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दोस्त के हत्यारे को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

9 दिसंबर 2010 को अजय की मौत हो गई थी. पुलिस ने अजय के पिता की शिकायत पर सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. जिसके बाद 27 जनवरी 2011 को रम्पुरा से सोनू को गिरफ्तार किया गया था.

रुद्रपुर
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Published : Nov 8, 2019, 11:11 PM IST

रुद्रपुर: युवक की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने मृतक के दोस्त को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस पूरे मामले सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता में कोर्ट में 15 गवाह पेश किए थे.

बता दें कि दस दिसंबर 2010 को शंकर सिंह ने रुद्रपुर कोतवाली में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके बेटे अजय को नवंबर में उसके दोस्त सोनू ने काम के लिए रुद्रपुर बुलाया था. रुद्रपुर में सोनू ने अजय को शराब पिलाई थी जिसके बाद सोनू, अजय को लेकर पास जंगल में चला गया, जहां उसने उस पर धारदार हथियार से हमला किया था.

पढ़ें- 19 सालों में उत्तराखंड पुलिस ने क्या पाया, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातची

इस दौरान अजय ने शोर-शराबा किया तो आसपास मौजूद लोग भी मौके पर पहुंच गए. लोगों का आता देख सोनू मौके से फरार हो गया. मौके पर मौजूद लोगों ने घायल हालत में अजय को 108 सेवा की मदद जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर बरेली रेफर किया गया. लेकिन बरेली में इलाज के दौरान अजय ने दम तोड़ दिया.

बरेली में उपचार के दौरान अजय ने सारी घटना अपने परिजनों को बता दी थी.वहीं, 9 दिसंबर 2010 को अजय की मौत हो गई थी. पुलिस ने अजय के पिता की शिकायत पर सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. जिसके बाद 27 जनवरी 2011 को रम्पुरा से सोनू को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की. कोर्ट में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने 15 गवाह पेश किये. जिसके बाद सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सोनू को दोषी मानते हुए कारावास की सजा सुनाई है.

रुद्रपुर: युवक की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने मृतक के दोस्त को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस पूरे मामले सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता में कोर्ट में 15 गवाह पेश किए थे.

बता दें कि दस दिसंबर 2010 को शंकर सिंह ने रुद्रपुर कोतवाली में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके बेटे अजय को नवंबर में उसके दोस्त सोनू ने काम के लिए रुद्रपुर बुलाया था. रुद्रपुर में सोनू ने अजय को शराब पिलाई थी जिसके बाद सोनू, अजय को लेकर पास जंगल में चला गया, जहां उसने उस पर धारदार हथियार से हमला किया था.

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इस दौरान अजय ने शोर-शराबा किया तो आसपास मौजूद लोग भी मौके पर पहुंच गए. लोगों का आता देख सोनू मौके से फरार हो गया. मौके पर मौजूद लोगों ने घायल हालत में अजय को 108 सेवा की मदद जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर बरेली रेफर किया गया. लेकिन बरेली में इलाज के दौरान अजय ने दम तोड़ दिया.

बरेली में उपचार के दौरान अजय ने सारी घटना अपने परिजनों को बता दी थी.वहीं, 9 दिसंबर 2010 को अजय की मौत हो गई थी. पुलिस ने अजय के पिता की शिकायत पर सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. जिसके बाद 27 जनवरी 2011 को रम्पुरा से सोनू को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की. कोर्ट में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने 15 गवाह पेश किये. जिसके बाद सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सोनू को दोषी मानते हुए कारावास की सजा सुनाई है.

Intro:एंकर - दोस्त की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट ने आरोपी दोस्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस दौरान सहायक अधिवक्ता दीपक आरोरा ने 15 गवाह पेश किए गए।
Body:वीओ - 10 दिसम्बर 2010 को शंकर सिंह निवासी बरेली रोड द्वारा रुद्रपुर कोतवाली में तहरीर सौंपकर बताया था। कि उनके बेटे अजय का नेकपुर बरेली निवासी सोनू दोस्त था। दोनों काफी अच्छे दोस्त थे। उन्होंने बताया की सोनू नवंबर 2010 में अजय को काम में लगाने का लालच देकर रुद्रपुर लाया था। यहां सोनू ने अजय को शराब पिलाकर रम्पुरा स्थित एक होटल के पास जंगल में लेजाकर कर उस पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया था। जिसके बाद शोर शराब सुनकर आसपास के लोग एकत्र हो गये,भीड़ देख सोनू वहां से फरार हो गया जिसके बाद घायल अजय को स्थानीय लोगो द्वारा 108 एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत देख उसे बरेली रेफर कर दिया। बरेली में उपचार के दौरान घायल अजय ने सारी घटना अपने परिजनों को बता दी थी। 9 दिसंबर 2010 को अजय की मौत हो गई। पुलिस ने पीड़ित पिता की शिकायत पर मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी सोनू को 27 जनवरी 2011 को रम्पुरा से गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद मामला कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने 15 गवाह पेश किये, जिसका संज्ञान लेते हुए आज प्रथम अपर जिला जज संजीव कुमार ने आरोपी दोस्त सोनू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
Conclusion:
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