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NH-74 के लिए अधिग्रहित जमीन के भुगतान को लेकर किसानों का प्रदर्शन

गिन्नीखेड़ा और बांसखेड़ा के किसानों ने सरकार से एनएच-74 के लिए अधिग्रहित जमीन के भुगतान की मांग की है. उनका कहना है कि जब जमीन उनसे ली गई थी तो उस समय कम रेट दिया गया था. अब सरकारी रेट प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बढ़ गया है.

farmers protest
किसानों का प्रदर्शन
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Published : Sep 8, 2021, 9:51 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 10:20 PM IST

काशीपुरः भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह के बैनर तले दर्जनों किसानों ने एनएच-74 के लिए अधिग्रहण की गई जमीन के भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. किसानों ने 2021 के हिसाब से भुगतान करने की मांग की है. साथ ही एसडीएम कार्यालय पर मौजूद पेशकार के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा.

किसान यूनियन एकता उग्राह का कहना है कि ग्राम गिन्नीखेड़ा एवं बांसखेड़ा के किसानों की जमीन एनएच-74 के लिए अधिग्रहण की गई थी. साल 2013 में सरकारी रेट 47 लाख रुपए हेक्टेयर था. जबकि, किसानों को 24 लाख प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान किया गया.

किसानों का प्रदर्शन.

घरों को तोड़कर हाईवे का निर्माण किया गया. घरों की जमीन का भुगतान खेती जमीन के हिसाब से साल 2017 में किया गया था. उस समय गिन्नीखेड़ा में सरकारी रेट 76 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर था. इस समय गिन्नीखेड़ा का सरकार रेट 89 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर है.

ये भी पढ़ेंः बिरौड़ा में लिफ्ट सिंचाई योजना का शिलान्यास, लहलहाएगी फसल

उनका कहना है कि बांसखेड़ा में साल 2013 में सरकारी रेट 24 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर था. जबकि, किसानों को 18 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से भुगतान किया गया. इस समय बांसखेड़ा कला का सरकारी रेट 56 लाख रुपए है. बांसखेड़ा कलां में जिन लोगों के मकान बने हुए थे, उन्हें भी कृषि भूमि के हिसाब से भी कम रेट पर भुगतान किया गया. वहीं, 10 सितंबर तक भुगतान न होने पर भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह ने एनएच-74 को बंद करने की चेतावनी दी है.

काशीपुरः भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह के बैनर तले दर्जनों किसानों ने एनएच-74 के लिए अधिग्रहण की गई जमीन के भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. किसानों ने 2021 के हिसाब से भुगतान करने की मांग की है. साथ ही एसडीएम कार्यालय पर मौजूद पेशकार के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा.

किसान यूनियन एकता उग्राह का कहना है कि ग्राम गिन्नीखेड़ा एवं बांसखेड़ा के किसानों की जमीन एनएच-74 के लिए अधिग्रहण की गई थी. साल 2013 में सरकारी रेट 47 लाख रुपए हेक्टेयर था. जबकि, किसानों को 24 लाख प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान किया गया.

किसानों का प्रदर्शन.

घरों को तोड़कर हाईवे का निर्माण किया गया. घरों की जमीन का भुगतान खेती जमीन के हिसाब से साल 2017 में किया गया था. उस समय गिन्नीखेड़ा में सरकारी रेट 76 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर था. इस समय गिन्नीखेड़ा का सरकार रेट 89 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर है.

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उनका कहना है कि बांसखेड़ा में साल 2013 में सरकारी रेट 24 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर था. जबकि, किसानों को 18 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से भुगतान किया गया. इस समय बांसखेड़ा कला का सरकारी रेट 56 लाख रुपए है. बांसखेड़ा कलां में जिन लोगों के मकान बने हुए थे, उन्हें भी कृषि भूमि के हिसाब से भी कम रेट पर भुगतान किया गया. वहीं, 10 सितंबर तक भुगतान न होने पर भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह ने एनएच-74 को बंद करने की चेतावनी दी है.

Last Updated : Sep 8, 2021, 10:20 PM IST
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