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जिसे मरा समझ पुलिस ने करा दिया पोस्टमार्टम, वह आया सामने और बोला- 'मैं जिंदा हूं'

पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर झोपड़ी में मरने वाला सख्स कौन था.

मृत बताया जा रहा साधू पहुंचा कोतवाली
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Published : Feb 2, 2019, 10:14 PM IST

रुद्रपुरः किच्छा कोतवाली में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मृत बताया जा रहा साधू थाने पहुंच गया और खुद को जिंदा बताया. जिससे पुलिस भी हैरत में पड़ गई. 31 जनवरी की देर रात किच्छा कोतवाली क्षेत्र के कलकत्ता फार्म स्थित एक मंदिर के पास बनी झोपड़ी में आग लग गयी थी. आग लगने से झोपड़ी में एक सख्स की मौत हो गई थी. मामले में पुलिस ने साधू के नाम पंचनामा भर पोस्टमार्टम भी करा दिया था.

लेकिन अब साधू के जिंदा होने पर कोतवाली में हड़कंप मचा गया है. पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर झोपड़ी में मरने वाला सख्स कौन था.

मृत बताया जा रहा साधू पहुंचा कोतवाली.
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पढ़ें- कफोलस्यूं महोत्सव में संगीता ढौंडियाल के गानों पर जमकर थिरके लोग

जानकारी के अनुसार किच्छा कोतवाली क्षेत्र के पिपलिया चौराहे पर मंदिर के पास एक झोपड़ी में 31 जनवरी की रात आग लग गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की जल कर मौत हो गई थी. पुलिस ने आस-पास पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि यहां बाबा उमाशंकर रहता था, पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम भी उमाशंकर के नाम से करा दिया.

उमाशंकर की मौत की खबरें भी अखबारों में छप गई. आज सुबह जब बाबा उमाशंकर ने अपनी मौत की खबर पढ़ी तो दंग रह गया और अखबार को लेकर कोतवाली पहुंच गया. बाबा का कहना है कि वो अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए यूपी के बलिया गए हुए थे और इसके बाद कुंभ जाने के लिए रुपये का इंतजाम करने के लिए गदरपुर (ऊधमसिंह नगर) में भिक्षा मांग रहे थे.

पढ़ें- 7 साल से पुलिस के लिए सिरदर्द बना था ये फरार अपराधी, ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

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31 जनवरी की रात हुए अग्निकांड में कौन सख्स जिंदा जला है वह नहीं जानते. लेकिन अखबारों में जिस साधू के जल कर मौत होने की खबर छपी है वह मैं ही हूं. उसे मृत कैसे दर्शा दिया गया. अब सवाल यह उठता है कि यदि उमाशंकर जिंदा है तो झोपड़ी में आग लगने से मरने वाला कौन था? पुलिस के लिए यह पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

रुद्रपुरः किच्छा कोतवाली में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मृत बताया जा रहा साधू थाने पहुंच गया और खुद को जिंदा बताया. जिससे पुलिस भी हैरत में पड़ गई. 31 जनवरी की देर रात किच्छा कोतवाली क्षेत्र के कलकत्ता फार्म स्थित एक मंदिर के पास बनी झोपड़ी में आग लग गयी थी. आग लगने से झोपड़ी में एक सख्स की मौत हो गई थी. मामले में पुलिस ने साधू के नाम पंचनामा भर पोस्टमार्टम भी करा दिया था.

लेकिन अब साधू के जिंदा होने पर कोतवाली में हड़कंप मचा गया है. पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर झोपड़ी में मरने वाला सख्स कौन था.

मृत बताया जा रहा साधू पहुंचा कोतवाली.
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जानकारी के अनुसार किच्छा कोतवाली क्षेत्र के पिपलिया चौराहे पर मंदिर के पास एक झोपड़ी में 31 जनवरी की रात आग लग गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की जल कर मौत हो गई थी. पुलिस ने आस-पास पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि यहां बाबा उमाशंकर रहता था, पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम भी उमाशंकर के नाम से करा दिया.

उमाशंकर की मौत की खबरें भी अखबारों में छप गई. आज सुबह जब बाबा उमाशंकर ने अपनी मौत की खबर पढ़ी तो दंग रह गया और अखबार को लेकर कोतवाली पहुंच गया. बाबा का कहना है कि वो अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए यूपी के बलिया गए हुए थे और इसके बाद कुंभ जाने के लिए रुपये का इंतजाम करने के लिए गदरपुर (ऊधमसिंह नगर) में भिक्षा मांग रहे थे.

पढ़ें- 7 साल से पुलिस के लिए सिरदर्द बना था ये फरार अपराधी, ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

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31 जनवरी की रात हुए अग्निकांड में कौन सख्स जिंदा जला है वह नहीं जानते. लेकिन अखबारों में जिस साधू के जल कर मौत होने की खबर छपी है वह मैं ही हूं. उसे मृत कैसे दर्शा दिया गया. अब सवाल यह उठता है कि यदि उमाशंकर जिंदा है तो झोपड़ी में आग लगने से मरने वाला कौन था? पुलिस के लिए यह पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

स्लग - अपनी मौत की खबर लेकर कोतवाली पहुंचा साधू।  
स्थान - रुद्रपुर।  
रिपोर्ट - राकेश रावत।  

एंकर - किच्छा कोतवाली में उस वक्त हड़ककम्प मच गया जब एक साधू अपनी मौत की खबर लेकर खुद थाने पहुंचा । उसके हाथ में कुछ अखबार भी थे। 31 जनवरी की देर रात किच्छा कोतवाली क्षेत्र के कलकत्ता फार्म में एक मंदिर के पास बनी झोपडी में आग लग गयी थी। आग लगने से एक सख्स जिंदा जल गया था। मामले में पुलिस ने साधू के नाम का पंचनामा भर पोस्टमार्ट भी करा दिया। लेकिन साधू के जिंदा होने पर कोतवाली में हड़कंप मचा गया। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर झौपड़ी में मरने वाला सख्स कौन था।  

वीओ - किच्छा कोतवाली क्षेत्र के पिपलिया चौराहे पर मंदिर के पास एक झौपड़ी में 31 जनवरी की रात को आग लग गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की जल कर मौत हो गई थी। पुलिस ने आस पास पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि यहां बाबा उमाशंकर रहता था। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम भी उमाशंकर के नाम से करा दिया। उमाशंकर की मौत की खबरें भी अखबारों में छप गई। आज सुबह जब बाबा उमाशंकर ने अपनी मौत की खबर पढ़ी तो दंग बाबा के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह अखबार को लेकर कोतवाली पहुंच गये ओर अपनी मौत की खबर को झूठा बता दिया, बाबा का कहना है कि वो अपना आधार कार्ड बनवाने के सिलसिले में बाहर गये थे। 31 जनवरी की रात हुए अग्निकांड में कौन सख्स जिंदा जला है वह निहि जानते लेकिन अखबारों में जिस साधू के जल कर मौत की खबर लगी है वह मैं हूं । उसे मृत कैसे दर्शा दिया गया। अब सवाल यह उठता है कि यदि उमाशंकर जिंदा है तो झौपड़ी में आग लगने से मरने वाला कौन था? पुलिस के लिए यह पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है। 

बाइट - उमा शंकर, साधू।  

वही एएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि मृतक के डीएनए से उसकी पहचान कराने की कोशिश की जाएगी साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी है।  

बाइट - देवेन्द्र पींचा, एएसपी।  

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