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साइबेरियन 'मेहमानों' ने सात समंदर पार से आकर डाला डेरा, सुरक्षा के लिए मुस्तैद वन महकमा - khatima forest department alert

साइबेरियन पक्षियों को उत्तराखंड की आवोहवा भा रही है. सर्दी शुरू होते ही कई प्रजाति के प्रवासी पक्षी यहां पहुंच गए हैं. जिनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग (khatima forest department alert) ने कमर कस ली है.

siberian bird
साइबेरियन पक्षी
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Published : Dec 8, 2021, 7:19 AM IST

Updated : Dec 8, 2021, 10:30 AM IST

खटीमा: सर्दी का मौसम शुरू होते ही साइबेरियन पक्षियों (Siberian Migratory Birds) का खटीमा के शारदा डैम- नानक सागर और बैगुल सहित कई जलाशय में आना शुरू हो जाता है. जिन पर शिकारियों की भी नजर रहती है. इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के कर्मचारी अक्सर पेट्रोलिंग करते रहते हैं. वहीं विदेशी प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग (khatima forest department) के कंजरवेटर दीपचंद आर्य ने कर्मचारियों को निर्देशित किया है. साथ ही अवैध शिकार रोकने के लिए पुलिस और एसएसबी की मदद ली जाएगी.

गौर हो कि सर्द मौसम में उधम सिंह नगर के खटीमा क्षेत्र में साइबेरियन बर्ड की आवक शुरू हो जाती है. जलाशय होने के कारण यहां साइबेरियन बर्ड की आवक में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हो जाती है. वहीं खटीमा के शारदा डैम-नानक सागर और बैगुल सहित कई जलाशय में साइबेरियन पक्षियों ने डेरा जमाया हुआ है. इस वर्ष भी भारी संख्या में विदेशी प्रवासी पक्षी इन जलाशयों में आए हुए हैं. इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के कर्मचारी अक्सर पेट्रोलिंग करते रहते हैं.

साइबेरियन 'मेहमानों' ने सात समंदर पार से आकर डाला डेरा.

पढ़ें-खटीमा में लगा साइबेरियन 'मेहमानों' का जमावड़ा, शिकारियों से बचाने के लिए 4 टीमें मुस्तैद

वन विभाग के कंजरवेटर दीपचंद आर्य ने बताया कि उनके द्वारा जलाशयों में आए विदेशी प्रवासी पक्षियों का डाटा इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे पता चल सके कि कितनी प्रजातियों के प्रवासी पक्षी इन जलाशयों में आ रहे हैं. साथ ही साइबेरियन पक्षियों का संरक्षण किया जा सके. प्रवासी पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए वन विभाग की कई टीमें गठित की गई हैं. जो सुबह और शाम जलाशयों के किनारे गश्त कर रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस और बॉर्डर पर तैनात एसएसबी की मदद से भी शिकारियों पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाएंगे.

वन अधिकारियों के मुताबिक सर्दियों के मौसम में भारी संख्या में साइबेरियन पक्षी उत्तराखंड की ओर अपना रुख कर लेते हैं. इन साइबेरियन पक्षियों का शिकारी भारी मात्रा में शिकार करते हैं. पिछले साल भी बड़ी संख्या में शिकार करने का मामला सामने आया था. जिसको देखते हुए खटीमा वन विभाग अलर्ट (khatima forest department alert) है.

आईए जानते हैं साइबेरियन पक्षी के बारे में
यह पक्षी मूल रुप से साइबेरिया का रहनेवाला है. साइबेरियन पक्षी छह माह उतर भारत में और छह माह दक्षिण भारत में रहता है. यह पक्षी साल में दो बार प्रजनन करती है. यह पंछी दो से चार अंडे तक देते हैं. इसका मुख्य भोजन घोंघा, मछली और केंचुआ है. साल 2005 के बाद से इसकी संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.

खटीमा: सर्दी का मौसम शुरू होते ही साइबेरियन पक्षियों (Siberian Migratory Birds) का खटीमा के शारदा डैम- नानक सागर और बैगुल सहित कई जलाशय में आना शुरू हो जाता है. जिन पर शिकारियों की भी नजर रहती है. इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के कर्मचारी अक्सर पेट्रोलिंग करते रहते हैं. वहीं विदेशी प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग (khatima forest department) के कंजरवेटर दीपचंद आर्य ने कर्मचारियों को निर्देशित किया है. साथ ही अवैध शिकार रोकने के लिए पुलिस और एसएसबी की मदद ली जाएगी.

गौर हो कि सर्द मौसम में उधम सिंह नगर के खटीमा क्षेत्र में साइबेरियन बर्ड की आवक शुरू हो जाती है. जलाशय होने के कारण यहां साइबेरियन बर्ड की आवक में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हो जाती है. वहीं खटीमा के शारदा डैम-नानक सागर और बैगुल सहित कई जलाशय में साइबेरियन पक्षियों ने डेरा जमाया हुआ है. इस वर्ष भी भारी संख्या में विदेशी प्रवासी पक्षी इन जलाशयों में आए हुए हैं. इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के कर्मचारी अक्सर पेट्रोलिंग करते रहते हैं.

साइबेरियन 'मेहमानों' ने सात समंदर पार से आकर डाला डेरा.

पढ़ें-खटीमा में लगा साइबेरियन 'मेहमानों' का जमावड़ा, शिकारियों से बचाने के लिए 4 टीमें मुस्तैद

वन विभाग के कंजरवेटर दीपचंद आर्य ने बताया कि उनके द्वारा जलाशयों में आए विदेशी प्रवासी पक्षियों का डाटा इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे पता चल सके कि कितनी प्रजातियों के प्रवासी पक्षी इन जलाशयों में आ रहे हैं. साथ ही साइबेरियन पक्षियों का संरक्षण किया जा सके. प्रवासी पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए वन विभाग की कई टीमें गठित की गई हैं. जो सुबह और शाम जलाशयों के किनारे गश्त कर रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस और बॉर्डर पर तैनात एसएसबी की मदद से भी शिकारियों पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाएंगे.

वन अधिकारियों के मुताबिक सर्दियों के मौसम में भारी संख्या में साइबेरियन पक्षी उत्तराखंड की ओर अपना रुख कर लेते हैं. इन साइबेरियन पक्षियों का शिकारी भारी मात्रा में शिकार करते हैं. पिछले साल भी बड़ी संख्या में शिकार करने का मामला सामने आया था. जिसको देखते हुए खटीमा वन विभाग अलर्ट (khatima forest department alert) है.

आईए जानते हैं साइबेरियन पक्षी के बारे में
यह पक्षी मूल रुप से साइबेरिया का रहनेवाला है. साइबेरियन पक्षी छह माह उतर भारत में और छह माह दक्षिण भारत में रहता है. यह पक्षी साल में दो बार प्रजनन करती है. यह पंछी दो से चार अंडे तक देते हैं. इसका मुख्य भोजन घोंघा, मछली और केंचुआ है. साल 2005 के बाद से इसकी संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.

Last Updated : Dec 8, 2021, 10:30 AM IST
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