहने वाली कल्याणी नदी के किनारे इतना अधिक अतिक्रमण हो गया है कि वह नाले में तब्दील हो चुकी है. उन्होंने सभी से अपील की है कि नदी नालों के किनारे अपने मकानों को बनाने से बचे ताकि भविष्य में आपका परिवार सुरक्षित रह सकें.

पढ़ें: सीएम धामी का सभी डीएम को सख्त निर्देश, बंद सड़कों को युद्धस्तर पर खोला जाए

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि तीन दिन हुई भारी बारिश में सबसे अधिक प्रभावित जनपद उधम सिंह नगर रहा, यहां जगह-जगह जल भराव हुआ था. जिसपर पुलिस टीम ने बेहतर कार्य किया. उन्होंने बताया 17 अक्टूबर की शाम को पुलिस टीम ने 224 पुरुष, 124 महिला व 53 बच्चों को कल्याणी नदी के पास जाने से रोका. बारिश के बाद तीन हजार से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया. इसके अलावा लाइफ सेविंग रेस्क्यू में 145 लोगों को रेस्क्यू किया गया. आपदा के बाद अब तक 14 हजार से अधिक फूड पैकेट बाटे जा चुके हैं. इस दौरान जनपद के 15 सौ पुलिस कर्मियों को लगाया गया था. इसके अलावा पीएसी एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों को रेस्क्यू कार्य में लगाया गया था.

खटीमा: आईजी पुष्पक ज्योति ने रुद्रपुर पहुंचकर आपदा में किए गए राहत बचाव कार्यों की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि समय रहते प्रशासन अलर्ट नहीं रहता तो नजारा 2013 जैसा हो सकता था. उन्होंने सीएम सहित तमाम अधिकारियों का धन्यवाद किया.

आईजी पुष्पक ज्योति ने जल प्रलय से पहले किए गए होमवर्क में किस तरह से काम किया इसकी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने बताया कि जिस तरह से प्रशासन द्वारा इस आपदा से निपटा गया है, वे तारीफ के काबिल है. एसडीआरएफ द्वारा प्रदेश भर में 1,178 लोगों को रेस्क्यू किया गया और 20 लोगों के शव निकाले गए. अभी भी रेस्क्यू कार्य जारी है.

पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी से बची कई जिंदगियां.

उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने 16 अक्टूबर को राज्यभर में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया था. 17 अक्टूबर को मौसम विभाग ने फोन पर भारी बारिश होने की संभावना जताई थी. बारिश की सूचना मिलते ही सीएम और उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. तब सीएम अयोध्या दौरे पर थे. सूचना मिलने ही सीएम ने अभी अधिकारियों को अलर्ट रहने को लेकर दिशा निर्देश दिए .

उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के निदेशक डॉ विक्रम सिंह उन्हें बारिश की जानकारी देते हुए काफी घबराएं हुए थे. फोन पर डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि 17 अक्टूबर की शाम से प्रदेश में भारी बारिश होने वाली है. 2013 का जैसा हाल भी हो सकता है. तत्काल सभी प्रशासनिक तंत्र को एक्टिव किया गया. चारधाम यात्रा रोकने का एक्शन लिया गया. जितने यात्रियों को निकाला जा सकता था, उन्हें निकाला गया और जो लोग यात्रा के दौरान ऊपर पहुंच गए थे उन्हें वही गेस्ट हाउस में रोक दिया गया. सभी अधिकारियों को काम बांटा गया. सभी जिलों में आर्मी की तैनाती की गई.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. कई मौते हुई है. भूस्खलन से पहाड़ी मार्ग बंद हुए और लोगों के घरों को नुकसान हुआ है. उन्होंने सीएम सहित उच्चधिकारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर सही समय पर एक के बाद एक फैसले नहीं लिए होते तो स्थिति कुछ और होती.

आईजी ने बताया कि मैदानी इलाकों में घरों में जल भराव का सबसे बड़ा कारण नदियों के किनारे अतिक्रमण है. रुद्रपुर में बहने वाली कल्याणी नदी के किनारे इतना अधिक अतिक्रमण हो गया है कि वह नाले में तब्दील हो चुकी है. उन्होंने सभी से अपील की है कि नदी नालों के किनारे अपने मकानों को बनाने से बचे ताकि भविष्य में आपका परिवार सुरक्षित रह सकें.

पढ़ें: सीएम धामी का सभी डीएम को सख्त निर्देश, बंद सड़कों को युद्धस्तर पर खोला जाए

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि तीन दिन हुई भारी बारिश में सबसे अधिक प्रभावित जनपद उधम सिंह नगर रहा, यहां जगह-जगह जल भराव हुआ था. जिसपर पुलिस टीम ने बेहतर कार्य किया. उन्होंने बताया 17 अक्टूबर की शाम को पुलिस टीम ने 224 पुरुष, 124 महिला व 53 बच्चों को कल्याणी नदी के पास जाने से रोका. बारिश के बाद तीन हजार से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया. इसके अलावा लाइफ सेविंग रेस्क्यू में 145 लोगों को रेस्क्यू किया गया. आपदा के बाद अब तक 14 हजार से अधिक फूड पैकेट बाटे जा चुके हैं. इस दौरान जनपद के 15 सौ पुलिस कर्मियों को लगाया गया था. इसके अलावा पीएसी एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों को रेस्क्यू कार्य में लगाया गया था.

Last Updated : Oct 23, 2021, 9:22 AM IST
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