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विभागीय लापरवाही उपभोक्ताओं पर पड़ रही भारी, सरकारी कार्यालयों में नहीं है पेयजल व्यवस्था

काशीपुर के कई सरकारी संस्थानों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, इस मामले में विभागीय अधिकारी कोई जबाव ने देकर टालमटोल करते दिखे.

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Published : May 4, 2019, 10:01 AM IST

विभाग नहीं बुझा पा रहे लोगों की प्यास.

काशीपुर: गर्मी की तपिश से लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया है. गर्मी से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के इंतजाम कर रहे हैं. लेकिन, काशीपुर में सरकारी महकमे पीने के पानी का इंतजाम करने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं. पेयजल की व्यवस्था को लेकर सरकारी विभाग पहुंचने वाली जनता पीने के पानी के लिए तरस रही है. देखिए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट....

उत्तर भारत में झुलसा देने वाली गर्मी की वजह से लोग जहां दिन में निकलने से बच रहे हैं तो वहीं जो लोग जरूरी काम से अपने घरों से बाहर निकलकर सरकारी कामों से ऑफिस जा रहे हैं, वो भी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में इस झुलसा देने वाली गर्मी में सरकारी विभागों के अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है.

विभाग नहीं बुझा पा रहे लोगों की प्यास.

शीतल पेयजल की उपलब्धता को लेकर कई विभागों में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. काशीपुर में मुख्य बाजार स्थित डाकघर में काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं, लेकिन यहां पेयजल की किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नजर नहीं आने के कारण लोग पानी के लिए परेशान दिखाई दिए. डाकघर में लगा वॉटर प्यूरीफायर पिछले 7 वर्षों से खराब पड़ा हुआ है.

मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर बीएस रावत ने बताया कि पानी कनेक्शन की मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. कर्मचारी एकमात्र समरसर्बिल के पानी के भरोसे ही रहते हैं, जिसमें गंदा पानी आने के कारण बदहाली का आलम है.

रोडवेज डिपो में 4 वर्ष पूर्व एक सामाजिक संस्था की ओर से वाटर कूलर लगाया गया था, जो कुछ दिन तक ठीक चला. उसके बाद वह खराब हो गया. जब इस बारे में सहायक महाप्रबंधक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि रोडवेज में लगे वाटर कूलर में करंट की शिकायत के बाद इसे रिपेयर करने वाले को बुलवाया गया है. इसके ठीक होने के बाद ठंडे पानी की सेवा दी जा सकेगी.

राजकीय चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल में लगा एकमात्र वाटर कूलर गर्मी के शुरु होते ही खराब हो गया. इस समय इससे सिर्फ सादा पानी ही आ रहा है, जो गर्मी में प्यास बुझाने में फेल साबित हो रहा है.

काशीपुर: गर्मी की तपिश से लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया है. गर्मी से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के इंतजाम कर रहे हैं. लेकिन, काशीपुर में सरकारी महकमे पीने के पानी का इंतजाम करने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं. पेयजल की व्यवस्था को लेकर सरकारी विभाग पहुंचने वाली जनता पीने के पानी के लिए तरस रही है. देखिए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट....

उत्तर भारत में झुलसा देने वाली गर्मी की वजह से लोग जहां दिन में निकलने से बच रहे हैं तो वहीं जो लोग जरूरी काम से अपने घरों से बाहर निकलकर सरकारी कामों से ऑफिस जा रहे हैं, वो भी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में इस झुलसा देने वाली गर्मी में सरकारी विभागों के अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है.

विभाग नहीं बुझा पा रहे लोगों की प्यास.

शीतल पेयजल की उपलब्धता को लेकर कई विभागों में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. काशीपुर में मुख्य बाजार स्थित डाकघर में काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं, लेकिन यहां पेयजल की किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नजर नहीं आने के कारण लोग पानी के लिए परेशान दिखाई दिए. डाकघर में लगा वॉटर प्यूरीफायर पिछले 7 वर्षों से खराब पड़ा हुआ है.

मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर बीएस रावत ने बताया कि पानी कनेक्शन की मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. कर्मचारी एकमात्र समरसर्बिल के पानी के भरोसे ही रहते हैं, जिसमें गंदा पानी आने के कारण बदहाली का आलम है.

रोडवेज डिपो में 4 वर्ष पूर्व एक सामाजिक संस्था की ओर से वाटर कूलर लगाया गया था, जो कुछ दिन तक ठीक चला. उसके बाद वह खराब हो गया. जब इस बारे में सहायक महाप्रबंधक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि रोडवेज में लगे वाटर कूलर में करंट की शिकायत के बाद इसे रिपेयर करने वाले को बुलवाया गया है. इसके ठीक होने के बाद ठंडे पानी की सेवा दी जा सकेगी.

राजकीय चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल में लगा एकमात्र वाटर कूलर गर्मी के शुरु होते ही खराब हो गया. इस समय इससे सिर्फ सादा पानी ही आ रहा है, जो गर्मी में प्यास बुझाने में फेल साबित हो रहा है.

Intro:सम्बन्धित खबर के विज़ुअल और बाइट्स लाइव यु से भेज दी गयी हैं। अप्रैल के महीने में ही गर्मी ने दस्तक दे दी है। चिलचिलाती गर्मी में लोगों का घरों से निकलना दूभर कर दिया है लेकिन इस गर्मी को दूर करने के लिए पानी इस समय अमृत के समान लग रहा है। काशीपुर में सरकारी महकमों में गला तर करने के इंतजाम लगभग जीरो हैं। इसी का जायजा लेते काशीपुर से पेश है विशेष रिपोर्ट-


Body:वीओ- उत्तर भारत में झुलसा देने वाली गर्मी अपने लोगों की अप्रैल के महीने में ही चीखें निकाल कर रख दी हैं। गर्मी की वजह से लोग जहां दिन में निकलने से बच रहे हैं तो वही जो लोग जरूरी काम से अपने घरों से दिन में बाहर निकल भी रहे हैं तो ऐसे लोगों को घर से बाहर पानी का ही एक सहारा है। ऐसे में इस झुलसा देने वाली गर्मी में काशीपुर में सरकारी विभागों में अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। अधिकांश विभागों ने कामकाज के सिलसिले में आने वाले लोगों के लिए शीतल पेयजल की व्यवस्था तक नहीं की है। विभागीय कर्मचारियों के साथ दफ्तरों में आने वाले लोगों को भी मजबूरी में अपने साथ पानी की बोतलें लानी पड़ रही हैं। वीओ- अप्रैल की शुरुआत से ही भीषण गर्मी में लोग तेज धूप और लू के थपेड़ों से जूझ रहे हैं शीतल पेयजल की उपलब्धता को लेकर कई विभागों में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो चौकाने वाले नतीजे सामने आए। काशीपुर में मुख्य बाजार स्थित डाकघर में अपने काम के लिए पहुंचे लोगों की संख्या काफी रहती है लेकिन यहां पेयजल की किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नजर नहीं आई। डाकघर में लगा वॉटर प्यूरीफायर पिछले 7 वर्षों से खराब है। मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर बी एस रावत के मुताबिक पानी के कनेक्शन की मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। पानी की किसी भी तरह की व्यवस्था यहां पर नहीं है। यहां के कर्मचारी यहां के एकमात्र समर्सिबल के पानी के भरोसे ही रहते हैं जिसमें पानी गंदा आता है। वीओ- रोडवेज डिपो में 4 वर्ष पूर्व एक सामाजिक संस्था की ओर से वाटर कूलर लगाया गया था जो कुछ दिन तक ठीक चला उसके बाद वह खराब हो गया। जब इस बारे में के सहायक महाप्रबंधक से जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि रोडवेज में लगे वाटर कूलर में करंट की शिकायत के बाद इसे रिपेयर करने वाले को बुलवाया गया है, इसके ठीक होने के बाद ठंडे पानी की सेवा दी जा सकेगी। राजकीय चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल में लगा एकमात्र वाटर कूलर पहले तो ठंडा पानी देता था लेकिन गर्मी शुरू होते हैं वह भी खराब हो गया है और सादा पानी दे रहा है। बाइट- बी एस रावत, पोस्ट मास्टर,मुख्य डाकघर बाइट- ए.के. सैनी सहायक महाप्रबंधक रोडवेज बाइट- मनोज पन्त, स्थानीय निवासी बाइट- शशिबाला, स्थानीय निवासी


Conclusion:
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