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नोटबंदी और जीएसटी ने तोड़ी गदरपुर के बाजारों की कमर, फीकी पड़ी दिवाली की रौनक - Gadarpur GST

लोगों को साल भार दीपावली के त्योहार का इंतजार रहता है. लोग बड़ी बेसब्री से इस दिन का इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार की दिवाली में लोगों में वो उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है. बाजारों की खस्ता हालत के कारण व्यापारियों के साथ ग्राहकों की भी दीपावली फीकी हो गई है.

नोटबंदी और जीएसटी ने तोड़ी गदरपुर के बाजारों की कमर
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Published : Oct 26, 2019, 4:09 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 5:01 PM IST

गदरपुर: दीपावली से पहले गदरपुर क्षेत्र के सभी बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. पहले जीएसटी और अब मंदी की मार ने बाजारों की कमर तोड़ दी है. जिसके कारण व्यापारियों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. बाजारों में फैले सन्नाटे के कारण के कारण दीपावली की रौनक फीकी पड़ने लगी है.अगर बीते पिछले कुछ सालों पहले की बात करें तो लोग दीपावली एक से एक हफ्ते पहले ही खरीदारी करना शुरू कर देते थे. मगर इस बार स्थिति कुछ और ही बनी हुई है.

नोटबंदी और जीएसटी ने तोड़ी गदरपुर के बाजारों की कमर

लोगों को साल भार दीपावली के त्योहार का इंतजार रहता है. लोग बड़ी बेसब्री से इस दिन का इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार की दिवाली में लोगों में वो उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है. बाजारों की खस्ता हालत के कारण व्यापारियों के साथ ग्राहकों की भी दीपावली फीकी हो गई है.

पढ़ें-पिथौरागढ़ सीट पर 25 नवंबर को होगा उपचुनाव, 28 को आएगा रिजल्ट

जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स और नोटबंदी ने दीपावली पर गदरपुर क्षेत्र के बाजार की रौनक को फीका कर दिया है. मिठाइयों, पटाखों, बर्तनों, झालरों और गिफ्टों के दामों में काफी इजाफा हो गया है. पटाखों के दामों में जबरदस्त उछाल आया है. महंगाई ने आम उपभोक्ता को परेशान कर दिया है. लिहाजा बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. यही नहीं दीपावली के मौके पर दिए जाने वाले तमाम ऑफर भी इस बार अपना खास असर नहीं दिखा पा रहे हैं. महंगाई के कारण व्यापारियों की हालत खराब हो गई है.

गदरपुर: दीपावली से पहले गदरपुर क्षेत्र के सभी बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. पहले जीएसटी और अब मंदी की मार ने बाजारों की कमर तोड़ दी है. जिसके कारण व्यापारियों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. बाजारों में फैले सन्नाटे के कारण के कारण दीपावली की रौनक फीकी पड़ने लगी है.अगर बीते पिछले कुछ सालों पहले की बात करें तो लोग दीपावली एक से एक हफ्ते पहले ही खरीदारी करना शुरू कर देते थे. मगर इस बार स्थिति कुछ और ही बनी हुई है.

नोटबंदी और जीएसटी ने तोड़ी गदरपुर के बाजारों की कमर

लोगों को साल भार दीपावली के त्योहार का इंतजार रहता है. लोग बड़ी बेसब्री से इस दिन का इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार की दिवाली में लोगों में वो उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है. बाजारों की खस्ता हालत के कारण व्यापारियों के साथ ग्राहकों की भी दीपावली फीकी हो गई है.

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जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स और नोटबंदी ने दीपावली पर गदरपुर क्षेत्र के बाजार की रौनक को फीका कर दिया है. मिठाइयों, पटाखों, बर्तनों, झालरों और गिफ्टों के दामों में काफी इजाफा हो गया है. पटाखों के दामों में जबरदस्त उछाल आया है. महंगाई ने आम उपभोक्ता को परेशान कर दिया है. लिहाजा बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. यही नहीं दीपावली के मौके पर दिए जाने वाले तमाम ऑफर भी इस बार अपना खास असर नहीं दिखा पा रहे हैं. महंगाई के कारण व्यापारियों की हालत खराब हो गई है.

Intro:एंकर - पहले मंदी की मार अब जीएसटी की गिरी तलवार से तकरीबन गदरपुर क्षेत्र के सभी बाजारों में सन्नाटा परसा हुआ है जिसके चलते व्यपारियो पर चिंता की लकीर खींच सी गई हैBody:नोटबंदी और जीएसटी ने दीपावली पर गदरपुर के बाजारों की रौनक को फीका कर दिया है हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली है परंतु उसके बावजूद भी गदरपुर के बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है दुकानदार हाथ पर हाथ धरे बैठकर मंदी के दौर से जूझ रहे हैं पिछले कुछ सालों पर नजर दौड़ाई जाए तो लोग तो यारों के लिए हफ्ता भर पहले से ही खरीदारी शुरू कर देते हैं एवं बाजारो में कई दिन पहले से ही गुलजार हो जाया करते थे परंतु इस बार स्थिति इसके विपरीत बनी हुई है लोगों में त्योहारों के लिए खरीदारी के प्रति जरा भी खुशी दिखाई नहीं दे रहा है एवं बाजार सुनसान पड़े हुए हैं जिसके चलते हैं बाजार में पसरे सन्नाटे और मंदी के दौर में दुकानदार की परेशानी पर चिंता की लकीर दिख रही है

विओ - देशभर का व्यापार भले ही सालो साल चलता है, लेकिन व्यापारियों को पूरे साल में केवल दीपावली के पर्व का इंतजार रहता है जितनी इन्वेस्टमेंट व्यापारी इन त्यौहार को लेकर करता है उसे आशा होती है कि अगर उसे अच्छी खासी आमदनी हो गई तो उसे एक साल तक किसी से उधारी नहीं मांगनी पड़ेगी और जो सरकारी/गैरसरकारी कर्ज ले भी रखा है वो चुकता हो जाएगा लेकिन इस साल दिवाली में व्यापारी वर्ग जीएसटी के पहाड़ तले दब कर कागजों में ही उलझ कर रह गया है

विओ आपको बता दे कि जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स और नोटबंदी ने दीपावली पर गदरपुर क्षेत्र के बाजार की रौनक को फीका कर दिया है। मिठाइयों, पटाखों, बर्तनों , झालरों और गिफ्टों के दामों में काफी इजाफा हो गया है। पटाखों के दामों में जबरदस्त तेजी आई है। महंगाई ने आम उपभोक्ता को परेशान कर दिया है। लिहाजा बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। यही नहीं दीपावली के मौके पर दिए जाने वाले तमाम ऑफर भी इस बार अपना खास असर नहीं दिखा पा रहे हैं। महंगाई के कारण व्यापारियों की हालत खराब हो गई है।
प्रकाश पर्व दीपावली में उधम सिंह नगर के गदरपुर के बाजारों में रौनक नहीं दिखाई दे रही है। इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए लोग न केवल मिठाइयां खरीदते हैं बल्कि एक दूसरे को देने के लिए गिफ्ट की खरीदारी भी करते हैं। इसके अलावा दीपावली पर पटाखे छुड़ाने का रिवाज भी है। लोग अपने घरों को रोशन करने के लिए झालरों व दीयों से सजाते हैं। लेकिन इस बार बाजार में जीएसटी ने काफी असर डाला है। मिठाइयों के दाम काफी बढ़ गए है। वहीं जर्मनी, चीन और अमेरिका से बने झालरों के दाम भी बढ़ गई हैConclusion:वाइट - दुकानदार
Last Updated : Oct 26, 2019, 5:01 PM IST
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