काशीपुर: गर्मी की तपिश से लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया है. गर्मी से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के इंतजाम कर रहे हैं. लेकिन, काशीपुर में सरकारी महकमे पीने के पानी का इंतजाम करने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं. पेयजल की व्यवस्था को लेकर सरकारी विभाग पहुंचने वाली जनता पीने के पानी के लिए तरस रही है. देखिए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट....
उत्तर भारत में झुलसा देने वाली गर्मी की वजह से लोग जहां दिन में निकलने से बच रहे हैं तो वहीं जो लोग जरूरी काम से अपने घरों से बाहर निकलकर सरकारी कामों से ऑफिस जा रहे हैं, वो भी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में इस झुलसा देने वाली गर्मी में सरकारी विभागों के अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है.
शीतल पेयजल की उपलब्धता को लेकर कई विभागों में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. काशीपुर में मुख्य बाजार स्थित डाकघर में काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं, लेकिन यहां पेयजल की किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नजर नहीं आने के कारण लोग पानी के लिए परेशान दिखाई दिए. डाकघर में लगा वॉटर प्यूरीफायर पिछले 7 वर्षों से खराब पड़ा हुआ है.
मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर बीएस रावत ने बताया कि पानी कनेक्शन की मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. कर्मचारी एकमात्र समरसर्बिल के पानी के भरोसे ही रहते हैं, जिसमें गंदा पानी आने के कारण बदहाली का आलम है.
रोडवेज डिपो में 4 वर्ष पूर्व एक सामाजिक संस्था की ओर से वाटर कूलर लगाया गया था, जो कुछ दिन तक ठीक चला. उसके बाद वह खराब हो गया. जब इस बारे में सहायक महाप्रबंधक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि रोडवेज में लगे वाटर कूलर में करंट की शिकायत के बाद इसे रिपेयर करने वाले को बुलवाया गया है. इसके ठीक होने के बाद ठंडे पानी की सेवा दी जा सकेगी.
राजकीय चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल में लगा एकमात्र वाटर कूलर गर्मी के शुरु होते ही खराब हो गया. इस समय इससे सिर्फ सादा पानी ही आ रहा है, जो गर्मी में प्यास बुझाने में फेल साबित हो रहा है.