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अस्पताल में दर्द से तड़पती रही महिला, डॉक्टरों की लापरवाही से हुई मौत

उत्तराखंड में इलाज के अभाव में एक और महिला की मौत की खबर सामने आई है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने सही से इलाज नहीं किया, जिससे महिला की मौत हुई.

महिला की मौत के बाद रोते बिलखते परिजन
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Published : Nov 22, 2019, 5:03 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 8:04 PM IST

काशीपुर: जिले के सरकारी अस्पताल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक दूधमुंही बच्ची की मां की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है. बता दें कि एक महिला पेट के दर्द से कराह रही थी. दर्द के चलते परिवार वालों ने पास के एक अस्पताल में उसे दिखाया. लेकिन पेट का दर्द सही न होने पर महिला अपने परिजनों के साथ एलटी भट्ट राजकीय अस्पताल पहुंची. सुबह से शाम तक परिजन डॉक्टरों से इलाज के लिए गुहार लगाते रहें लेकिन किसी ने एक न सुनी.

अस्पताल में दर्द से तड़पती रही महिला

नईम दिल्ली में रहकर बढ़ई का कार्य करता है. जबकि उसकी मां शकीला उसकी पत्नी साहिदा, तीन माह की दुधमुहीं बच्ची व छोटे भाई फईम के साथ काशीपुर के रामनगर रोड स्थित कचनाल गाजी में रहती हैं. महिला के देवर फईम का आरोप है कि उसने डॉक्टर के घर पर पहुंचकर भाभी को देखने का निवेदन किया. लेकिन डॉक्टर ने एक न सुनी. इस दौरान जब वह वापस भाभी के पास लौटा तो इमरजेंसी के डॉक्टर राजीव चौहान ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत की खबर सुनकर परिजन हैरान हो गए. परिजनों में अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए.

ये भी पढ़ें: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे समेत कई विधायकों की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने दिए कुर्की के आदेश

वहीं वहां किसी अन्य कार्य के लिए पहुंचे कोतवाल चंद्र मोहन सिंह ने मानवता का परिचय देते हुए परिजनों को पोस्टमार्टम की सलाह दी. परंतु परिजन बिना पोस्टमार्टम कराएं महिला का शव लेकर चले गए. अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके टम्टा ने मामले में लापरवाही की बात को नकारा है.

काशीपुर: जिले के सरकारी अस्पताल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक दूधमुंही बच्ची की मां की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है. बता दें कि एक महिला पेट के दर्द से कराह रही थी. दर्द के चलते परिवार वालों ने पास के एक अस्पताल में उसे दिखाया. लेकिन पेट का दर्द सही न होने पर महिला अपने परिजनों के साथ एलटी भट्ट राजकीय अस्पताल पहुंची. सुबह से शाम तक परिजन डॉक्टरों से इलाज के लिए गुहार लगाते रहें लेकिन किसी ने एक न सुनी.

अस्पताल में दर्द से तड़पती रही महिला

नईम दिल्ली में रहकर बढ़ई का कार्य करता है. जबकि उसकी मां शकीला उसकी पत्नी साहिदा, तीन माह की दुधमुहीं बच्ची व छोटे भाई फईम के साथ काशीपुर के रामनगर रोड स्थित कचनाल गाजी में रहती हैं. महिला के देवर फईम का आरोप है कि उसने डॉक्टर के घर पर पहुंचकर भाभी को देखने का निवेदन किया. लेकिन डॉक्टर ने एक न सुनी. इस दौरान जब वह वापस भाभी के पास लौटा तो इमरजेंसी के डॉक्टर राजीव चौहान ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत की खबर सुनकर परिजन हैरान हो गए. परिजनों में अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए.

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वहीं वहां किसी अन्य कार्य के लिए पहुंचे कोतवाल चंद्र मोहन सिंह ने मानवता का परिचय देते हुए परिजनों को पोस्टमार्टम की सलाह दी. परंतु परिजन बिना पोस्टमार्टम कराएं महिला का शव लेकर चले गए. अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके टम्टा ने मामले में लापरवाही की बात को नकारा है.

Intro:

Summary- सिस्टम ने एक बार फिर एक असहाय और गरीब परिवार की तीन माह की दूधमुंही बच्ची से उसकी मां की जिंदगी छीन ली। सिस्टम के आगे एक बेबस और लाचार पेट दर्द की पीड़िता ने घुटने टेक दिए। परिवार को शोक के सागर में छोड़ सिस्टम से बिना शिकायत किये एक महिला दुनिया को अलविदा कह गई। उसने व्यवस्था से लड़ने की बहुत कोशिश की, मगर सिस्टम के आगे लड़ते लड़ते आखिरकार उसकी सांसें उखड़ गयी।

एंकर- सिस्टम ने एक बार फिर एक असहाय और गरीब परिवार की तीन माह की दूधमुंही बच्ची से उसकी मां की जिंदगी छीन ली। सिस्टम के आगे एक बेबस और लाचार पेट दर्द की पीड़िता ने घुटने टेक दिए। परिवार को शोक के सागर में छोड़ सिस्टम से बिना शिकायत किये एक महिला दुनिया को अलविदा कह गई। उसने व्यवस्था से लड़ने की बहुत कोशिश की, मगर सिस्टम के आगे लड़ते लड़ते आखिरकार उसकी सांसें उखड़ गयी।
Body:वीओ- दरअसल नईम दिल्ली में रहकर बढ़ई का कार्य करता है। जबकि उसकी मां शकीला उसकी पत्नी साहिदा, तीन माह की दुधमुहीं बच्ची व छोटे भाई फईम के साथ काशीपुर के रामनगर रोड स्थित ग्राम कचनाल गाजी में रहती हैं। बीते दो दिन पूर्व पेट में दर्द की शिकायत हुई जिसपर देवर फईम ने उसे पास के ही एक चिकित्सक को दिखाया। पेट दर्द सही नही होने पर वह बुधवार की सुबह अपनी मां तथा भाभी साहिदा को साथ लेकर एलडी भट्ट राजकीय चिकित्सालय पहुंच गया। सुबह से दोपहर तक वह मौजूद चिकित्सकों व अस्पताल स्टाफ से भाभी शाहिदा को उपचार करने की गुहार कर गिड़गिड़ाता रहा। जब दोपहर तक उसकी किसी ने नही सुनी तो वह अपनी भाभी को नगर के एक निजी अल्ट्रासाउंड केन्द्र में ले गया, जहां जांच के उपरांत वह पुनः राजकीय चिकित्सालय वापस आ गया। फईम का आरोप है कि इस दौरान एक चिकित्सक के घर पहुंच उनसे भाभी को देखे जाने की गुहार भी लगायी, परन्तु फईम की गुहार का उक्त चिकित्सक पर कोई असर न पड़ा। वह वापिस जब अस्पताल में अपनी भाभी के पास लौट कर आया इस दौरान इमरजैंसी में मौजूद चिकित्सक डा. राजीव चैहान ने साहिदा की नब्ज टटोली तो वह दम तोड़ चकी थी। उसकी मौत से परिजन हैरान रह गये। उन्होंने चिकित्सालय प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया, इस दौरान किसी अन्य कार्य से वहां पहुंचे कोतवाल चन्द्र मोहन सिंह ने मानवता का परिचय देते हुए मृतका साहिदा का पोस्टमार्टम कराने की सलाह दी, परन्तु परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये ही अपने साथ शव को घर ले गये। यदि यही मानवता अस्पताल में कार्यरत सर्जन डॉक्टर पीके सिन्हा ने दिखाई होती तो शायद आज 3 माह के दुधमुंही की बच्ची की मां जिंदा होती। एक बार फिर सरकारी सिस्टम के आगे मानवता हार गई। इस मामले में जब अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके टम्टा से बात की गई तो वह लापरवाही की बात को नकारते नजर आए।
बाइट- फईम, मृतका का देवर
बाइट- कुसुम, आशा कार्यकत्री
बाइट- डॉ. वीके टम्टा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, एलडी भट्ट राजकीय चिकित्सालयConclusion:
Last Updated : Nov 22, 2019, 8:04 PM IST
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