काशीपुर: प्रत्येक वर्ष काशीपुर में आयोजित होने वाले उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध चैती मेले की तैयारियों को लेकर पंडा परिवार के साथ जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. इसी क्रम में चैती मेले की तैयारियों को लेकर काशीपुर में मां बाल सुंदरी देवी मंदिर परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों ने उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में पंडा परिवार के सदस्यों के साथ एक सामूहिक बैठक आयोजित की. बैठक में चैती मेले की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई.
बता दें कि, प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के प्रथम नवरात्र से काशीपुर के मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में चैती मेले का आयोजन होता रहा है. इस वर्ष चैती मेले का आगाज 22 मार्च से चैत्र मास के प्रथम नवरात्र से होना है. लगभग महीने भर तक चलने वाले इस चैती मेले की तैयारियों को लेकर काशीपुर के उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा चैती मेला प्रांगण तथा भगवती मां बाल सुंदरी मंदिर के साथ-साथ मेले के आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया.
इस दौरान सीओ काशीपुर वंदना वर्मा के अलावा दमकल विभाग, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग समेत मेले से संबंधित विभिन्न सरकारी कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारी तथा पंडा परिवार के सदस्य उपस्थित रहे. मीडिया से रूबरू होते हुए उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने कहा कि मेले से संबंधित टेंडर प्रक्रिया भी जल्द ही संपन्न करा दी जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी मेले का सफल आयोजन किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि मेला घूमने आने वाले तथा प्रसाद चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा का सामना ना करना पड़े, इसके लिए व्यवस्थाओं को लेकर बैठक का आयोजन किया गया है. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि चैती मेले में नक्शे के मुताबिक ही दुकानें लगें. मेले के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो, इसके लेकर भी तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मेडिकल टीम चैती मेले के दौरान तैनात रहेगी. काशीपुर आरओबी निर्माण के चलते ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे.
वहीं, भगवती मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के मुख्य पंडा विकास अग्निहोत्री ने बताया कि प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल की सप्तमी और अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि मां बाल सुंदरी देवी की स्वर्ण प्रतिमा नगर मंदिर से मां बाल सुंदरी देवी चैती मंदिर पहुंचती है. त्रयोदशी और चतुर्दशी की मध्यरात्रि मां का डोला चैती मंदिर से नगर मंदिर की तरफ वापसी करता है. इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाते हैं और मन्नत मांगते हैं. उन्होंने कहा कि मीटिंग का उद्देश्य मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े, उसकी व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई.