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'तूफानी' शारदा नदी से आबादी को बचाने के लिए कितने कारगर हैं सरकारी इंतजाम, जानिए - sharda river news

तूफानी नदी के नाम से पहचान रखने वाली शारदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. ऐसे में सरकारी अफसर अपनी तैयारी पूरी बता रहे हैं. आइए जानते हैं सरकारी तैयारियों के बारे में.

शारदा नदी
शारदा नदी
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Published : Aug 12, 2020, 5:11 PM IST

खटीमाः उधम सिंह नगर में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमा को छूकर बहने वाली शारदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में शारदा नदी के किनारे बसी बस्तियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. सभी बाढ़ आपदा चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है.

उत्तराखंड के सीमांत जनपद चम्पावत में बीती रात से लगातार हो रही बारिश के कारण जनपद के सीमांत क्षेत्र से होकर बहने वाली शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है.

शारदा नदी का बढ़ा जलस्तर

बता दें कि पर्वतीय क्षेत्रों में काली नदी के नाम से पुकारे जाने वाली तूफानी नदी को मैदानी क्षेत्रों में शारदा नदी के नाम से पुकारा जाता है. ये नदी हर साल मॉनसून के वक्त प्रचंड रूप धारण कर भारी तबाही मचाने के लिए जानी जाती है. ऐसे में इसके किनारे बसा आबादी क्षेत्र हमेशा खतरे की जद में रहता है.

पढ़ेंः भारत-चीन तल्खी के बीच उत्तराखंड सरकार का बड़ा कदम, गृह मंत्री को भेजा प्रस्ताव

ऐसे में इस बात को ध्यान में रखते हुए चम्पावत जिला प्रशासन ने बीते समय में कई सकारात्मक कदम उठाये हैं. जिनमें नदी में डायवर्जन दीवारें बनाकर बहाव की दिशा नियन्त्रण की कोशिश करना शामिल है. लेकिन एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने जनपद के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में शारदा नदी के डूब क्षेत्र में आने वाली बस्तियों की निगरानी के लिए जगह-जगह बाढ़ आपदा नियन्त्रण चौकियों को स्थापित किया है.

ये बाढ़ चौकियां मॉनसून की शुरुआत के साथही एक्टिव हो जाती हैं. जिनमें तैनात स्थानीय कर्मचारी समय-समय पर नदी के बहाव की जानकारी जिला मुख्यालय को देते रहते हैं. साथ ही किसी भी आपदा की स्थिति में इन क्षेत्रों में बसी आबादी को स्थानांतरित भी करते हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी कि जिला प्रशासन के ये उपाय बाढ़ की स्थिति में कितने कारगर साबित होंगे?

खटीमाः उधम सिंह नगर में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमा को छूकर बहने वाली शारदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में शारदा नदी के किनारे बसी बस्तियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. सभी बाढ़ आपदा चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है.

उत्तराखंड के सीमांत जनपद चम्पावत में बीती रात से लगातार हो रही बारिश के कारण जनपद के सीमांत क्षेत्र से होकर बहने वाली शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है.

शारदा नदी का बढ़ा जलस्तर

बता दें कि पर्वतीय क्षेत्रों में काली नदी के नाम से पुकारे जाने वाली तूफानी नदी को मैदानी क्षेत्रों में शारदा नदी के नाम से पुकारा जाता है. ये नदी हर साल मॉनसून के वक्त प्रचंड रूप धारण कर भारी तबाही मचाने के लिए जानी जाती है. ऐसे में इसके किनारे बसा आबादी क्षेत्र हमेशा खतरे की जद में रहता है.

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ऐसे में इस बात को ध्यान में रखते हुए चम्पावत जिला प्रशासन ने बीते समय में कई सकारात्मक कदम उठाये हैं. जिनमें नदी में डायवर्जन दीवारें बनाकर बहाव की दिशा नियन्त्रण की कोशिश करना शामिल है. लेकिन एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने जनपद के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में शारदा नदी के डूब क्षेत्र में आने वाली बस्तियों की निगरानी के लिए जगह-जगह बाढ़ आपदा नियन्त्रण चौकियों को स्थापित किया है.

ये बाढ़ चौकियां मॉनसून की शुरुआत के साथही एक्टिव हो जाती हैं. जिनमें तैनात स्थानीय कर्मचारी समय-समय पर नदी के बहाव की जानकारी जिला मुख्यालय को देते रहते हैं. साथ ही किसी भी आपदा की स्थिति में इन क्षेत्रों में बसी आबादी को स्थानांतरित भी करते हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी कि जिला प्रशासन के ये उपाय बाढ़ की स्थिति में कितने कारगर साबित होंगे?

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