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यूपी सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही, खटीमा में 100 से ज्यादा परिवारों पर बाढ़ का खतरा - शारदा सागर

यूपी सिंचाई विभाग की वजह से खटीमा के नेपाल सीमा से सटे कई गांव के सौ से ज्यादा परिवार बाढ़ ग्रस्त हो गए हैं. यूपी सिंचाई की लापरवाही का खामियाजा हर साल इन गरीब ग्रामीणों को झेलना पड़ता है.

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खटीमा के 100 से ज्यादा गांवों में भरा पानी
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Published : Dec 16, 2019, 9:04 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 11:32 PM IST

खटीमा: नेपाल बॉर्डर से सटे सिसैया-बगुलिया और दमगड़ा सहित कई गांवों में शारदा सागर का पानी घुसने से कई परिवार पानी में डूब गए हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा के सामान लाने के लिए नाव का प्रयोग करना पड़ा रहा है. वहीं उनकी गेहूं और गन्ने की 500 एकड़ फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो गई है. लेकिन स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की सुध नहीं ले रहा है.

पढ़ें- सरकार की योजनाओं से वंचित भेड़-बकरी पालक, खानाबदोश जीवन जीने को मजबूर

पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि शारदा सागर डैम में पहाड़ों से बरसात की वजह से आ रहे पानी को रोके जाने से जहां गांवों में डैम का पानी घुस गया है. वहीं लगातार बह रहे पानी से खटीमा के 100 से अधिक परिवार पानी से घिर गए हैं. सीमांत क्षेत्र के कई गांवों में 100 से ज्यादा परिवार इस बाढ़ से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन से उनकी मांग है कि शारदा सागर डैम के पानी की निकासी करवाकर उनके गांव में जल स्तर को कम किया जाए.

खटीमा के 100 से ज्यादा परिवारों में बाढ़ का खतरा बढ़ा.

गौरतलब है कि सिसैया बगुलिया और दमगड़ा सहित कई गांव शारदा सागर डैम के डूब क्षेत्र में आते हैं और उत्तराखंड और यूपी के अधीन आने वाले शारदा सागर डैम के प्रबंधन का काम यूपी सिंचाई विभाग देखता है, जिसके चलते हर साल उत्तराखंड में बसे इन गांवों में जलभराव से लोग परेशान रहते हैं. वहीं यूपी सिंचाई विभाग के कर्मचारी का कहना है कि उच्च अधिकारियों को ग्रामीणों की शिकायत के बारे में बता दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही शारदा सागर डैम का पानी यूपी सिंचाई के लिए खोल दिया जाएगा. जिसके बाद से ग्रामीणों को राहत मिल जाएगी.

खटीमा: नेपाल बॉर्डर से सटे सिसैया-बगुलिया और दमगड़ा सहित कई गांवों में शारदा सागर का पानी घुसने से कई परिवार पानी में डूब गए हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा के सामान लाने के लिए नाव का प्रयोग करना पड़ा रहा है. वहीं उनकी गेहूं और गन्ने की 500 एकड़ फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो गई है. लेकिन स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की सुध नहीं ले रहा है.

पढ़ें- सरकार की योजनाओं से वंचित भेड़-बकरी पालक, खानाबदोश जीवन जीने को मजबूर

पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि शारदा सागर डैम में पहाड़ों से बरसात की वजह से आ रहे पानी को रोके जाने से जहां गांवों में डैम का पानी घुस गया है. वहीं लगातार बह रहे पानी से खटीमा के 100 से अधिक परिवार पानी से घिर गए हैं. सीमांत क्षेत्र के कई गांवों में 100 से ज्यादा परिवार इस बाढ़ से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन से उनकी मांग है कि शारदा सागर डैम के पानी की निकासी करवाकर उनके गांव में जल स्तर को कम किया जाए.

खटीमा के 100 से ज्यादा परिवारों में बाढ़ का खतरा बढ़ा.

गौरतलब है कि सिसैया बगुलिया और दमगड़ा सहित कई गांव शारदा सागर डैम के डूब क्षेत्र में आते हैं और उत्तराखंड और यूपी के अधीन आने वाले शारदा सागर डैम के प्रबंधन का काम यूपी सिंचाई विभाग देखता है, जिसके चलते हर साल उत्तराखंड में बसे इन गांवों में जलभराव से लोग परेशान रहते हैं. वहीं यूपी सिंचाई विभाग के कर्मचारी का कहना है कि उच्च अधिकारियों को ग्रामीणों की शिकायत के बारे में बता दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही शारदा सागर डैम का पानी यूपी सिंचाई के लिए खोल दिया जाएगा. जिसके बाद से ग्रामीणों को राहत मिल जाएगी.

Intro:summary- यूपी सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते खटीमा के भारत नेपाल सीमा से सटे गांवों में 100 से ज्यादा परिवार हुए बाढ़ ग्रस्त।

नोट-खबर एफटीपी में - sharada sagar ka paani hogi me bhara- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- तराई क्षेत्र में दो दिन तक लगातार हुई बारिश और यूपी सिंचाई विभाग के अधीन शारदा सागर द्वारा पहाड़ों से आए पानी को यूपी में सिंचाई के लिए ना छोड़े जाने से भारत नेपाल सीमा से लगे गांव में 100 से ज्यादा परिवार हुये बाढ़ग्रस्त। बच्चों को स्कूल जाने और रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए ग्रामीणों को करना पड़ा है नाव का प्रयोग।


Body:वीओ- उधम सिंह नगर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा मैं नेपाल बॉर्डर से सटे गांव सिसैया - बगुलिया और दमगड़ा सहित कई गांवों में शारदा सागर का पानी घुसने से सबसे ज्यादा परिवार पानी में डूब गए हैं। पानी से घिरे ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए आने जाने के लिए नाव का प्रयोग करना पड़ा है। वही उनकी गेहूं व गन्ने की 500 एकड़ फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की सुध नहीं ले रहा है। पीड़ित ग्रामीणों के अनुसार शारदा सागर डैम में पहाड़ों से बरसात की वजह से आ रहे पानी को रोके जाने से जहां गांवों में डैम का पानी घुस गया है। वही लगातार बह रहे पानी से पूरे के पूरे गांव पानी से घिर गए हैं। सीमांत क्षेत्र के कई गांवों में 100 से ज्यादा परिवार इस बाढ़ से प्रभावित है। वहीं प्रशासन से उनकी मांग है कि शारदा सागर डैम के पानी की निकासी करवाकर उनके गांव में जल स्तर को कम किया जाए। गौरतलब है कि सिसैया बगुलिया और दमगड़ा सहित कई गांव शारदा सागर डैम के डूब क्षेत्र में आते हैं। और उत्तराखंड और यूपी के आधे - आधे अधीन आने वाले इस शारदा सागर डैम के प्रबंधन का काम यूपी सिंचाई विभाग देखता है। जिसके चलते हर साल उत्तराखंड में बसे इन गांवों में जलभराव से लोग परेशान रहते हैं।

बाइट- गोरखनाथ। पीड़ित ग्रामीण

बाइट- रामचरण पीड़ित ग्रामीण

वीओ- वही पीड़ित ग्रामीणों द्वारा यूपी सिचाई विभाग में शिकायत करने पर भी शारदा सागर डैम का पानी कम करने को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। वही मौके पर मौजूद यूपी सिचाई विभागीय के कर्मचारी का कहना है कि उच्च अधिकारियों को ग्रामीणों की शिकायत के बारे में बता दिया गया है। जल्द ही शारदा सागर डैम का पानी यूपी सिंचाई के लिए खोल दिया जाएगा जिसके बाद से ग्रामीणों को राहत मिल जाएगी।

बाइट- किशोर चंद जोशी कर्मचारी यूपी सिंचाई विभाग


Conclusion:फाइनल वीओ- यूपी सिंचाई विभाग की वजह से खटीमा के नेपाल सीमा से सटे कई गांव के सौ से ज्यादा परिवार जहां बाढ़ ग्रस्त हो गए हैं। वही यूपी सिंचाई की लापरवाही का खामियाजा हर साल इन गरीब ग्रामीणों को झेलना पड़ता है। उत्तराखंड सरकार को चाहिए की यूपी सिंचाई विभाग से वार्ता कर इस समस्या का परमानेंट समाधान निकाला जाए नहीं तो हर साल ग्रामीण इसी प्रकार बाढ़ ग्रस्त होते रहेंगे।
Last Updated : Dec 16, 2019, 11:32 PM IST
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