रुद्रपुर: साल 2020 के गोविंद यादव हत्याकांड में कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. एडीजीसी ने कोर्ट के समक्ष ग्यारह गवाह पेश किए गए थे.
जानकारी के मुताबिक 10 फरवरी 2020 को राकेश यादव निवासी पीलीकोठी चामुंडा मंदिर ने ट्रांजिट कैंप थाने में तहरीर दी थी, जिसमें उसने कहा था कि 9 फरवरी रात को उसका भाई गोविंद यादव, जीजा जगदीश मौर्य, मां रेखा और छोटा भाई राजेश यादव, बहन निशा के घर पर खाना खा रहे थे.
राकेश यादव ने पुलिस को बताया था कि उनका पड़ोस में रहने वाले लालमन से रुपयों को लेकर विवाद चल रहा था, लेकिन जैसे ही उसका भाई गोविंद खाना खाने के बाद दरवाजे पर हाथ धोने के लिए गया, तभी लालमन ने उसके साथ गाली गलौज करनी शुरू कर दी. गोविंद कुछ समझ पता इससे पहले लालमन ने उसके भाई पर चाकू से हमला कर दिया. शोर शराबा सुनकर जब वो लोग बाहर आए तो देखा कि गोविंद नीचे गिरा हुआ है और लालमन ने उस पर चाकू से ताबड़तोड़ कई वार किए थे.
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इसी बीच लालमन मौके फरार हो गया. परिजनों आनन फानन में गोविंद को जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मौके से मिले चाकू को एफएसएल भेजा. चाकू पर लगा खून मृतक का निकला, जिसके बाद लालमन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तब से लेकर मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की अदालत में चल रहा था.
इस दौरान एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने अदालत के सामने ग्यारह गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने हत्याकांड के दोषी लालमन को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है. साथ ही अर्थदंड की धनराशि में से चालीस हजार मृतक के परिजनों को प्रतिकर अदा किया जाए.